युगांडा में क्वो तोंग ने एक चीनी रेस्टरांट खोली है जो धीरे धीरे प्रसिद्ध हो गयी। वहां रहने वाले इटलियन, फ्रांसीसी, ब्रिटिश लोग क्वो तोंग की रेस्टरांट में आना बहुत पसंद करते हैं। जब उन्हें पता चला है कि क्वो तोंग चित्र बना सकते हैं तो बहुत आश्चर्यचकित है। वे क्वो तोंग के साथ कला और साहित्य पर बताचीत करते हैं और क्वो तोंग को अपने घर में आमंत्रित करते हैं। क्वो तोंग ने इन विदेशियों के घर में बहुत सी बेहतर अफ्रीकी कला वस्तुओं को देखा। धीरे धीरे उन में भी प्राचीन, सादे व रहस्यमय अफ्रीकी कलाकृतियों में दिलचस्पी आयी और स्थानीय विशेषता वाली कला वस्तुओं का संग्रह करना भी शुरू किया। क्वो तोंग के
व्यापार का तेज विकास हुआ है। व्यापार के विस्तार के चलते क्वो तोंग कान्गो(किशाशा), सूडान, तांजानिया आदि अफ्रीकी देशों में भी गये हैं और वहां बहुत से कबलाई क्षेत्रों के साथ भी व्यापार करते हैं। क्वो तोंग ने स्थानीय निवासियों और युगांडा के कलाकारों के साथ दोस्ती बनायी है। अफ्रीकी जनजा प्राणों को बड़ी श्रद्धा देती है, जिस में कुदरत से कला के सृजन की सादा गुणवता से क्वो तोंग बहुत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहाः अफ्रीकी जनता हमेशा खुश रहती है। वे हर चीज पर कला की कृति तराश कर उसे सुन्दर बनाते हैं । जब आप ने उन द्वारा सुन्दरता तैयार करने के लगन को देखा, तो आप उन से जरूर प्रभावित होंगे। 18 सालों के भीतर क्वो तोंग ने 500 अफ्रीकी कला वस्तुओं का संग्रह किया है, जिन में चित्र, टेक्सटाइल, धातु के काम, मिट्टी के पात्र, मास्क, पत्थर की वस्तु आदि शामिल हैं। क्वो तोंग की आशा है कि अफ्रीकी कला चीनी कलाकारों व चीनी जनता को अलग सुन्दरता का अनुभव दे सकती है । 2008 अगस्त को पेइचिंग ऑलंपिक के दौरान क्वो तोंग ने सैतु कला केंद्र के साथ सहयोग कर अफ्रीकी लकड़ी पर खुदाई कला की प्रदर्शनी आयोजित
की। इस के बाद उन्होंने उक्त आदि कला व आधुनिक जीवन नामक कला प्रदर्शनी का आयोजन किया। दो प्रदर्शनियों पर खासा प्रतिक्रिया पैदा हुई। पेइचिंग के एक स्कूल के 120 छात्रों ने प्रदर्शनी देख कर चित्र बनाये, उन की रचाएं भी प्रदर्शनी में लगायी गयी। इस पर क्वो तोंग ने कहाः 120 छात्रों की रचनाएं दर्शाया की गयी हैं। उन की रचनाएं देख कर आप बहुत प्रभावित होंगे। क्योंकि छात्रों की रचना बहुत सुन्दर है। मैं समझता हूं कि छात्रों की यह कोशिश उन के भावी जीवन को भी प्रभावित करेगी। क्वो तोंग वर्तमान में पेइचिंग में एक अफ्रीकी कैफी बार खोला। उस के 240 वर्गमीटर वाले कमरे में चीनी व अफ्रीकी कला वस्तुएं रखी हुई हैं। उन की कल्पना है कि पूरे चीन में संग्रहालय नुमा कैफी बार खोले जाए ,जिन में अफ्रीकी कला वस्तुओं की प्रदर्शनी लगेगी। उन का एक और सपना है कि पेइचिंग में अफ्रीकी कला संग्रहालय की स्थापना की जाए। उन्होंने कहाः अफ्रीकियों को लगता है कि चीन ने उन पर बहुत प्रभाव डाला है। उन की
आशा है कि चीनी जनता उन के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकेगी। अगर अफ्रीकी कला वस्तुओं को अफ्रीकी संग्रहालय की स्थापना से जोड़ा जाए, तो चीन व अफ्रीका के बीच आवाजाही के लिये बहुत लाभदायक होगा। मेरा विचार है कि मेरा यह सपना साकार हो सकेगा। हाल में क्वो तोंग ने चीन स्थित 48 अफ्रीकी दूतावासों के साथ सहयोग कर पेइचिंग में अफ्रीकी खाद्य-पदार्थ उत्सव आयोजित किया। उन्हों ने कहा कि अफ्रीकी जनता को भी चीन की संस्कृति जानना चाहिए, इस के लिए वे अब चीनी ललित कला संघ के साथ सहयोग कर रहे हैं और चीनी कलाकारों व चीनी कला को अफ्रीका में परिचित करेंगे। (रूपा)