इस साल चीन गरीबों को सहायता देने का स्तर उन्नत कर देहातों में संपूर्ण रूप से गरीबी मिटाने की कोशिश करेगा और ग्रामीण जनसंख्या की स्वःविकास की शक्ति बढ़ाने पर बल देगा। ताकि और अधिक गरीब ग्रामीण लोगों को लाभ मिले और गरीब ग्रामीण लोगों का जीवन स्तर उन्नत किया जा सके।
पिछली शताब्दी के अस्सी वाले दशक में निर्धारित मापदंड के मुताबिक चीन में प्रति व्यक्ति की औसत वार्षिक आय 786 य्वान से कम वाला लोग निरपेक्ष गरीब लोग माना जाता था और 788 से लेकर 1067 य्वान तक की आय को निम्न आय स्तर माना जाता था और उन दोनों को अलग अलग सहायता दी जाती थी । वे गरीब लोग अधिकांश गांवों में रहते हैं। लेकिन इधर के सालों में चीन के आर्थिक विकास और जन जीवन के स्तर बहुत उन्नत होने के चलते यह स्पष्ट हो गया है कि गरीबों को सहायता देने का स्तर उन्नत करना निहायत जरूरी है।
पिछले साल के अंत में चीन सरकार ने गरीबों को सहायता देने का स्तर उन्नत करने की घोषणा की और इस साल से प्रति व्यक्ति की औसत वार्षिक आय 1067 य्वान से कम होने वाले सभी ग्रामीण लोगों को समान उदार नीति के अनुसार सहायता दी जाएगी । इस नए मापदंड के मुताबिक अब चीन में सहायता मिलने वाले गरीब जन संख्या में तीन करोड़ की वृद्धि हुई है । इस के अलावा चीन सरकार ने यह भी ऐलान किया कि वह गरीब जन संख्या में स्वयं विकास करने की क्षमता बढ़ाने पर बल देगी।
चीनी राष्ट्रीय अर्थ अनुसंधान प्रतिष्ठान के प्रधान फ्यान कांग ने बताया कि सरकार की इस नीति से गरीबों को सहायता देने का दायरा विस्तृत हो गया है और ग्रामीण गरीब लोगों का जीवन स्तर उन्नत होगा। उन्हों ने कहा कि मूल रूप से गरीबी मिटाने के लिए ग्रामीण लोगों के स्वः विकास की शक्ति बढ़ायी जानी चाहिए। विभिन्न स्तरीय सरकारों को गरीब लोगों को रोगजार के मौके दिलाने में तेजी लाना चाहिए। श्री फ्यान कांग ने कहाः
बुनियादी विकास और गरीबी उन्मूलन के लिए सब से अहम काम रोजगार के मौके तैयार करना है। गरीबों को सहायता देने की नीति में इसपर ध्यान देना चाहिए। देहातों में सरकारी भत्ता देने के अलावा उन्हें ज्यादा रोजगार के मौके प्रदान किये जाने चाहिए। इस केलिए गरीब श्रम शक्ति को प्रशिक्षित करना भी बहुत फौरी जरूरी है। वर्तमान में श्रम शक्ति मुख्यतः देहातों से आयी है, इसलिए तकनीकी प्रशिक्षण और व्यवसायी शिक्षा का जोर गांवों पर लगाया जाना चाहिए। ताकि ग्रामीण श्रम शक्ति की गुणवत्ता उन्नत हो और ऊंची आय के रोजगार मौके तैयार किए जाएं।
दक्षिण पश्चिम चीन के क्वांगसी ज्वाङ स्वायत्त प्रदेश में गरीब जन संख्या अपेक्षाकृत अधिक है। इन सालों में वहां गरीबों की संख्या घटाने के लिए उन में स्वः विकास की शक्ति बढ़ाने पर ध्यान दिया गया और वैज्ञानिकों व तकनीशियनों को गांवों में भेज कर किसानों को वैज्ञानिक ढंग से कृषि व पशुपालन के विकास के बारे में प्रशिक्षित किया गया ,जिस से ग्रामीण लोगों को बड़ा लाभ मिला। ताशिन काऊंटी के किसान न्योंग च्यान ख्वांग ने कहाः
प्रशिक्षण प्राप्त होने के बाद हमारे उत्पादन ढांचे में बदलाव आया है । पहले हम केवल धान और मक्के की खेती करते थे, अब अनाज, गन्ने और सब्जी तीनों किस्मों की फसलों की खेती करते हैं, जिस से उत्पादन मूल्य बढ़ गया और हमारी आय उन्नत हो गयी हौ।
चीनी राज्य परिषद के गरीबी उन्मूलन कार्य के नेतृत्व दल के प्रेस प्रवक्ता च्यांग श्योह्वा ने परिचय देते हुए कहा कि गरीब लोगों को प्रशिक्षित कर उन की गुणवत्ता उन्नत करने के अलावा चीन ने गरीब देहातों में औद्योगिक विकास का भी बड़ा समर्थन किया, इस से गरीब क्षेत्रों के आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है और रोजगार के मौके भी ज्यादा हो गए और गरीब लोगों की आय भी बढ़ गयी। उन्हों ने कहाः
आइंदे, चीन गरीब क्षेत्रों को स्थानीय श्रेष्ठता वाले उद्योगों के विकास में मदद देगा और पूर्वी चीन के विकसित क्षेत्रों को गरीब क्षेत्रों में कारोबार खोलने के लिए प्रोत्साहन देगा और ग्रामीण व्यवसायिक सहयोग संगठनों के विकास को प्रेरणा देगा ।
वित्तीय संकट से चीन के गरीबी उन्मूलन कार्य पर पड़े प्रभाव की चर्चा में श्री च्यांग ने कहा कि वित्तीय संकट के कुप्रभाव को दूर करने के लिए चीन इस साल गरीब क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगों के लिए वित्तीय सेवा सुधार लेगा, लघु रकम के कर्ज बढ़ा देगा और गरीब क्षेत्रों के अनुकूल ग्रामीण वित्तीय सेवा विकसित करेगा ।
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