इस साल 25 फरवरी को चीन के तिब्बत जाति के तिब्बती पंचाग के हिसाब से नये साल का पहला दिन है। तिब्बती नये साल के नजदीक आते आते तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के विभिन्न जगहों में त्योहार का माहौल दिनोंदिन गहन होता जा रहा है। लेकिन दलाई लामा गुट ने इधर के दिनों में तिब्बती जनता को तिब्बती नया साल न मनाने से भड़काना शुरू कर दिया है, जिस से त्योहार के खुशी माहौल में काली परछायी मंडरा रही है।
तिब्बती जाति की अपनी पुरानी एतिहासिक व अनूखी आकर्षण से भरी संस्कृति है। तिब्बत धर्म, संस्कृति, इमारत,संगीत व रीति रिवाज आदि सभी इस मूल्यवान परम्परा संस्कृति का एक अभिन्न अंग है। लिखित इतिहास के अनुसार , तिब्बती नया साल सन 1026 से शुरू हुआ था, जो आज से करीब एक हजार साल पुराना है। वार्षिक तिब्बती नया साल, तिब्बती पंचाग के अनुसार पहली जनवरी से शुरू होता है और 15 तारीख को समाप्त होता है। तिब्बती जनता पुराने साल को विदा करने के साथ नये साल का आगमन करते हैं और परिवार मिलन को भारी महत्व देते हैं, यह तिब्बती जनता का सबसे भव्य परम्परागत त्योहार माना जाता है। बीते 900 सालों में तिब्बती जाति संस्कृति अपनी प्रचुर व रंगबिरंगी भरपूर शैली से जुड़ी जातीय गतिविधि बन गयी है और तिब्बती जनता के जीवन का एक महत्वपूर्ण उत्सव बन गया है।
जबकि इस का महत्व इतना उल्लेखनीय है, तो अपने को तिब्बत का प्रतिनिधित्व करने वाला दलाई लामा गुट क्यों इस नये साल की घड़ी में तिब्बती जनता को नया साल न मनाने के लिए भड़का रहा है? इस का कारण क्या है? साफ है कि इस साल तिब्बती जनता के उपद्रवियों का दमन करने व लोकतांत्रिक सुधार की 50 वीं वर्षगांठ हैं। मार्च के 1959 में तिब्बत के उच्च स्तर के कुलीन लोगों ने केन्द्रीय जन सरकार के तिब्बती स्थानीय सरकार के साथ संपन्न शान्तिपूर्ण तिब्बत की मुक्ति उपाय को फाड़ डाला और सशस्त्र उपद्रव मचाया। केन्द्रीय जन सरकार ने जल्द ही इस उपद्रव को शान्त कर दिया, दलाई लामा फरार होकर भारत भाग गया । तब से दलाई लामा के तिब्बत में लागू नृशंस व निर्दय गुलाम व्यवस्था को खतम कर दिया गया। बीते 50 सालों में तिब्बत का काया पलट हुआ है, लाखों तिब्बती भूदासों को मुक्ति मिली और तब से उन्होने कभी न सोचा शानदार जीवन बिताना शुरू कर दिया। दलाई लामा गुट अपनी हार से कभी बाज नहीं आया है, और आज वह तिब्बत की मुक्ति के 50वीं वर्षगांठ की घड़ी में फिर एक बार लोगों को चीन सरकार के खिलाफ भड़काने की कुचेष्टा कर रहा है। तिब्बत युवा संघ आदि तिब्बत स्वतंत्रतावादी संगठन यहां तक कि चिल्लाकर कह रहे हैं कि वह 2009 को एक काला साल बनाकर छोड़ेंगे । वह तिब्बती जनता को इस साल के तिब्बत पंचाग नये साल न मनाने के लिए उकसा रहे हैं, यह बिल्कुल दलाई लामा गुट के तिब्बती लोगों के स्थिऱ जीवन को भंग करने व तिब्बत समाज की सामान्य जीवन व्यवस्था में फूट लाने का मकसद है, ताकि तिब्बत सवाल को अन्तरराष्ट्रीय का रंग दिया जा सके।
वास्तव में दलाई लामा हमेशा से तिब्बत की परम्परा संस्कृति को लेकर बकवास करता आया है। गत वर्ष 14 मार्च की हिंसक घटना के बाद दलाई लामा बराबर अन्तरराष्ट्रीय में जगह जगह में जाकर उधम मचाता रहा है और तिब्बत संस्कृति के रक्षक के नाम से कथित तिब्बत संस्कृति स्वायत्त के नारे तले अपनी साजिश रचाता रहा है, इस का असली मकसद तिब्बत की परम्परागत संस्कृति की रक्षा के नाम व बहाने से धीरे धीरे अपनी महा तिब्बत क्षेत्र स्वतंत्रता की राजनीतिक साजिश चलाना है। आज दलाई लामा फिर तिब्बती जनता को अपना नया साल न मनाने के लिए भड़का रहा है, इस से उसके तिब्बती परम्परागत संस्कृति की रक्षा करने की नकली सूरत का भंडाभोड़ होता है और फिर एक बार साबित होता है कि तिब्बती परम्परागत संस्कृति उसकी आंखो मे केवल एक राजनीतिक साधन ही है। इस तरह देखा जाए दलाई लामा गुट खुद अपने को बताने वाला तिब्बती संस्कृति का रक्षक नहीं है, बल्कि उलटा उसकी करनी कथनी वास्तव में तिब्बत की परम्परागत संस्कृति को नष्ट करने पर तुली हुई है।
लेकिन तिब्बती जनता अपने परम्परागत संस्कृति से अत्यन्त प्यार करती है, तिब्बती जनता दलाई लामा के भड़काव में आकर अपनी संस्कृति व आज के सुन्दर जीवन को उसकी साजिश का शिकार नहीं होने देंगी। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश सरकार ने 19 तारीख को घोषणा कर दी है कि इस साल के तिब्बती नये साल में नियमानुसार लोगों को सात दिन की छुटटी दी जाएगी। वर्तमान तिब्बत की विभिन्न जगहों की जनता नये साल की खरीददारी में व्यस्त हैं और एक खुशहाली नये साल का आगमन करने की तैयारी कर रहे हैं। जैसे कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के जन प्रतिनिधि सभा के स्थायी उपाध्यक्ष नईमा छेरिंग ने कहा हैः तिब्बत का नया साल तिब्बती जाति का एक परम्परागत त्योहार है, परिवार का खुशहाली मिलन और घर घर की अच्छी फसलों की खुशियां व आज का शानदार जीवन इस नये साल में चार चांद लगाएगा। आज हम इतना अच्छा जीवन बिता रहे हैं, हम क्यों न नये साल की खुशी मनाए ?इस साल का तिब्बती नया साल हमेशा की तरह खुशियों व हर्षोल्लास से भरा उत्सव होगा।
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