2009-02-25 12:42:43

पाकिस्तान में तालिबान ने युद्ध विराम का एलान किया

पाकिस्तान के उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत की स्वात घाटी क्षेत्र के टी.वी. स्टेशन की 24 तारीख की रिपोर्ट के अनुसार स्थानीय तालिबान ने इसी दिन इस क्षेत्र में असीमित समय तक युद्ध विराम करने का एलान किया ।

स्वात घाटी क्षेत्र के तालिबान के प्रवक्ता ने कहा कि इसी दिन इस क्षेत्र के तालिबान ने सम्मेलन आयोजित कर असीमित समय तक युद्ध विराम करने का निर्णय लिया और साथ ही बिना शर्त सभी कैदियों को रिहा करने की बात कही । इस प्रवक्ता ने कहा कि तालिबान ने 24 तारीख को पाक सरकार के चार अर्धसैनिक बल के कर्मचारियों को रिहा कर दिया और अपहृत पाक सुरक्षा टुकड़ी के सभी सैनिकों को भी रिहा करने की बात कही है । इस के अलावा, तालिबान पाक सुरक्षा टुकड़ी व सरकारी विभागों के खिलाफ़ हमले बंद करेगा । अन्य रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के बजौर कबिलाई क्षेत्र के तालिबान सशस्त्र बल ने भी 23 तारीख को युद्ध विराम करने का एलान किया ।

15 तारीख को तालिबान ने स्वात घाटी क्षेत्र में दस दिवसीय युद्ध विराम एलान किया था, ताकि सरकार के साथ वार्ता में प्रगति हो सके। उत्तर पश्चिमी सीमांत प्रांत की सरकार ने 16 तारीख को घोषणा की कि उस ने तहरीकी निफाजी शहरीती मुहम्मदी संगठन के साथ सहमति पायी कि अगर स्वात घाटी क्षेत्र में शांति की बहाली हो, तो इस क्षेत्र के अधीनस्थ मलकंड क्षेत्र में इस्लामी कानून लागू किया जाएगा । इस के बाद संगठन के नेता स्वात घाटी जाकर स्थानीय तालिबान के साथ वार्ता करेंगे और उसे हथियार छोड़कर सरकार के साथ मुठभेड़ बंद करने तथा स्वात घाटी क्षेत्र में शांति बहाल करने के लिए समझाएंगे ।

हाल में अफगानिस्तान में तालिबान ने लगातार बड़े पैमाने पर हिंसक हमले जारी रखे हुए हैं, लेकिन पाकिस्तान में तालिबान ने युद्ध विराम करने का फैसला किया है। इस के कारणों का विश्लेषण करते हुए विश्लेषकों ने कहा कि सर्वप्रथम पिछले कई महीनों में पाक सेना की लगातार अभियान कार्रवाइयों में तालिबान के सदस्यों की भारी हताहती हुई है। रिपोर्ट के अनुसार बजौर क्षेत्र के तालिबान को सरकारी हमलों से काफी नुकसान पहुंचा है और सरकारी सेना ने अनेक बार इस क्षेत्र पर काबू पाने की घोषणा की है । दूसरा, सरकारी सेना और तालिबान के बीच हुई लड़ाई से स्थानीय आम नागरिकों को बहुत क्षति पहुंची है, इस तरह तालिबान ने जनता का समर्थन खो दिया है । तीसरा, पाकिस्तान के भीतर तालिबान की हरकत संभवतः अफ़गानिस्तान में अमरीका की नई नीति के खिलाफ़ तालिबान सशस्त्र संगठन द्वारा उठाया गया नया कदम हो सकता है । पाक समाचार पत्र दी न्यूज़ की 24 तारीख की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान के तालिबान सशस्त्र संगठन के सरगना मुल्ला ओमार ने हाल में पाकिस्तान के दक्षिण व उत्तरी वजीरिस्तान कबीलाई क्षेत्र के सशस्त्र तत्वों को पत्र भेजकर पाक सुरक्षा टुकड़ी के खिलाफ़ हमला बंद करने का अनुरोध किया। ओमार का विचार है कि अमरीका अफ़गानिस्तान के खिलाफ़ नई नीति बना रहा है । इस स्थिति में तालिबान का ध्यान अफ़गानिस्तान में तैनान अमरीकी सेना व नाटो की सेना पर केंद्रित होना चाहिए, न कि पाकिस्तान में किए जा रहे हमलों पर ।

तालिबान के युद्ध विराम वक्तव्य के प्रति पाक सरकार का जवाब नहीं मिला है। लेकिन यही मालूम हुआ है कि पाक सरकार और तालिबान के बीच नए दौर की शांति वार्ता हो रही है । पाक सेना ने 23 तारीख को कहा कि पाक सेना ने स्वात घाटी क्षेत्र में तालिबान पर हमला करने की सैन्य गतिविधि बंद कर दी है । इस बार पाक सरकार द्वारा तालिबान के साथ शांति वार्ता करने और स्वात घाटी क्षेत्र में इस्लामी कानून लागू करने की अनुमति देने से लोगों को यह संदेश पहुंच रहा है कि शांतिपूर्ण वार्ता से आतंक विरोधी संघर्ष में संभवतः बेहतरीन परिणाम निकल सकेगा। अब अमरीका की यात्रा कर रहे पाक विदेश मंत्री श्री कुरेशी ने यात्रा के पूर्व कहा था कि उन की मौजूदा यात्रा का लक्ष्य है कि पाक सरकार और स्वात घाटी क्षेत्र के सशस्त्र संगठन के बीच हुई शांति वार्ता के प्रति अमरीका की आशंकाओं को दूर करना और पाकिस्तान की आतंक विरोधी रणनीति को समझाना । हाल में श्री कुरेशी ने विश्वास जताया कि अमरीका इस के प्रति नकारात्मक रूख नहीं अपनाएगा ।

अफ़गानिस्तान, भारत और कुछ युरोपीय देशों ने पाकिस्तान के द्वारा स्वात घाटी क्षेत्र में अपनी रणनीति बदलने के प्रति चिंता व्यक्त की । उन की चिंता है कि इस के पाक में छिपे अलकायदा संगठन के सदस्यों व तालिबान सशस्त्र तत्वों को एक और सुरक्षित ठिकाना मिलेगा । पाक सरकार के लिए अपने आतंक विरोधी साझेदारों को समझाकर अपनी शांतिपूर्ण वार्ता वाली रणनीति का समर्थन करना अभी मुश्किल है। (श्याओ थांग)