चीन के हेपए प्रांत के शिंगथाए गांव से आए किसान श्वी युंग हवा ने कहा गत सितम्बर को मैं क्वांगतुंग से अपने गांव लौटा, अब कई महीने गुजर चुके हैं , मैं अब तक दूसरी नौकरी ढूंढ नहीं पा सका, मैं बहुत ही बैचेन हूं। सात साल पहले किसान श्वी युंग हवा अपने गांव को छोड़कर चीन के समुद्रतटीय शहर क्वांगचओ के एक उद्योग में मजदूरी करने चले गए थे। गत वर्ष के अन्त में अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट की चोट में उनका कारोबार कठिनाईयों में फंस गया और आखिरकार दिवालीया हो गया। बेबस होकर उन्होने सात साल गुजारे इस शहर को छोड़कर अपने गांव लौटने का फैसला लिया।
वास्तव में चीन में श्वी युंग हवा की तरह कोई 2 करोड़ किसान मजदूर हैं जिनकी बीती बिल्कुल समान है। और तो और वित्तीय संकट के कुप्रभाव में चीन के वसंत त्योहार के बाद बहुत से उद्योगों ने पहले के रोजगार दिलाने की योजना में 20 प्रतिशत की कटौती कर डाली। इस तरह एक लम्बे समय में अपने गांव लौटे किसान मजदूरों की रोजगार स्थिति दिनोंदिन गंभीर होती जा रही है।
किसान मजदूरों के नौकरी से हाथ धोने के बाद अपने गांव लौटने की उमड़ती लहर ने चीन के आर्थिक समाज पर क्या प्रभाव डाला है? चीन इस पर क्या प्रतिक्रिया करेगा? इस साल की वार्षिक राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा में गांव लौटे बेरोजगार किसान मजदूर को किस तरह रोजगार दिलाना सभी प्रतिनिधियों के विचार विमर्श का ज्वलंत विषय बना रहा है। राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि, चीनी विज्ञान अकादमी के जन संख्या व श्रम व आर्थिक अनुसंधान प्रतिष्ठान के निदेशक छाए फांग ने कहा कि यदि इस समस्या को हल नहीं किया जाए ,तो वे चीन के आर्थिक व समाज पर काफी गंभीर प्रभाव डाल सकती है। उन्होने कहा पिछले बहुत से सालों में किसानों की आमदनी का मुख्य भाग किसानों के शहरों में जाकर मजदूरी से मिलती रही है, यदि उनकी मजदूरी टूट गयी , स्पष्ट है कि किसान की आमदनी वृद्धि की गति भी धीमी हो सकती है। इस के अलावा, 60 प्रतिशत अधिकतर किसान मजदूरों की आयु तीस साल से नीचे है , उनकी इस समस्या को हल नहीं किया गया तो समाज में अस्थिर कारकें पैदा हो सकते हैं।
चीन सरकार ने इस समस्या पर भारी ध्यान दिया है और सिलसिलेवार कार्यवाहियां से इस का निपटारा किया है। इस साल के चीनी केन्द्रीय कमेटी के नम्बर एक दस्तावेज में पहली बार व्यापक ग्रामीण श्रमिकों के रोजगार की योजना तैयार की है। चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने 5 तारीख को प्रस्तुत अपनी सरकारी कार्य रिपोर्ट में गांव लौटे किसान मजदूरों की रोजगार समस्या सवाल के समाधान पर स्पष्ट रूख अपनाया है। उन्होने कहा किसान मजदूर के रोजगार उपायों व उनकी नौकरी को सुदृढ़ करने के लिए नये रास्ते खोलने चाहिए। सरकार के निवेश तथा कुंजीभूत निर्माण परियोजनाओं को किसान मजूदरों के रोजगार में सक्रिय भूमिका अदा करनी चाहिए। आर्थिक कठिनाई से लिप्त उद्योगों व मजदूरों के बीच वेतन संख्या पर सलाह मश्विरा करने के साथ, नौकरी समय में लचीलापन अपनाने तथा तकनीकी प्रशिक्षण पर भी जोर दिया जाना चाहिए, मजदूरों को नौकरी से हटाने की हर संभावना को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए, इस के अलावा, किसान मजदूरों को अपने गांव के सार्वजनिक संस्थापनों के निर्माण में भाग लेने के लिए गठित किया जाना चाहिए।
वर्तमान स्थानीय सरकार ने अपनी अपनी जगहों की विशेषता के मुताबिक गांव लौटे किसान मजदूरों को रोजगार दिलाने में पूरी मदद प्रदान की है। गत वर्ष भूंकपग्रस्त सीछवान इलाकों के पुनर्निर्माण के लिए श्रमिकों की आवश्यकता है। कुछ प्रांतो ने गांव लौटे किसान मजदूरों के लिए विशेष राहत पूंजी एकत्र कर उद्योगों को रोजगार दिलाने में मदद दी है। जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि, आनहुए प्रांत के श्रम प्रतिभूति विभाग के निदेशक चू युंग ने हमें बताया इन लोगों ने शहरों की नौकरियों में कुछ पैसे कमाने के साथ अपनी विचारधारा व प्रबंधन स्तर तथा तकनीकी क्षमता में भारी तरक्की की है, सरकार द्वारा रोजगार दिलाने की सेवा में या उनको अपना धन्धा खोलने में हम उनका हाथ बंटा सकते हैं।
इस कार्यवाहियों के समर्थन में बहुत से गांव लौटे किसान मजदूरों ने फिर से अपनी पसंद की नौकरी पा ली है, लेकिन दूरदृष्टि से किसान मजदूरों की व्यक्तिगत गुणवत्ता में उन्नति करने व तकनीक की माहिरता हासिल करने के लिए अब भी अनेक समस्याएं मौजूद हैं। शांगहाए से आयी किसान मजदूर की प्रतिनिधि ,सुश्री यू श्वे छिन का मानना है कि हमारी सरकार ने वित्तीय संकट की नाजुक घड़ी में किसान मजदूरों के प्रशिक्षण की शक्ति को सुदृढ़ करने पर कोई कसर नहीं छोड़ी है, उन्होने कहा सरकार व उद्योगों की मदद से तथा किसान मजदूरों के अपने परिश्रम की बदौलत , किसान मजदूरों ने न केवल रोजगार में अपना योगदान किया है बल्कि सरकार ने किसान मजदूरों को रोजगार तकनीक हासिल कराने व तकनीकीकर्ता के प्रशिक्षण में हमारी भारी सहायता की हैं।
वर्तमान चीन में चल रही दो संसदों के सम्मेलन में सभी प्रतिनिधियों ने चीन के किसान मजदूरों की रोजगारी पर भारी ध्यान दिया है, यहां तक कि प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने गांव लौट बेरोजगार किसान मजदूरों को फिर से रोजगार दिलाने के सवाल को भारी महत्व दिया है। चीन सरकार की हर संभव कोशिशों से किसान मजदूरों के मुखड़े में आशा की नयी किरणें उभर रही हैं, वे अपने भविष्य के प्रति पूरी तरह आश्वासन हैं।