2009-02-19 16:46:24

2009 में चीनी पुस्तक उद्योग का विकास

दोस्तो, 2009 में चीनी पुस्तक उद्योग का प्रथम व्यापार मेला-----पेइचिंग पुस्तक व्यापार मेला हाल में समाप्त हुआ। 4 दिनों के भीतर पुस्तक की व्यापारिक रक्म 2 अरब 50 करोड़ य्वान तक पहुंची, जो 2008 की इसी अवधि से 20 प्रतिशत अधिक है। मेले में उपस्थितों के विचार में 2009 में चीनी पुस्तक उद्योग का विकास अच्छा होगा, लेकिन विश्वव्यापी वित्तीय संकट के कुप्रभाव को रोका जाना चाहिये।

पेइचिंग पुस्तक व्यापार मेले का 20 साल लम्बा इतिहास हो गया है और चीनी पुस्तक उद्योग के लोग मानते हैं कि हालांकि अभी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट फैल रहा है, लेकिन 2009 पेइचिंग पुस्तक व्यापार मेला फुर भी बहुत गर्मागर्म रहा है। चीन व विदेश के 600 से अधिक प्रकाशन एजेंसियों ने 1 लाख 50 हजार किस्मों की पुस्तकें लायी हैं। मेले में आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भी लोगों की भीड़-भाड़ है।

पूर्वी विडियो ओडियो प्रकाशन एजेंसी के जिम्मेदार व्यक्ति श्री सुन छाओ ने परिचय देते हुए कहा कि इस साल भी एजेंसी आर्थिक प्रबंधन के बारे में पुस्तकों के प्रकाशन को प्राथमिकता देगी और वित्तीय संकट के कारण भी प्रकाशन संख्या व प्रकाशन योजना नहीं बदलेगी। उन के विचार में आर्थिक प्रबंधन से संबंधित पुस्तकों के प्रकाशन के लिये इस साल एक अच्छा मौका है। उन्होंने कहाः

वित्तीय संकट का वर्तमान प्रोसेसिंग निर्माण उद्योग पर बहुत कुप्रभाव पड़ा है। लेकिन बुक प्रकाशन के लिये संभवतः एक श्रेष्ठ मौका है, क्योंकि लोगों में नया ज्ञान सीखने का बड़ा उत्साह उभरेगा। हम कोपीराइट के आयात को केंद्र बना कर विदेशी अधिकारिक संस्थाओं से पुस्तकों का आयात करेंगे और उन के अच्छे अनुभव सीखेंगे। प्रकाशन के लिये आर्थिक प्रबंधन से जुड़ी हुई पुस्तकों की वृद्धि दर इस साल बढ़ जाएगी, इस की पूर्वशर्त है कि हमारी प्रकाशित पुस्तकों की गुणवत्ता बेहतर हो।

मौजूदा पेइचिंग पुस्तक व्यापार मेले में अमरीकी सबप्राइम संकट की जड़ बताने और संकट का मुकाबला करने वाली पुस्तकें बहुत सी प्रकाशन एजेंसियों की प्राथमिकता है।

मशीनरी उद्योग प्रकाशन एजेंसी के योजना विभाग की प्रधान सुश्री वांग लेए ने कहा कि गत साल के उत्तरार्द्ध से उन्होंने वित्तीय संकट से जुड़ी सात-आठ किस्मों की पुस्तकों को प्रकाशित किया है। उन के विचार में चाहे व्यक्ति हो या उद्यम, सभी नयी स्थिति के मुकाबले के बारे में ज्ञान सीखने के इच्छुक हैं। उन्होंने कहा

जब अर्थतंत्र का अच्छा विकास हो रहा हो, तो लोगों की उपभोक्ता की इच्छा तीव्र है। यदि आर्थिक संकट हो रहा है, तो सस्ती होने के चलते पुस्तक पढ़ने का अच्छा मौका बनता है, जो हमारे लिये एक अच्छा मौका भी है। अब लोगों को प्रोत्साहन दायक पुस्तक की आवश्यकता है।(रूपा)