वर्ष 1987 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और केंद्रीय सरकार के आह्वान पर पेइचिंग तिब्बत मीडिल स्कूल की स्थापना हुई थी । इस के बाद से लेकर अब तक बीस साल से ज्यादा समय में स्कूल से कुल तीन हज़ार चार सौ जूनियर व सीनियर छात्र स्नातक हुए हैं, जूनियर व सीनियर छात्रों की उच्चतर स्कूलों में दाखिला दर 98 प्रतिशत रही है, कोई आधे से ज्यादा छात्र यूनिवर्सिटी से स्नातक होकर तिब्बत में काम करने वापस लौट चुके हैं । और वे तिब्बत की समृद्धि व विकास के लिए अपना-अपना योगदान दे रहे हैं । वर्तमान में मीडिल स्कूल में कुल आठ सौ से ज्यादा तिब्बती विद्यार्थी पढ़ रहे हैं । तिब्बती पंचांग का नया वर्ष तिब्बती जाति का सब से बड़ा विशेष परंपरागत त्योहार है, इस अवसर पर पेइचिंग में पढ़ने वाले तिब्बती विद्यार्थी अच्छी तरह अपनी जातीय परम्परा महसूस कर सकते हैं । पेइचिंग तिब्बती मीडिल स्कूल के बड़े परिवार में विद्यार्थी खुशी के साथ अपना त्योहार मना रहे हैं । स्कूल के दूसरे वर्ष के छात्र जाशी तुनचु ने कहा:
"रात को हम तिब्बती परम्परागत खाना कुटु खाते हैं, क्वोच्वांग नृत्य करते हैं ष तिब्बती पंचांग के नए वर्ष के प्रथम दिन छात्र और छात्राएं साथ मिल कर तिब्बती खेल खेलते हैं और प्रतियोगिता आयोजित करते हैं । स्कूल ने विजेताओं को पुरस्कार दिए । विद्यार्थी एक दूसरे को नव वर्ष की शुभकामनाएं दे रहे हैं ।"
तिब्बती छात्र जाशी तुनचू ने कहा कि तिब्बती विशेष खाना कुटु आटे से बना हुआ है, जिस में मूली, मटन और मिर्च डाली जाती है । तिब्बती पंचांग के नए वर्ष के प्रथम दिन इस प्रकार का खाना पुराने समय को विदा कहने और नए समय का स्वागत करने का प्रतीक है । तिब्बती लोग नए वर्ष के प्रथम दिन कूटु खाकर आने वाले नए वर्ष को शुभकामना देते हैं और आशा करते हैं कि यह साल अच्छा होगा । नव वर्ष के प्रथम दिन अध्यापक और विद्यार्थी एक साथ मिल कर कुटु बनाते हैं । इस दौरान तिब्बती लोक परम्परा के अनुसार आटे में कुछ विशेष सामग्री डाली जाती है । तिब्बती छात्रा सोलांग छ्वूजङ ने कहा:
"यह मनोरंजन के लिए है, इस से कूटु खाने वाले व्यक्ति की भावना का पता लग सकता है । मसलन् घी आटा खाने वाले व्यक्ति का स्वभाव अच्छा है, आड़ू आटा खाने वाले व्यक्ति का स्वभाव खाना पसंद करने वाले व्यक्ति का है और उसे श्रम पसंद नहीं होता । मिर्च आटा खाने वाला व्यक्ति बातचीत में निपुण होता है । इस प्रकार की स्थिति ज्यादा है, भिन्न-भिन्न चीज़ें खाकर लोगों को गुस्सा नहीं आता, हम सिर्फ़ मज़ाक का वातावरण बनाते हैं । घर में हम इसी तरह खाते हैं और यहां भी । इस तरह यह घर के बराबर है ।"
तिब्बती पंचांग के नए वर्ष में पेइचिंग मीडिल स्कूल विद्यार्थियों के लिए विशेष खाना, क्वोच्वांग नृत्य और मिलन समारोह का बंदोबस्त करता है, मकसद यही है कि स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को घर जैसा महसूस हो। स्कूल के चीनी हान जाति की अध्यापिका वांग यानच्वू ने कहा:
"हम ने खूब तैयारियां कीं हैं । सर्व प्रथम हम ने कक्षा को सजाया है और क्लासरूम की सफ़ाई की है। हम ने दीवारों और खिड़कियों पर गुब्बारे व रंगीन फीते बांधे हैं। तिब्बती विद्यार्थियों को लगता है कि हम उन के साथ हैं । सब लोग बहुत खुश हैं । रात को हम अध्यापक और विद्यार्थियों के साथ खाना खाते हैं । खाने के बाद हम मैदान में क्वोच्वांग नृत्य करते हैं । उन्हें लगता है कि यह जगह घर के वातावरण से अलग नहीं है । हम विद्यार्थियों के साथ तिब्बती परम्परागत पकवान बनाते हैं । विद्यार्थी अपनी जाति की परम्परा को और अच्छी तरह महसूस कर सकते हैं ।"
नए वर्ष की छुट्टियों में स्कूल द्वारा आयोजित गतिविधियों के अलावा तिब्बती विद्यार्थी अपने आप गतिविधियां आयोजित कर खेलते हैं । स्कूल के विद्यार्थी संघ के अध्यक्ष दावा डोजे ने कहा:
"चालू वर्ष में हमारे अध्यापकों ने हमारी गतिविधियों का भारी समर्थन किया । जो हम ने मांगा, स्कूल ने हमारी मांग पूरी की । हालांकि हम भीतरी इलाके में पढ़ते हैं , लेकिन नव वर्ष मनाने का माहौल तिब्बत में अपने परिजनों व दोस्तों के साथ नया साल मनाने की तरह ही है ।"
तिब्बती मीडिल स्कूल में पढ़ने वाले तिब्बती विद्यार्थियों की उम्र ज्यादा नहीं है । इस तरह स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापक व अध्यापिकाएं शिक्षक के साथ-साथ माता-पिता की भूमिका भी निभाते हैं । पेइचिंग तिब्बती मीडिल स्कूल के विद्यार्थी प्रबंधन विभाग के प्रधान अध्यापक शांग वेईतुंग ने कहा:
"विद्यार्थी यहां पढ़ने के अलावा जीवन भी बिताते हैं । स्कूल में हम उन्हें पाठ्य पुस्तकों की जानकारी देने के अलावा दूसरे क्षेत्रों की जानकारी भी देते हैं । आधुनिक संस्कृति के अलावा हम विद्यार्थियों को तिब्बत की जातीय परम्परागत संस्कृति के बारे में भी बताते हैं । हमारा मकसद है कि पेइचिंग जैसे विशेष माहौल में तिब्बती छात्र तिब्बत की जातीय परंपरागत संस्कृति की शिक्षा भी पा सकें ।"
दोस्तो, 25 तारीख को तिब्बती पंचांग के नए वर्ष का प्रथम दिन है । तिब्बत से आए तिब्बती विद्यार्थी हाथ में हाथ डाल कर क्वोच्वांग नाच रहे हैं और अपनी जन्मभूमि का गीत गा रहे हैं ।
पेइचिंग में सुखी जीवन बिता रहे तिब्बती विद्यार्थियों ने अपनी जन्भूमि की मुंह कर के खड़े होकर शुभकामनाएं दीं:
"तिब्बती पंचांग के बैल वर्ष में हमारी शुभकामनाएं हैं कि जन्मभूमि में रहने वाले सभी तिब्बती बंधु खुशहाल रहें और सुखी रहें ।"