2009-02-24 11:54:44

इराकी राष्ट्रपति तालाबानी की कोरिया गणराज्य यात्रा

दोस्तो , कोरिया गणराज्य के राष्ट्रपति ले म्यूंग बाक के निमंत्रण पर इराकी राष्ट्रपति तालाबानी ने 23 फरवरी को सोल पहुंचकर कोरिया गणराज्य की चार दिवसीय यात्रा करना शुरु किया । कोरिया गणराज्य के संबंधित अधिकारी ने कहा कि इराकी राष्ट्रपति तालाबानी की मौजूदा यात्रा का उद्देश्य कोरिया गणराज्य के साथ आर्थिक सहयोग पर विचार विमर्श करना है । विश्लेषकों का मानना है कि तालाबानी की मौजूदा यात्रा ऊर्जा की स्थिर सप्लाई को सुनिश्चित बनाने और मध्य पूर्व बाजार में प्रवेश करने में कोरिया गणराज्य के लिये मददगार सिद्ध होगी ।

कोरिया गणराज्य के राष्ट्र्पति भवन से खबर मिली है कि राष्ट्रपति ले म्यूंग बाक 24 फरवरी को श्री तालाबानी के साथ वार्ता करेंगे , मौके पर दोनों पक्ष उक्त दोनों देशों के संबंधों की विकास दिशा , इराक के पुनर्निमार्ण में कोरिया गणराज्य के उद्यमों की शिरकत , ऊर्जा स्रोत के विकास में कोरिया गणराज्य द्वारा इराक को दी जाने वाली सहायता और इराक बाजार में कोरिया गणराज्य के उपक्रमों के दाखिले जैसे सवालों पर रायों का आदान प्रदान करेंगे । तालाबानी कोरिया गणराज्य द्वारा इराक में शांति स्थापन टुकड़ियों को भेजे जाने के प्रति आभार भी प्रकट करेंगे ।

यह 1989 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना किये जाने के बाद इराकी राष्ट्रपति की प्रथम कोरिया गणराज्य यात्रा ही है । तालाबानी के साथ बिजली पावर मंत्री , निर्माण मंत्री व वाणिज्य मंत्री समेत कोई बीस वरिष्ठ सरकारी अधिकारी यात्रा पर भी गये हैं । यात्रा के दौरान कोरिया गणराज्य के उद्योग व वाणिज्य जगत तालाबानी के सम्मान में लंच देगा , लंच में कोरिया गणराज्य के लगभग 110 उद्यमी शरीक होंगे । श्री तालाबानी 25 फरवरी को दक्षिण पूर्व कोरिया गणराज्य के वलसान में पोसको , एस के ऊर्जा जैसे बड़े आकार वाले उपक्रमों का दौरा करेंगे ।

इराक व कोरिया गणराज्य के बीच बेहतरीन संबंध बरकरार रहा है । अमरीका के अनुरोध पर कोरिया गणराज्य की टुकड़ियां इराक के पुनर्निर्माण में हाथ बटाने के लिये अगस्त 2004 में उत्तर इराक में तैनात हुईं । कोरिया गणराज्य की टुकड़ियां 2008 के अंत में पूरी तरह वापस लौट गयीं । पिछले चार सालों में कोरिया गणराज्य ने इराक में कुल 19 हजार सैनिकों को भेज दिया । इन सैनिकों ने स्थानीय सुरक्षा , चिकित्सा और आधारभूत संस्थापनों के निर्माण का कार्य निभाया ।

विश्लेषकों का विचार है कि कोरिया गणराज्य व इराक अपने अपने हित के मद्देनजर संबंधों को मधुर बनाने में क्रियाशील हैं । युद्ध ग्रस्त इराक धनराशि व तकनीक के अभाव से आधारभूत संस्थापनों के निर्माण व तेल की खुदाई में असक्षम है , जबकि कोरिया गणराज्य इन क्षेत्रों में काफी मजबूत है । इस के साथ ही कोरिया गणराज्य को ऊर्जा व प्राकृतिक सन साधनों का अभाव है , ऊर्जा व विभिन्न प्रकार वाले कच्चे माल आयात पर निर्भर हैं । कोरिया गणराज्य विश्व में पांचवां बड़ा तेल आयातित देश है । लेकिन इराक में कोई एक खरब 15 अरब पीपों का तेल भंडारण है , जिस से वह इसी संदर्भ में पांचवें स्थान पर है , साथ ही प्राकृतिक गैस का भंडारण करीब एक हजार एक सौ बीस खरब घनमीटर है । अतः दोनों पक्ष इस क्षेत्र में एक दूसरे के पूरक हैं । वर्तमान में कोरिया गणराज्य की तेल व प्राकृतिक कम्पनियों व एस के ऊर्जा समेत बड़ी बड़ी कम्पनियां इराक की तेल खुदाई की प्रतिस्पर्द्धा कर रही हैं ।

कोरिया गणराज्य सरकार बराबर ऊर्जा राजनयिक नीति पर कायम रहकर मध्य एशिया , रुस , अफ्रीका व लातिन अमरीका को अपनी ऊर्जा राजनयिक नीति के चार बड़े रणनीतिक क्षेत्रों के रुप में मानती है । श्री ले म्यूंग बाक ने सत्ता पर आने के बाद इसी ऊर्जा राजनयिक नीति को और अधिक महत्व देते हैं । गत वर्ष में कोरिया गणराज्य ने देश के बाहर और 16 नये तेल व प्राकृतिक गैस खुदाई सहयोग मुद्दे संपन्न किये और दैनिक तेल उत्पादन में और 47 हजार पीपा बढा दिया । कोरिया गणराज्य द्वारा अरब देशों से आयातित कच्चे तेल व प्राकृतिक गैस क्रमशः अपनी कुल आयातित मात्रा का 82 प्रतिशत व 60 प्रतिशत बनती है ।

गत अप्रैल में इराकी तेल मंत्रालय ने घोषित किया कि 35 देशों की अंतर्राष्ट्रीय तेल कम्पनियों को इराक की तेल व प्राकृतिक गैस खुदाई का अधिकार प्राप्त हुआ है , जिन में कोरिया गणराज्य की प्राकृतिक गैस कम्पनी भी शामिल है । कोरिया गणराज्य की मीडिया ने कहा कि तालाबानी की मौजूदा यात्रा दक्षिण इराक में तेल व प्राकृतिक गैस की खुदाई के कोरिया गणराज्य के अधिकार को सुनिश्चित बनाने के लिये रास्ता हमवार होगा ।

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