75 वार्षीय मिगमार डोंड्रोप तिब्बत में लोकतांत्रिक सुधार होने से पहले पाला जागीर में 11 सालों तक भूदास बने थे। वे अपने परिवारजनों के साथ मिट्टी से बनी एक छोटी, अंधेरी व नम झोपड़ी में रहते थे। उन की व्यक्तिगत स्वतंत्रता नहीं थी और वे भूखों रहते थे। 1959 में हुए लोकतांत्रिक सुधार से तिब्बत के दस लाख भूदासों को पहली बार मानव बनने का अधिकार मिला और उन्हें जमीन और मवेशी प्राप्त हुई। अब श्री मिगमार डोंड्रोप बेटों और पोतों के साथ 400 से ज्यादा वर्ग-मीटर की दो मंजिली इमारत में रहते हैं और सुखमय जीवन बीत रहे हैं।
तिब्बत के शिकाजे क्षेत्र की क्यांगचे काउंटी स्थित पाला जागीर तिब्बत में अब तक अच्छी तरह सुरक्षित एकमात्र सामंती जागीर है। शांतिपूर्ण मुक्ति से पहले तिब्बत में पाला घराना के पास कुल 37 जागीर और 3000 से अधिक भूदास थे। (ललिता)
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