2009-02-27 11:49:08

बंगलादेश राइफल्स के सैनिकों के विद्रोह का शांतिपूर्ण समाधान

दोस्तो , बंगलादेश राइफल्स के सैनिकों ने 25 फरवरी को राजधानी ढाका में विद्रोह किया , जिस से समूचे बंगलादेश में तनावपूर्ण स्थिति पैदा हो गयी । बंगलादेश सरकार के प्रयास के जरिये राइफल्स के विद्रोही सैनिकों को 26 फरवरी की रात को पूरी तरह निःशस्त्र कर दिया गया है , अतः इस विद्रोह वारदात का शांतिपूर्ण रुप से समाधान हो पाया है ।

राइफल्स बंगलादेश का अर्धसैनिक बल है , वह मुख्यतः सीमा रक्षा की जिम्मेदारी निभाता है , वर्तमान में उस में कुल 67 हजार सैनिक हैं । 25 फरवरी की सुबह राइफल्स के कुछ सैनिकों ने राजधानी ढाका के पश्चिम भाग में स्थित मुख्यालय में विद्रोह किया और वेतन व काम वातारण को सुधारने का अनुरोध पेश किया । विद्रोही सैनिकों ने सेना के साथ भीषण गोलाबारी की और कुछ सैनिक अफसरों व उन के परिजनों को बंधक बनाये तथा आसपास के एक डिपार्टमेंट स्टोर को अपने कब्जे में कर लिया । घटना घटित होने के बाद बंगलादेश सरकार ने स्थिति को काबू में पाने के लिये तुरंत ही राइफल्स के मुख्यालय की घेराबंदी करने में पुलिस बलों को भेज दिया । राष्ट्रीय रक्षा मंत्री व प्रधान मंत्री हसीना ने अपने वक्तव्य में विद्रोही सैनिकों से शीघ्र ही हथियार डालने की अपील की , नहीं तो सेना कड़े कदम उठायेगी । साथ ही प्रधान मंत्री हसीना ने अपने वक्तव्य में यह विचार भी व्यक्त किया है सरकार राइफल्स के सैनिकों के साथ मामले के समाधान के लिये वार्ता करने को तैयार है । वार्ता के माध्यम से सरकार राइफल्स के विद्रोही सैनिकों को माफ करने और राइफल्स के वेतन जैसे सवालों पर विचार करने पर राजी हो गयी । राइफल्स के विद्रोही सैनिक 26 फरवरी की सुबह हथियार डालने पर सहमत हुए । 25 फरवरी की रात को राइफल्स के मुख्यालय के बाहर तैनात फौजी पुलिस बल पीछे हटने लगे ।

लेकिन घटना 26 फरवरी को अचानक बदल गयी , राइफल्स के सैनिकों ने ढाका स्थित मुख्यालय और देश की अन्य बहुत सी छावनियों में फिर एक बार फौजी पुलिस बलों के साथ फायर किया । 26 फरवरी के दोपहर बाद प्रधान मंत्री हसीना ने राष्ट्र के नाम दिये टी वी भाषण में वार्ता के जरिये सैनिक विद्रोह घटना का समाधान करने की आशा दोहरायी और राइफल्स के विद्रोही सैनिको से विद्रोह बद कर छावनी में वापस लौटने की अपील की । इस के साथ ही उन्हों ने कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि देश की स्थिरता व अमन चैन को बनाये रखने के लिये यदि शांतिपूर्ण ढंग से मामले का समाधान नहीं हो पाया , तो सरकार तमाम माध्यम उठाने की कोई परवाह नहीं करेगी । रिपोर्ट के अनुसार हसीना के भाषण के कुछ समय बाद बंगलादेश की सेना ने कई बख्तरबंद गाड़ियों को राजधानी ढाको में तैनात किया । 26 फरवरी की रात को हसीना के प्रेस प्रवक्ता ने जताया कि राइफल्स के सभी विद्रोही सैनिक निःशस्त्र किये गये हैं और सरकार ने स्थिति पर पूर्ण रूप से नियंत्रित कर दिया है । स्थानीय मीडिया के अनुसार बंगलादेश के फौजी पुलिस बलों ने राइफल्स के मुख्यालय में प्रविष्ट किया है । सौ से ज्यादा बंधक रिहा हुए हैं । पता चला है कि विद्रोह से कुल 50 से ज्यादा व्यक्ति मारे गये और अन्य तीसेक व्यक्ति घायल हुए ।

स्थानीय मीडिया ने इस विद्रोह का विश्लेषण करते हुए कहा कि वेतन व अनुकूल वातावरण की गारंटी न देना और सेना की कमान को अस्वीकार करना इस विद्रोह का मुख्य कारण हैं । रिपोर्ट के अनुसार राइफल्स सीमा की रक्षा करने के अलावा कुछ फौजी मिशनों में फौजी पुलिस बलों को सहायता देने का कार्य भी संभालता है । लेकिन अर्धसैनिक संगठन की वजह से सरकार राइफल्स के सैनिकों को केवल तीन माहों की दैनिक सप्लाई करती है , जबकि सेना को पूरे साल की सप्लाई मिलती है । वित्तीय संकट के प्रभाव तले बंगलादेश में मालों के दाम तेजी से बढ़ गये , इधर माहों में खाद्य पदार्थों के दामों में करीब 30 प्रतिशत की वृद्धि हुई है । राइफल्स के आम सैनिकों को प्राप्त सौ अमरीकी डालर का मासिक वेतन जीवन के लिये दूभर है । इस के अलावा काम के असमान मौके पर राइफल्स के सैनिक भी बहुत असंतुष्ट हैं । उन में से एक ने शिकायत करते हुए कहा कि वे सेना के सैनिकों की तरह संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापन मिशन में भाग लेने का हकदार नहीं हैं । लम्बे अर्से से उत्पन्न असंतोषों से यह विद्रोह वारदात हुआ । बंगलादेश की प्रधान मंत्री हसीना ने कहा कि सरकार ने उक्त समस्याओं के समाधान के लिये एक उच्च स्तरीय कमेटी स्थापित कर ली है ।