चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के सदस्य, तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के उपाध्यक्ष श्री पासांग तुनचु ने हाल में सवाददाता के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि तिब्बती जनता सच्चे माइने में जनवादी स्वशासन व धार्मिक स्वतंत्रता का उपभोग कर रही है ।
उन्होंने कहा कि अब दलाई ग्रुप ने अंतरारष्ट्रीय समुदाय में यह अफ़वाह फैलायी कि तिब्बत में मानवाधिकार नहीं है । वास्तव में यह बिलकुल नहीं है । क्या पुराने तिब्बत में कोई भी मानवाधिकार था?उस समय अपने देश का मालिक बनने की स्वतंत्रता भी नसीब नहीं थी , मानवाधिकार का सवाल ही नहीं उठता । शांतिपूर्ण मुक्ति के बाद तिब्बती लोग सच्चे माइने में देश का मालिक बन गए । जन प्रतिनिधि सभा के हमारे अधिकतर प्रतिनिधि तिब्बती जाति के हैं । तिब्बत में जातीय सरकारी कर्मचारियों में सत्तर प्रतिशत तिब्बती जाति का है, हम पूर्ण रूप से जनवादी स्वशासन करते हैं ।
तिब्बत में धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता की चर्चा करते हुए श्री पासांग तुनचू ने कहा कि केंद्र सरकार तिब्बत के वैध धर्मों का संरक्षण करती है । वर्तमान में तिब्बत में षष्टांग नतमस्तक करने वाले अनुयायी हर जगह देखने को मिलते हैं , तिब्बती लोग सामान्य रूप से घार्मिक गतिविधियां चलाते हैं । तो कैसे कहा जा सकता है कि तिब्बत में मानवाधिकार नहीं है ?(श्याओ थांग)