तिब्बत स्वायत्त प्रदेश विश्व की छत के नाम से मशहूर छिंगहाई तिब्बत पठार पर स्थित है, जिस की औसतन ऊंचाई समुद्री सतह से 4000 मीटर से ज्यादा है । छिंगहाई तिब्बत पठार की भिन्न-भिन्न भूमि की स्थिति से यहां जटिल व विशेष जलवायु है ।
तिब्बत का उत्तर पश्चिमी भाग ठंडा और पूर्व दक्षिणी भाग गर्म है जो पूर्व दक्षिण से उत्तर पश्चिम तक क्रमशः अर्धउष्ण कटिबंध, शीतोषण कटिबंध,एशिया उत्तरी कटिबंधऔर उत्तरी कटिबंध में बंटा है । पूर्व दक्षिणी तिब्बत की जलवायु सुनहरी है, यहां का औसतन तापमान आठ डिग्री सेल्सियस है, जबकि उत्तरी तिब्बत का औसतन तापमान शून्य डिग्री सेल्सियस है । राजधानी ल्हासा तिब्बत के मध्य में स्थित है । सर्दियों में ज्यादा ठंड नहीं और गर्मियों में अधिक गर्मी नहीं । तिब्बत के अधिकांश क्षेत्रों की जलवायु ल्हासा की तरह है । यानी सर्दियों में ज्यादा ठंडा नहीं और गर्मियों में अधिक गर्मी नहीं, लेकिन हर एक दिन में तापमान कई बार परिवर्तित होता है । इस तरह तिब्बती लोग कहते हैं कि तिब्बत में साल भर चार ऋतुएं नहीं होंती, पर एक दिन में चार ऋतुएं दिखायी देती हैं । इस प्रकार की जलवायु पठार की विशेष जलवायु है । सर्दियों में तिब्बत में अगर सूर्य की रोशनी हो, तो लोगों को सुनहरा लगता है ।
तिब्बत में सूर्य की रोशनी के दिन अधिक हैं , वायु स्वच्छ है और पारदर्शिता स्पष्ट है । विभिन्न स्थलों में वर्ष भर औसतन रोज़ाना सूर्य की रोशनी 1500 से 3400 घंटे के बीच होती है । ल्हासा में हर वर्ष सूर्य की रोशनी 3005 घंटे होती है, जिसे सूर्य की रोशनी वाला शहर कहा जाता है ।
तिब्बत में आम तौर पर नवम्बर से अगले वर्ष की फ़रवरी तक बर्फबारी होती है । कुछ क्षेत्र मसलन उत्तर पश्चिमी भाग की आली प्रिफैक्चर और अनेक पहाड़ों में अप्रेल और मई में भी बर्फ़बारी होती है ।