विदेशों के साथ तिब्बती समस्या पर बहस करते समय चीन के शांगहाई स्थित फूचियन विश्वविद्यालय के प्रोफेसर श्री ग च्यैन श्योंग अक्सर यह पूछते हैं कि क्या आप चाहते हैं कि तिब्बती जनता हमेशा याक की सवारी करे और गाड़ी पर नहीं बैठे। क्यों तिब्बती लोग पुरानी जीवन शैली में जीवन जीते रहें। उन का विचार है कि तिब्बती जनता को अपनी जीवन शैली चुनने का अधिकार है।
पिछली शताब्दी के 80 के दशक से प्रोफेसर ग च्यैन श्योंग ने तिब्बत की यात्रा शुरु की । वे तिब्बत के वातावरण और परम्परागत संस्कृति को बरकरार रखने का सुझाव पेश करते हैं, लेकिन, वे भी कुछ देशों द्वारा तिब्बत समस्या पर दोहरे मापदंड अपनाने का विरोध करते हैं। एक बार उन्होंने मैक्सिको के उप विदेश मंत्री से बातचीत करते समय यह कहा कि कुछ विदेशी लोग तिब्बत की यात्रा करते समय यह देखते हैं कि लामा अंग्रेजी बोलते हैं, और बहुत खुश हैं।तो वह कहते हैं कि लामा का चीनी बोलना उन की संस्कृति पर आक्रमण है।
प्रोफेसर ग च्यैन श्योंग ने कहा कि जीवन शैली और संस्कृति विविधतापूर्ण है, जनता को इसे चुनने का अधिकार है। सारी दुनिया आधुनिकीकरण का सामना कर रही है। तिब्बत बाकी दूसरी जगहों से कट कर नहीं जी सकता। उन्होंने कहा कि तिबब्त समस्या पर चीन अंतरराष्ट्रीय समुदाय की विभिन्न आवाज़ों और उचित सुझावों का स्वागत करता है।