दोस्तो , क्या आप जानते हैं कि नान शान पर्यटन स्थल के दौर पर आने वाले पर्यटकों में ऐसे लोग भी हैं , जो अपने सभी परिजनों के साथ घूमने आते हैं । बुजुर्ग ल्यू युंग श्वे उन में से हैं , वे सपरिवार के 8 जनों के साथ छुट्टी मनाने सान या आये हैं ।
उन्हों ने हमारे संवाददाता के साथ बातचीत में कहा कि मैं 86 वर्ष का हूं । मेरे परिवार के कुल आठ सदस्य सब एक साथ आये हैं । दो पोतियां , बहू, बेटी व बेटे हैं ।
बुजूर्ग ल्यू की बहू ली श्यू ल्वान ने बगल में बताते हुए कहा कि दादा जी हाईनान नहीं आये , उन की तबियत भी काफी अच्छी है , इसलिये हम चाहते हैं कि छुट्टी मनाने के लिये सपरिवार के साथ घूमने यहां आये । हम सान या के मनोहर प्राकृतिक दृश्य को देखकर बहुत खुश हुए ।
ल्यू पो बुजुर्ग ल्यू का तीसरा बेटा है , हालांकि वह तीन बार सान या के दौरे पर आ चुका है , पर उसे फिर भी यहां के सौंदर्य से एकदम लगाव रहा है । चीन के परम्परागत त्यौहार के उपलक्ष में सानया के नान शान पर्यटन स्थल पर सुख चैन के लिये विशेष धार्मिक प्रार्थना समारोह किया जाता है । नानशान सांस्कृतिक पर्यटन विकास कम्पनी के विक्रय विभाग के मेनेजर चंग रुई ने इस का परिचय देते हुए कहा कि नव वर्ष के आगमन में मंदिर में 108 बार धंटे बजाने की गतिविधि होती है , इस का मतलब है कि घंटे की 108 बार की आवाजों से मानव जाति की जिंदगी में 108 किस्मों वाली परेशानियां दूर हो सकती हैं और मंगल व आनन्द मिलता है । श्री चंग रुई ने कहा कि पहली जनवरी 2009 को हम ने नव वर्ष की खुशियों में शुभकामना के लिये घंटा बजाने की गतिविधि चलायी , हम पिछले पांच सालों में लगातार इसी प्रकार की गतिविधि चलाते आये हैं , मौके पर बहुत से धार्मिक अनुयायी सुख चैन की प्रार्थना के लिये नान शान आते हैं ।
नरम धुप , साफसुथरा बीच , हरापन और तरोताजा पर्यावरण सानया का स्वास्थ्यवर्द्धक पर्यटन सन साधन है , जिस से बहुत से प्रसिद्ध अंतर्राष्ट्रीय पंचतारा होटल आकर्षित हुए हैं , अब वे देशी विदेशी पर्यटकों को विविधतापूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश करते हैं ।
इधर सालों में सानया विश्वविख्यात रणमीक स्थल ही नहीं , बल्कि उत्तर चीन में बसे लोगों का दूसरा मनपसंद निवास स्थान बन गया है । अब सानया की सड़कों पर भिन्न भिन्न बोलियां बोलने वाले बुजर्ग चीनी नागरिक देखने को मिलते हैं , वे साथ मिलकर सब्जियां लेने बाजार जाते हैं या समुद्रतट पर मन बहलाने जाते हैं ।
स्छ्वान प्रांत के रिटायर कार्यक्रता फान चंग 80 वर्ष से अधिक हुए हैं , कुछ साल पहले वे मन बहलाने के लिये प्रथम बार सान या आये , यहां की नरम धुप और हरे भरे पर्यावरण की वजह से बुजुर्ग फान को अपना बदन काफी हल्का महसूस हुआ और कुछ पुराने रोगों से उत्पन्न परेशानियां भी दूर हो गयी । अब वे मौसमी पक्षी की तरह हर वर्ष की सर्दियों में सानया आते हैं।
उन का कहना है कि सानया शहर में कोई सर्दी नहीं है , यह बुजुर्गों के हृद्य , रक्त और सांस जैसे रोगों के लिये फायदेमंद है । यहां पर उत्तर पूर्वी चीन में रहने वाले लोग काफी अधिक हैं , सछ्वान और छंगतु के निवासी भी कम नहीं हैं , हम आम तौर पर यहां पर तीन चार माह ठहरते हैं ।
चीन के नानचिंग से आयी रिटायर मेडम श्ये ने सानया में अपना मकान भी खरीद लिया , साल के नवम्बर में ठंड पड़ने पर वे अपने संबंधियों व दोस्तों के साथ सर्दी से बचने सानया आती हैं । उन्हों ने सानया की प्रशंसा में कहा
मैं गत माह की दो तारीख को यहां आयी हूं , नानचिंग शहर में काफी सर्दी है , तापमान माइनस के नीचे पांच सेल्सिलियस डिग्री हो गया है । यहां बहुत अच्छा है , मौसम न ठंडा है और न गर्मी भी है , बहुत सुहावना होता है।
अब सानया अधिकाधिक पर्यटकों के मन में सर्दियों से बचने वाला स्वर्ग बनता जा रहा है ।