25 फरवरी को तिब्बती नव वर्ष का पहला दिन है। तिब्बती जनता के इस भव्य त्योहार की खुशी मनाने के लिए चीन के विभिन्न स्थानों में 50 लाख से ज्यादा तिब्बती लोगों ने विविध रूपों की गतिविधियां कीं ।
25 तारीख को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में हर जगह संगीत की मधुर धुनें गूंजती रही हैं और पूरा शहर फुलों और लालटिनों से सुसज्जित हुआ। पोताला महल और संवर निखर हो गया और उस के पास नागराज कुंड चौक में तिब्बती आपेरा मंडली ने मनोहर कार्यक्रम पेश किए । पूरा ल्हासा शहर त्योहार के खुशगवार सागर में डूब गया।
तिब्बती नव वर्ष के उपलक्ष्य में सभी तिब्बती परिवार छ्येमा नामक काष्ट पात्र बना कर रख देते हैं। इस साल भी ल्हासा निवासी दादी मां छिजन के कमरे में सुन्दर तराशा गया छ्येमा पात्र रखा गया है, जिस में भुने हुए गैहूं के दाने और तिब्बती जौ भरे हुए हैं और दानों के ढेर पर जौ की बालियां लगायी गयी हैं। दादी मां छिजन ने संवाददाता को बतायाः
छ्येमा रखने का उद्देश्य नए साल में शानदार फसल की प्रार्थना करना है। तिब्बती लोग चाहते हैं कि इस से मनुष्य और पशु सभी फलता फूलता रहेगा।
जातीय विशेषता दिखाने के लिए इस साल ल्हासा के कुछ चौकों पर विशाल आकार वाले छ्येमा पात्र रखे गए हैं जिन में भरपूर घी की मुर्तियां और तिब्बती जौ की बालियां सुसज्जित हुई हैं, ऐसा सजावट तिब्बतियों में खासा पसंद आया। नव वर्ष के दौरान तिब्बती लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं और पहाड़ों पर तिब्बती धार्मिक सूत्र झंडियां फहरायी जाती हैं।
परंपरागत प्रथा के अलावा आधुनिक युग में तिब्बती वन वर्ष मनाने में आधुनिक तत्व भी शामिल किया गया । त्योहार की पूर्वसंध्या में तिब्बत टीवी पर नव वर्ष मनाने वाला शानदार सांस्कृतिक प्रोग्राम प्रसारित किया गया, जो तिब्बती लोगों का एक अनिवार्य सांस्कृतिक आयोजन बन गया है।
टीवी कार्यक्रम में तिब्बती युवाओं ने जातीय पोशाक में मनमोहक नाच गान प्रस्तुत किया। तिब्बती कलाकारों के अलावा पेइचिंग आदि स्थानों से आए अन्य जातियों के कलाकारों ने भी कार्यक्रम पेश किए।
त्योहार के सामान खरीदना भी तिब्बती लोगों की पारंपरिक प्रथा है। खास कर इधर के सालों में तिब्बत में आर्थिक वृद्धि के फलस्वरूप तिब्बतियों की क्रय शक्ति बहुत अधिक बढ़ी और ल्हासा के विभिन्न बाजारों में तरह तरह की चीजें मिलती हैं, तिब्बती पकवान, मेवा और पनीर हाथोंहाथ बिकते हैं। हर दुकान में भीड़ लगती है। ल्हासा नागरिक सोलांगच्यानत्वु ने कहाः
इन दिनों, बाजार बहुत रोनक है और भारी भीड़ लगती है, मेरे अनुमान में अब आम दिनों की तुलना में दस गुने से ज्यादा लोग आते हैं । मैं ने कई बॉक्स के ताजा फल खरीदे हैं, त्योहार के दौरान घर में जरूर बहुत से मेहमान पधारेंगे।
देश के अन्य स्थानों में बसे तिब्बती बंधु भी नव वर्ष मनाने के लिए तिब्बत वापस आए। तिब्बती दादी तावांग ने अपने पुत्र और बहू को लेकर ल्हासा लौटी। उन्हों ने कहा कि हम खुनमिंह शहर से आए हैं ,हमारा घर ल्हासा में है। बेटी त्योहार की चीजें खरीद चुकी है, नाना प्रकार के ताजा फल, साज सब्जी और गोश्त सब चीजें हैं। परिवार के सभी दस सदस्य मिल कर त्योहार मनाएंगे।
बहुत से देशी विदेशी पर्यटक भी तिब्बती नव वर्ष का खुशीनसीब नजारा देखने के लिए तिब्बत आए। ल्हासा में अमरीका से आए दंपति लेओ और अब्बी ने कहाः
हम शांगहाई में रहते हैं और अमरीका से आए हैं। हम यहां का त्योहार माहौल महसूस करने के लिए विशेष तौर पर आए हैं। हम ने तिब्बत के इतिहास, संस्कृति और धर्म के संदर्भ में बहुत सी पुस्तकें पढ़ी हैं, इसलिए हम तिब्बती नव वर्ष देखने के लिए आए । यहां मैं ने देखा है कि सचमुच त्योहार बहुत ही मजेदार है।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के अलावा चीन के अन्य क्षेत्रों में रहने वाले तिब्बती जाति के लोग भी खूब नव वर्ष की खुशियां मना रहे हैं। छिंगहाई प्रांत में तिब्बती लोग सुन्दर छिंगहाई झील के पास परंपरागत जातीय पोशाक का फैशन शॉ, तिब्बती नृत्या गान प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं । सछ्वान प्रांत के कांची तिब्बती स्वायत्त प्रिफेक्चर और आबा तिब्बती व छांग स्वायत्त प्रिफेक्चर में हर जगह शुभसूचक पोस्टरों और लाल लालटिनों के शोभा में आतिशबाजी पताखे छोड़े गए और युन्नान प्रांत के चाओछिंग में रंगबिरंगे कार्यक्रमों से नव वर्ष के पहले दिन का स्वागत किया गया।
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