परम्परागत रीति रिवाज़ के अनुसार, नव वर्ष का प्रथम दिन, तिब्बती लोगों के लिए पवित्रता व सौभाग्य का प्रतीक है इस दिन प्रथम बाल्टी का पानी लाना होता है। चाहे ल्हासा में हों या स्छ्वान की कान्जी तिब्बती प्रिफेक्चर एवं आबा तिब्बती प्रिफेक्चर में, लोग रंग बिरंगी सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित करके नव वर्ष मनाते हैं।
पेइचिंग में सब से बड़े तिब्बती बौद्ध धर्म के मठ योंगहगुंग में सुबह आठ बजकर 20 मिनट से पूजा की रस्म शुरु हुई। चीनी केंद्रीय जातीय विश्वविद्याल्य में तिब्बती जाति के विद्यार्थियों ने चित्र प्रदर्शनी का आयोजन करके जन्मभूमि के प्राकृतिक दृश्य और जीवन स्थिति का प्रदर्शन किया। (श्याओयांग)