2009-03-02 16:21:26

पाकिस्तान के तीन तालिबान क्षेत्रों में स्थिति सुधरने में और समय चाहिए

पाक सेना ने मार्च की एक तारीख को कहा कि उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में तालिबान के कब्जे वाला बाजोर कस्बा, अब वर्तमान स्थानीय कबाइली नेताओं व सुरक्षा सेना के नियंत्रण में आ गया है। इस के एक दिन पहले पाक सेना ने घोषणा की थी कि पाक सुरक्षा सेना ने बाजोर कबाइली क्षेत्र में स्थित तालिबान सशस्त्र संगठन को हरा दिया है। अधिकांश कबाइली क्षेत्रों में तालिबान के हमले की सैन्य कार्रवाईयों पर इस वर्ष के अंत से पहले अकुंश लगने की संभावना है। विश्लेषकों का मानना है कि तालिबान सशस्त्र संगठन के प्रति पाक सुरक्षा सेना की सैन्य कार्रवाई में प्रगति हुई है, लेकिन जुझारु गोलाबारी वाले बाजोर, स्वात और दक्षिण व उत्तर वज़ीरिस्तान क्षेत्रों में सुरक्षा स्थिति के सुधरने में और समय चाहिए।

पाक सीमा पुलिस के महानिरीक्षक मेजर जनरल तारिक खान ने मार्च की एक तारीख को कहा कि वर्तमान में बाजोर कस्बा स्थानीय कबाइली नेताओं के नियंत्रण में है, और सभी सड़कें भी सुरक्षा सेना के हाथों में हैं। बाजोर के पड़ोस मोहमांड कस्बे में सुरक्षा व्यक्तियों ने सशस्त्र व्यक्तियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार व कुछ संचार उपकरण जब्त किए। तारिक खान ने कहा कि अभी तक इस कस्बे में गोलाबारी जारी है। अगर सशस्त्र व्यक्ति हथियार नहीं डालते हैं, तो सुरक्षा सेना की सैन्य कार्रवाई आगे चलेगी। बाजोर क्षेत्र में स्थित तालिबान सशस्त्र संगठन ने फ़रवरी की 23 तारीख को एकतरफा तौर पर युद्ध-विराम की घोषणा की, लेकिन पाक सेना ने लगातार उन के ठिकानों पर हमला जारी रखा। सेना पक्ष ने कहा है कि स्थानीय तालिबान सशस्त्र संगठन ने केवल अपने सम्मान के लिये एक तरफा तौर पर युद्ध-विराम करने की घोषणा की है।

पाक सेना पिछले वर्ष के अगस्त से बाजोर क्षेत्र में सैन्य कार्रवाई कर रही है। फ़रवरी की 28 तारीख को स्थानीय अधिकारी द्वारा बताए गए आंकड़ों के अनुसार हाल के सात महिनों की सैन्य कार्रवाई में तालिबान के कुल 1600 सशस्त्र व्यक्ति मारे गये हैं। साथ ही 150 बेगुनाहों की मृत्यु भी हुई है। इस से पहले पाक सेना ने भी बाजोर क्षेत्र पर नियंत्रण करने की घोषणा की थी, लेकिन बाद में गोलीबारी होती रही। आम राय है कि पाक सरकार व तालिबान के बीच हो रही शांति वार्ता में अमरीका का शक मौजूद होने की स्थिति में इस बार पाक सेना ने शायद उन शकों का जवाब देने के लिये बाजोर क्षेत्र का नियंत्रण करने की घोषणा की है।

उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के सीमांत प्रांत की स्वात घाटी में पाक सुरक्षा सेना व सशस्त्र व्यक्तियों के बीच चार महिने तक घमासान लड़ाई जारी रही। फ़रवरी की 16 तारीख को उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के सीमांत प्रांत की सरकार ने तेहरीके ए नाफ़ाज़ ए शरीयत ए मोहम्मद नामक संगठन के जिम्मेदार सुफ़ी मुहम्मदी के साथ समझौता किया। अगर स्वात घाटी में शांति बहाल होती है , तो इस क्षेत्र के अधीन मालाकंड क्षेत्र में इस्लामी कानून लागू किया जाएगा। बाद में स्वात घाटी में स्थित तालिबान सशस्त्र संगठन ने फ़रवरी की 24 तारीख को इस क्षेत्र में अनिश्चित समय तक युद्ध-विराम करने की घोषणा की, पाक सुरक्षा सेना व सरकारी विभागों पर हमला न करने की बात कही, और बिना शर्त सभी नज़रबंदों को रिहा किया। लेकिन पाक सुरक्षा सेना के एक गाड़ी दल पर मार्च की एक तारीख को स्वात घाटी में फिर एक बार हमला किया गया, जिससे एक सुरक्षा व्यक्ति घायल हुआ है। साथ ही यहां इस्लामी कानून लागू करने के बारे में दोनों पक्षों में अभी तक मतभेद है। पाक प्रेस व रेडियो मंत्री शेर्री रहमान ने कहा था कि स्वात घाटी में स्थिति शांत होने से पहले पाक राष्ट्रपति मालाकंड क्षेत्र में इस्लामी कानून लागू करने से जुड़े सभी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे। लेकिन सुफ़ी मुहम्मदी ने एक तारीख को कहा कि अगर मार्च की 15 तारीख तक इस्लामी न्यायालय काम करना शुरु नहीं करेगा, तो वे विरोध प्रकट करने के लिए गतिविधि आयोजित करेंगे। यह जाहिर है कि इस क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति अभी तक स्थिर नहीं है।

इस के अलावा दक्षिण व उत्तर वज़ीरिस्तान के कबाइली क्षेत्रों में बम विस्फोट की आवाज़ अब भी सुनी जा सकती है। हालांकि पाक सीमा पुलिस के महानिरीक्षक मेजर जनरल तारिक खान ने कहा कि अधिकांश कबाइली क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई इस वर्ष के अंत से पहले समाप्त हो जाएगी, पर उन्होंने दक्षिण व उत्तर वज़ीरिस्तान का उल्लेख नहीं किया। दक्षिण व उत्तर वज़ीरिस्तान पाकिस्तान में एक ऐसी जगह मानी जाती है, यहां अलकाएदा व तालिबान की नियंत्रण शक्ति सब से मजबूत है। पाक सेना लगातार उन दोनों क्षेत्रों में सैन्य कार्रवाई करती रही है, लेकिन स्पष्ट उपलब्धि नहीं मिली है।

आम राय है कि हालांकि पाक सेना द्वारा तालिबान पर हमला करने की कार्रवाई में प्रगति हुई है, लेकिन तालिबान के साथ तीव्र लड़ाई वाले तीन क्षेत्रों में स्थिति स्थिर होने के लिये और समय चाहिए। दूसरी तरफ़ हालांकि तालिबान सशस्त्र संगठन ने बारी-बारी से युद्ध-विराम का संदेश भेजा है, लेकिन पाक सरकार पर अमरीका की ओर से पड़ रहे दबाव के कारण दोनों पक्ष वार्ता में सहमति प्राप्त करेंगे या नहीं, अभी तक मालूम नहीं है।(चंद्रिमा)