दोस्तो , चीनी सर्वोपरि राजकीय सत्ताधारी संस्था चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा का वार्षिक पूर्णाविधेशन पांच मार्च को पेइचिंग में उद्घाटित हुआ । चीनी प्रधान मंत्री श्री वन चा पाओ ने केंद्र सरकार की ओर से इस सभा के तीस हजार प्रतिनिधियों के सामने सरकारी कार्य रिपोर्ट पेश की । ऐसी पृष्ठभूमि में जबकि वर्तमान विश्व वित्तीय संकट निरंतर फैल रहा है और उस का अंत अभी तक नजर नहीं आया है , इस रिपोर्ट में तथ्यों व आंकड़ों के माध्यम से स्पष्टतः यह जाहिर हो गया है कि चीन सरकार विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला करने और अर्थतंत्र के सतत व काफी तेज विकास को बनाये रखने में आश्वस्त व सक्षम है । साथ ही रिपोर्ट में कठिन स्थिति में जनजीवन और सामाजिक सामंजस्य को महत्व देने की प्रशासनिक धारणा व्यक्त भी हुई है।
करीब कोई बीस हजार अक्षरों वाली इस सरकारी कार्य रिपोर्ट में देशी विदेशी आर्थिक परिस्थितियों के मद्देनजर वित्तीय संकट के मुकाबले और अर्थतंत्र के सतत व काफी तेज विकास को चालू वर्ष में सरकारी कामों की प्रमुख लाइन सुनिश्चित की गयी है । ऐसे मौके पर जबकि कुछ देशों का ध्यान वित्तीय संकट के प्रभाव से शीघ्र ही पिंड छुडाने में निराश होकर चीन पर केंद्रित हुआ है , सरकारी कार्य रिपोर्ट ने इस अभूतपूर्व वित्तीय संकट का मुकाबला करने का चीन का संकल्प तीव्र रूप से जता दिया है । विश्वास इस कार्य रिपोर्ट का कुंजीभूत शब्द बन गया है ।
श्री वन चा पाओ ने कहा कि हमारे देश की आर्थिक व सामाजिक विकास की आम स्थिति व बेहतरीन दीर्घकालिक रुझान में कोई बदलाव नहीं आया है । हमें पक्का विश्वास है कि हम कठिनाइयों को दूर कर चुनौतियों का सामना करने में अवश्य ही सफल होकर ही रहेंगे ।
वास्तव में चीन सरकार का विश्वास गत वर्ष में आर्थिक व सामाजिक विकास में प्राप्त उल्लेखनीय उपलब्धियों से आया है ।
विश्वास इस बात से भी आया है कि चीन सरकार विश्व वित्तीय संकट के प्रथम दौर की परीक्षा में खरी उतरी है , साथ ही संकट की रोकथाम की खोज के व्यवहार में सकारात्मक परिणाम भी निकल आया है । गत वर्ष में चीन सरकार द्वारा निर्धारित समग्र आर्थिक नीति से पता लगा है कि हद से ज्यादा गर्म व मुद्रास्फीति की रोकथान से घरेलू मांग के विस्तार व वृद्धि की गारंटी में बदल गया है । यह विरोधाभास वाली आर्थिक नीति वित्तीय संकट से चीन पर प्रभाव पड़ने की पृष्ठभूमि में चीन सरकार ने सही समय पर बनायी है । वित्तीय संकट से उत्पन्न सिलसिलेवार चुनौतियों के मुकाबले के लिये चीन सरकार ने सकारात्मक वित्तीय नीति व समुचित ढीली बैंकिग नीति , 40 खरब य्वान की पूंजी निवेश योजना और लौहा इस्पात व वाहन जैसे प्रमुख उद्योगों के प्रोत्साहन समेत अनेक कदम उठाये । श्री वन चा पाओ ने अपनी सरकारी कार्य रिपोर्ट में जताया है कि सरकार के इन प्रयासों से सकारात्मक परिणाम प्रकाश में आये हैं ।
इन कदमों ने आर्थिक चलन में मौजूद तीव्र अंतरविरोधों को कम करने , विश्वास बढाने , अर्थतंत्र का सतत व तेज विकास करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है ।
चीन सरकार का वित्तीय संकट का मुकाबला करने का विश्वास चालू वर्ष की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य अभिव्यक्त करता है । श्री वन चा पाओ ने कहा यह बताना जरूरी है कि करीब 8 प्रतिशत का संकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि का लक्ष्य विकास की जरूरत व संभावना पर विचार करने के बाद पेश किया गया है । हमारे एक अरब तीस करोड़ जन आबादी वाले विकासशील देश में रोजगार के मौके व नागरिकों की आय बढ़ाना और सामाजिक स्थिरता की रक्षा करने के लिये निश्चित आर्थिक वृद्धि को बनाये रखना अत्यावश्यक है । यदि सही नीतियों व कदमों को अच्छी तरह बखूबी अंजाम दिया जायेगा , तो उक्त लक्ष्य को साकार होने की संभावना होगी ।
विश्वास होने पर भी मौजूदा असाधारण गम्भीर आर्थिक परिस्थिति में 8 प्रतिशत के आर्थिक वृद्धि लक्ष्य की प्राप्ति कोई आसान काम नहीं है ।
श्री वन चा पाओ ने कहा कि चालू वर्ष 11 वीं पंचवर्षिय योजना का कुंजीभूत साल है और नयी शताब्दी में प्रवेश के बाद हमारे देश के आर्थिक विकास का सब से कठिन साल भी रहा है , सुधार , विकास व स्थिरता का मिशन अत्यंत भारी है ।
वर्तमान अभूतपूर्व परिस्थिति व चुनौतियों की चर्चा में श्री वन चा पाओ ने कहा कि चालू वर्ष में सरकारी कामों की मुख्य लाइन विश्व वित्तीय संकट का मुकाबला करना और अर्थतंत्र का सतत व काफी तेज विकास करना है ।
पूर्णाधिवेशन की कार्यसूची के अनुसार साढ़े 8 दिन के दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों से आये प्रतिनिधि सरकारी कार्य रिपोर्ट पर विचारार्थ पेश करेंगे , जिस से अंत में चालू वर्ष के विकास की नीतियां तय कि जायेंगी ।