2009-03-07 16:41:16

वित्तीय संकट के मुकाबले के चीनी राजनयिक कदम से विश्वास व दायित्व व्यक्त

दोस्तो , 11 वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के दूसरे पूर्णाधिवेशन द्वारा हुए सात मार्च को संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्री यांग च्ये छी ने चीन की विदेश नीति व विदेशों के साथ संबंधों जैसे सवालों पर संवाददाताओं के सवालों के उत्तर दिये । भूमंडलीय वित्तीय संकट की स्थिति में विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला करना और अर्थतंत्र के सतत व काफी तेज विकास को बनाये रखना चालू वर्ष में चीन की सरकारी कामों की मुख्य लाइन ही है । जब कि विश्व आर्थिक भूमंडलीकरण की मौजूदा स्थिति में चीनी अर्थतंत्र इस से अलग नहीं हो सकता , चीन के कदम विश्व के लिये आखिर क्या परिणाम ला देंगे ।

2008 में विश्व वित्तीय तूफान ने सारी दुनिया को अपनी लपेट में ले लिया , हालांकि चीन इस तूफान के केंद्र में नहीं रहा है , पर विश्व अर्थतंत्र का 6 प्रतिशत अनुपात बनने वाला चीनी आर्थिक विकास विश्व को फिर भी आकर्षित करता है , 2008 में चीनी अर्थतंत्र ने विश्व आर्थिक वृद्धि के लिये 20 प्रतिशत से अधिक योगदान दिया है । आर्थिक भूमंडलीकरण की पृष्ठभूमि में चीनी राजनयिक कार्य विश्व वित्तीय संकट की चुनौति का कैसे मुकाबला करेगा , चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने अपनी सरकारी कार्य रिपोर्ट में जताया कि चीन सरकार व चीनी जनता विभिन्न देशों की सरकारों व जनता के साथ जोखिम से भरी चुनौतियों का समान रूप से मुकाबला करने और विकास के मौके का फायदा उठाने को तैयार हैं ।

उन्हों ने कहा कि हमारे लिये यह जरूरी है कि विश्व वित्तीय संकट के फैलाव पर रोक लगाने के लिये विभिन्न पक्षों के साथ सार्थक सहयोग किया जाये , अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था में सुधार किया जाये , व्यापार व पूंजी संरक्षणवाद का विरोध किया जाये और विश्व अर्थतंत्र को शीघ्र ही पुनरुत्थान दिया जाय़े ।

चीनी विदेश मंत्री यांग च्ये छी ने सात मार्च को आयोजित संमवाददाता सम्मेलन में स्पष्टतः कहा कि चालू वर्ष में चीनी राजनयिक कार्य एक मुख्य लाइन व दो अहम कार्यों पर जोर देगा । उन का कहना है एक मुख्य लाइन का अर्थ है घरेलू अर्थतंत्र के सतत व काफी तेज विकास को सुनिश्चित बनाने की सेवा उपलब्ध कराना । जबकि दो अहम कार्यों में एक है कि विश्व वित्तीय संकट का सकारात्मक रूप से मुकाबला किया जाय़ेगा और वृद्धि , जन जीवन और स्थिरता को बनाये रखने की सेवा उपलब्ध कराये जायेगी । दूसरा है कि महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय बहुपक्षीय सम्मेलन में भाग लेने की चीनी नेताओं की गतिविधियों की तैयारी की जायेगी । लंदन में होने वाले वित्तीय शिखर सम्मेलन को उदाहरण लीजिये , हमें इसी गतिविधि में भाग लेने के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को और समुचित व युक्तिसंगत दिशा की ओर विकसति करने देना चाहिये ।

चाहें सरकारी कार्य रिपोर्ट का रणनीतिक विन्यास हो या राजनयिक कार्य के बारे में विदेश मंत्री यांग च्ये छी का रणकौशल बंदोबस्त क्यों न हो , उन्हें चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनीधि सभा के पूर्णाधिवेशन के हिस्सेदारों की ओर निश्चय व सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हैं । उन का मानना है कि सुधार व खुले द्वार नीति के कार्यांवयन के पिछले तीस सालों में चीनी आम राजनयिक लक्ष्य देश के आर्थिक निर्माण के लिये अनुकूल बाहरी पर्यावरण तैयार करना और आधुनिक निर्माण की गारंटी देना है । चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि , पेइचिंग विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीस संबंध कालेज के प्रोफेसर ली ई हू ने कहा हमारे लिये विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले में विश्व के प्रमुख आर्थिक समुदाय के साथ वार्तालाप व सहयोग बरकरार रखना जरूरी है , इस की सुनिश्चितता अवश्य ही की जानी चाहिये । चीन अमरीका , यूरोपीय संघ , जापान और अपने पास पड़ोसी रूस , कोरिया गणराज्य और आशियान जैसे देशों व आर्थिक समुदायों के साथ वार्तालाप व आदान प्रदान बनाये रखेगा , साथ ही कुछ ठोस सहयोग कदम भी उठा देगा , मेरे ख्याल से यह चीनी राजनयिक कार्य का अत्यंत महत्वपूर्ण मिशन ही है ।

चीनी राजनयिक कार्यवाहियों को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से पुष्टि व समर्थन मिल गया है । चीन स्थित ब्राजीली राजदूत हुगेनेई ने कहा कि वित्तीय संकट के बाद चीन ने राजनियक क्षेत्र में सकारात्मक रूख अपनाकर अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मजबूत किया है और विश्व वित्तीय संकट के फैलने से रोकने के लिये निहायत भूमिका निभायी है ।