2009-03-03 10:38:38

बंगलादेश विद्रोही सैनिकों पर मुकदमा चलाएगा

बंगलादेश पुलिस ने एक मार्च को घोषणा की कि वह हाल ही में हुए विद्रोह में भाग लेने वाले सैनिकों पर हत्या व आगजनी के अपराध का मुकदमा चलाएगा।

 

25 फरवरी को बंगलादेश राईफ़ल्स के कई हजार जवानों ने राजधानी ढाका स्थित मुख्यालय में विद्रोह किया ,जिस में सौ से ज्यादा ऑफिसरों व उन के परिजनों को जान से मार डाला गया ।इस दौरान विद्रोही जवानों ने सेना के साथ लडाई ल़डी और राईफल्स मुख्यालय को भी काबू में कर लिया । बंगलादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ने विद्रोह में भाग लेने वाले जवानों को माफ करने की घोषणा की और तीस घंटे से अधिक चली वार्ता के बाद विद्रोही जवानों ने आत्म समर्पण कर दिया । स्थिति अस्थाई तौर पर सामान्य है ।

 

पर 27 फरवरी को बंगलादेश की सेना ,पुलिस ,दमकल विभाग से गठित राहत दस्ते ने राईफ्लस के मुख्यालय में एक सामूहिक कब्र पायी ,जिस में चालीस से अधिक अधिकारियों के शव बरामद हुए । इन में राईफ्लस के सब से वरिष्ठ कमांडर शकील अहमद की लाश शामिल है ।इस के अलावा बंगलादेश की सेना ने मुख्यालय के पास की नालियों में भी बीसेक शव बरामद किये। ।1 मार्च की रात तक विद्रोह में कम से कम राईफल्स के 64 अधिकारियों की मौत की पुष्टि हुई है और अन्य 71 अधिकारी लापता हैं ।

 

बंगलादेश सरकार ने 27 फरवरी से 1 मार्च तक राष्ट्रीय शोक की घोषणा की और विद्रोह में मारे गये अधिकारियों के लिए राष्ट्रीय अंतिम संस्कार आयोजित करने का फैसला किया ।बंगलादेश सरकार व सेना ने अलग-अलग तौर पर हरेक मारे गये अधिकारी के परिजनों को 10 लाख टका व पांच लाख टका देने की घोषणा भी की ।

 

इधर कुछ दिनों में बंगलादेश के विभिन्न जगतों व अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने राईफल्स के जवानों के विद्रोह की कडी निंदा की ।संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने 28 फरवरी को ब्यान जारी कर इस घटना के मृतकों के प्रति शोक प्रकट किया और इस बर्बर हिंसक घटना की निंदा की ।

 

विद्रोह के बाद बंगलादेश सरकार ने गृहमंत्री के नेतृत्व वाले एक वरिष्ठ जांच दल का गठन किया ।बंगलादेश की प्रधान मंत्री हसीना ने 1 मार्च को अमरीकी एफ बी आइ से इस घटना की जांच में मदद देने की मांग भी की । उसी दिन बंगलादेश पुलिस ने राईफल्स के 1000 से ज्यादा जवानों पर हत्या व आगजनी करने का आरोप लगाया ।सूत्रों के अनुसार बंगलादेश सरकार एक विशेष अदालत स्थापित करने की सोच रही है ताकि इस घटना की जल्द सुनवाई की जाए और अपराधियों को सख्त सजा दी जाए । विद्रोह होने के बाद प्रधान मंत्री हसीना ने विद्रोही सैनिकों को माफ करने की घोषणा की थी ।इस के प्रति बंगलादेश सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बल देकर कहा कि विद्रोह आयोजित करने वाले व अधिकारियों की हत्या करने वाले जवान माफी के दायरे में नहीं आते ।इस का मतलब है कि विद्रोह के आयोजक व हत्यारे कानूनी सजा से नहीं बच सकेंगे ।

 

बंगलादेश राईफल्स एक अर्द्ध सैनिक संगठन है ,जिस में 67हजार जवान कार्यरत हैं ।उस की मुख्य जिम्मेदारी सीमा पर गश्त लगाना है ।राईफल्स गृहमंत्रालय के अधीन है ,पर उस के मध्य व उच्च स्तर वाले अधिकारी सेना से आये हैं ।लंबे अरसे से राईफल्स के सदस्यों का वेतन कम है व तरक्की के मौके भी सेना की तुलना में कम हैं ।इस से राईफल्स के जवानों व नीचे स्तर वाले अधिकारियों को सेना से आये अधिकारियों के प्रति असंतोष है ।यह इस विद्रोह का मुख्य कारण माना जा रहा है ।स्थानीय विश्लेषकों का विचार है कि इस विद्रोह ने अभी-अभी सत्ता में आयी हसीना सरकार को एक बडी चेतावनी दी है ।नयी सरकार के लिए निकट भविष्य में सेना और राईफल्स के बीच तनाव शिथिल कर देश की राजनीतिक स्थिरता बनाए रखना एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा ।