2009-02-27 13:53:13

सामन्ती समाज का विकास

छिन और हान राजवंश (221 ई. पू. – 220 ई.)

छिन ( 221 – 207 ई. पू.) :चीन का पहला सामन्ती राजवंश

युद्धरत-राज्य काल में, चीन का एकीकरण विभिन्न राज्यों द्वारा एक दूसरे को हड़पने के लिये अनवरत रूप से चलाए गए युद्धों के जरिए कदम-ब-कदम पूरा हो चुका था। युद्धरत-राज्य काल के पूर्वार्ध में अपेक्षाकृत बड़े राज्यों ने अपने से छोटे पड़ोसी राज्यों को जीतकर अपने में मिला लिया और केवल सात बड़े राज्य बाकी रह गए। युद्धरत-राज्य काल के उत्तरार्ध में इन "सात शक्तिशाली राज्यों"के बीच भी बराबर युद्ध होते रहे। छिन राज्य के राजा इङ चङ ( शासनकाल 246 – 210 ई. पू.) ने गद्दी पर बैठने के बाद युद्ध की तैयारी की तथा क्रमशः हान, चाओ, वेई, छू, येन और छी राज्यों को जीतकर अपने राज्य में मिला लिया और ईसापूर्व 221 में समूचे चीन को एक कर दिया।

चीन का एकीकरण करने के बाद छिन राजा ने चीन के इतिहास में प्रथम केन्द्रीकृत सामन्तवादी राज्य की स्थापना की। राजा की शक्ति और सम्मान वृद्धि के लिये इङ चङ ने "ह्वाङती"की उपाधि ग्रहण कर ली। यह नई उपाधि दन्तकथाओं पर आधारित थी, इस का अनुवाद "सम्राट"है। उसने अपने को"प्रथम सम्राट"घोषित कर दिया और कहा कि उसके उत्तराधिकारी "द्वितीय सम्राट","तृतीय सम्राट"इत्यादि के रूप में यह सिलसिला"अनन्तकाल तक जारी रखें"।

प्रथम सम्राट ने राजसत्ता के सब अधिकार अपने हाथ में ले लिये और सम्राट को केन्द्र बनाकर एक सम्पूर्ण अफसरशाही व्यवस्था कायम की। सम्राट के अधीन दो प्रधान मंत्री (बाएं और दाएं) थे, जो राजकाज चलाने में उसकी मदद करते थे। फौजी मामलों की देखभाल के लिये एक प्रधान चांसलर नियुक्त किया गया था। सभी ओहदों के अफसरों के काम की जांच करने और राजकीय दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के लिये एक प्रधान निरीक्षक नियुक्त किया गया था। प्रधान मंत्री, प्रधान चांसलर और प्रधान निरीक्षक - इन तीन सर्वोच्च ओहदों वाले अफसरों को मिलाकर"तीन ड्यूक"कहा जाता था। इनके अलावा, "नौ राज्य-सचिव"नियुक्त किए गए थे, जो केन्द्रीय सरकार के विभिन्न विभागों के इनचार्ज थे। राजदरबार के सभी प्रमुख अफसरों की नियुक्ति, तबादला या बर्खास्तगी सम्राट ही करता था।

प्रथम सम्राट ने समूचे देश में सूबे (प्रिफेक्चर) व काउन्टी वाली प्रशासनिक व्यवस्था लागू की। उस ने देश को शुरू-शुरू में 36 सूबों में और कुछ समय बाद 40 से कुछ अधिक सूबों में बांट दिया। सूबे का प्रशासन सूबेदार चलाता था। सूबे में फौजी मामलों की देखभाल और निरीक्षण का काम करने के लिये दो अन्य अफसर नियुक्त किए जाते थे। सूबे को काउन्टियों में बांटा गया था, जिन का प्रशासन मजिस्ट्रेट चलाता था। काउन्टी के नीचे "श्याङ"और "श्याङ"के नीचे "थिङ"थे। "श्याङ"का शासन चलाने के लिये "तीन जेठे"और "थिङ"के लिये एक मुखिया नियुक्त किया जाता था। सूबेदारों व मजिस्ट्रेटों को खुद सम्राट नियुक्त करता था और वह इच्छानुसार उन्हें हटा भी सकता था। सभी स्तरों के अफसर सम्राट के प्रति जवाबदेह थे तथा उसके आदेशों का पालन करना और उसके द्वारा निर्धारित कानूनों व नीतियों को कार्यान्वित करना उनके लिये अनिवार्य था।