चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय ने 26 तारीख को 2008 अमरीका की मानवाधिकार स्थित के बारे में रिपोर्ट जारी की, जिस ने अमरीकी विदेश मंत्रालय द्वारा 25 तारीख को विभिन्न देशों की 2008 मानवाधिकार स्थिति पर जारी रिपोर्ट में चीन समेत विश्व के 190 देशों व क्षेत्रों की मानवाधिकार स्थिति की आलोचना का जवाब दिया। इसे लेकर चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय के उप प्रधान वांग चिनचुन और चीनी मानवाधिकार अध्ययन सोसाइटी के उपाध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दल के विशेषज्ञ छन शिछ्यु ने चीन के 2008 अमरीका की मानवाधिकार स्थिति की रिपोर्ट जारी करने के मकसद और मानवाधिकार पर अमरीका के दोहरे मापदंड के परिणाम की व्याख्या की ।
चीनी राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय ने लगातार दस सालों तक अमरीका की विभिन्न देशों की मानवाधिकार स्थिति की रिपोर्ट का खंडन करने के लिए अपनी अमरीका की मानवाधिकार स्थिति संबंधी रिपोर्ट जारी की है । राज्य परिषद के प्रेस कार्यालय के उप प्रधान वांग चिनचुन ने कहा कि चीन इसलिए अमरीका की मानवाधिकार स्थिति पर रिपोर्ट जारी करता है, ताकि विश्व जनता अमरीका की मानवाधिकार स्थिति की असलियत जान सके और अमरीका को अपनी अनुचित हरकत पर पुनः चिन्तन करने का आगाह किया जाए। उन्हों ने कहाः
अमरीका की 2008 देशों की मानवाधिकार स्थिति की रिपोर्ट में विश्व के 190 से अधिक देशों व क्षेत्रों की मानवाधिकार स्थिति पर समीक्षा की गयी और उन की आलोचना की गयी। लेकिन उस ने अमरीका की खस्ता मानवाधिकार स्थिति पर एक शब्द भी नहीं बोला। उस की इस रिक्ता पूरा करने के लिए चीन हर साल अमरीका की मानवाधिकार स्थिति की रिपोर्ट पेश करता है, ताकि उस की देशों की मानवाधिकार स्थिति की रिपोर्ट में रिक्त विषय की भरपाई की जाएगी।
चीनी मानवाधिकार अध्ययन सोसाइटी के उपाध्यक्ष, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दल के विशेषज्ञ छन शिछ्युन ने अमरीका की 25 तारीख की रिपोर्ट की चर्चा में कहा कि अमरीका की इस हरकत ने अन्तरराष्ट्रीय कानून के मानवाधिकार का गंभीर उल्लंघन किया है । उन्हों ने कहाः
असल में अमरीका की यह हरकत अन्तरराष्ट्रीय कानून के मानवाधिकार का उल्लंघन है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दस्तावेज में यह निर्धारण है कि विभिन्न देशों को मानवाधिकार सवाल से दूसरे देशों के अन्दरूनी मामलों में हस्ताक्षेप करने की इजाजत नहीं है। अमरीका की हरकत विश्व का कोई समर्थन नहीं मिल सकता ।
लम्बे अरसे से अमरीका अपने को अन्य देशों से ऊपर समझता आया है और हर साल देशों की मानवाधिकार स्थिति की रिपोर्ट जारी करता है और अन्य देशों की आलोचना करता है और उन पर कलंक लगाता है ,किन्तु वह अपने देश में मानवाधिकार की गंभीर समस्याओं की ओर आंखें मूंद करता है । इस पर श्री वांग चिनचुन ने कहाः
अमरीका में बहुत सी पहलुओं की मानवाधिकार स्थिति बेहद खस्ता है, जो विश्व में सब से गंभीर है। जैसा कि रंगभेद, कैदियों को सताने की हालत विश्व में बहुत बदनामी है। बाल महिलाओं के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार और नागरिकों के कुछ अधिकारों की रक्षा की स्थिति भी उतनी ठीक नहीं, जितनी वह खुद डींग मारता है। अमरीका की ये समस्याएं बहुत लम्बी पुरानी समस्या है, उन्हें दूर करना मुश्किल है, पर उस ने इस पर कभी गंभीरता से सोच नहीं की।
मानवाधिकार पर दोहरा मापदंड अपनाने की अमरीका की हरकत और मिथ्या स्वरूप विश्व के अनेकों देशों के विरोध और आलोचना का सामना करता रहा है, फिर भी वह हर साल देशों की मानवाधिकार स्थिति की रिपोर्ट जारी करने पर नहीं थकता । मानवाधिकार विशेषज्ञ छन शिछ्युन ने कहा कि अमरीका मानवाधिकार के बूते दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्ताक्षेप करना चाहता है । लेकिन इस का नदीजा उस की कल्पना का विपरीत निकलेगा। श्री छन ने कहा कि अमरीका की इस कार्यवाही का यह नदीजा निकला है कि इस ने दूसरे देशों के मामलों में हस्ताक्षेप व दोहरा मापदंड अपनाने की अमरीका की कुचेष्ट का पर्दाफाश किया है। उस ने अपना पत्थर उठाकर अपने पांव पर तोड़ दिया है।
उन्हों ने कहा कि हर देश का मानवाधिकार विकास उस की अपनी वास्तविक स्थिति के मुताबिक किया जाना चाहिए और किसी देश का मानवाधिकार विकास उसी देश द्वारा खुद तय किया जाना चाहिए।
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