2009-02-18 10:33:45

चीन अफ्रीका मित्रता को दिल में बसाया जाए

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ 17 तारीख को अपनी पांच एशियाई-अफ्रीकी देशों की मैत्रीपूर्ण यात्रा समाप्त कर मारिशस की राजधीनी पोर्ट लुइस से स्वदेश के लिए रवाना हुए। अपनी मौजूदा यात्रा की अंतिम गतिविधि के रूप में श्री हु चिनथाओ ने मारिशस में चीनी संस्कृति केन्द्र का दौरा किया। इस प्रबंध से जाहिर है कि चीन सरकार चीन और अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान पर बड़ा महत्व देती है और चाहती है कि चीन अफ्रीका मैत्री लोगों के दिल में घर कर जाए।

स्थानीय समय के अनुसार 17 तारीख को चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने चीनी संस्कृति केन्द्र का दौरा किया । पोर्ट लुइस का चीनी संस्कृति केन्द्र चीन द्वारा विदेश में खोला गया प्रथम संस्कृति केन्द्र है, इस का अब 20 साल लम्बा इतिहास हो गया है । केन्द्र में अनुभवी शिक्षक चीनी भाषा और संस्कृति की शिक्षा देते हैं। मौके पर श्री हु चिनथाओ ने चीनी भाषा कक्षा के मुनान नाम की एक भारतीय मूल वाली विद्यार्थी के साथ बातचीत कीः

श्री हु चिनथाओ ने पूछाः तुम्हें चीनी भाषा सीखे कितना समय हुआ.

मुनान ने कहाः चार साल ।

हु चिनथाओ ने पूछाः तुम्हें कैसा लगा.

मुनान ने कहाः मुझे बड़ा आनंद हुआ और इस से मेरा जीवन भी बदल गया।

हु चिनथाओ ने फिर पूछाः जीवन के बदलने से क्या तात्पर्य है, करियर से है अथवा जीवन के प्रति अपने रूख से .

मुनान ने कहाः दोनों पहलु में, क्यों कि मेरी अपने पति से पहली मुलाकात चीन में हुई थी और मेरा करियर भी बदला है और मैं मारिशस में चीनी भाषा पढ़ाने वाली अध्यापिका बन गयी हूं।

चीनी संस्कृति केन्द्र के शिक्षार्थियों से पता चला है कि चीनी भाषा सीखने के बाद वे बहुत से चीनियों से परिचित हुए और बहुत प्रसन्न लगते हैं। एक शिक्षार्थी ने चीनी भाषा में हु चिनथाओ को बताया कि वह पिछले साल पेइचिंग ओलंपिक देखने भी गया और बर्डस नेस्ट को भी देखा, यह सुन कर श्री हु चिनथाओ को बड़ी खुशी हुई और उन्हों ने कहाः

आप लोगों ने चीनी भाषा सीखी, जिस से हम दोनों के बीच संपर्क कायम करने की अच्छी सुविधा हुई, हम आप लोगों का चीन की यात्रा करने के लिए स्वागत करते हैं।

इस के बाद चीनी राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ चीनी कुंफू कक्षा में आये, शिक्षार्थियों ने बड़े उत्साह के साथ चीनी भाषा में हु चिनथाओ से नमस्ते कहा । कक्षा में स्थानीय बच्चों और व्यस्कों द्वारा कुंफू का प्रदर्शन देखने के बाद श्री हु चिनथाओ ने कहा कि चीनी कुंफू का अभ्यास करने में तीन खुबियां है। उन्हों ने कहा कि आप लोगों का कला प्रदर्शन बहुत अच्छा है । कुंफू का अभ्यास करने से पहले स्वास्थ्य लाभ मिलेगा, दूसरे चीनी संस्कृति को समझ सकेंगे और तीसरे चीन और मारिशस की जनता में दोस्ती बढ़ा सकेंगे । आप लोगों को धन्यावाद ।

कूंफू कक्षा से निकल कर श्री हु चिनथाओ नृत्य कक्षा में आये । शिक्षार्यियों ने उन्हें एक चीनी नृत्य नाच कर दिखाया । इस के बाद श्री हु चिनथाओ ने उन के साथ भी बातचीत की और पूछा कि उन्हों ने चीन की किन किन जातियों के नृत्य सीखे है। शिक्षार्थियों ने जवाब में कहाः

ताई जाति, ई जाति, वा जाति और तिब्बती जाति---

हु चिनथाओ ने कहाः क्या मंगोल जाति का भी है। कहते हुए उन्हों ने मंगोल जाति के नृत्य के कई अंगविक्षेप करके दिखाया, इस पर उपस्थित शिक्षार्थियों ने खूब तालियां बजा कर स्वागत किया।

चीनी संस्कृति केन्द्र का दौरा करने के बाद श्री हु चिनथाओ मारिशस के शिक्षार्थियों के फिर मिलेंगे कहने की आवाज में चले गए। इस के बाद वे अपनी मौजूदा मैत्रीपूर्ण यात्रा समाप्त कर स्वदेश के लिए रवाना हुए।

यात्रा के दौरान श्री हु चिनथाओ ने तांजानिया में चीन अफ्रीका मैत्री के विकास के लिए छै सूत्रीय सुझाव पेश किए, जिस में चीन और अफ्रीका के बीच सांस्कृतिक आदान प्रदान में सहयोग गहराई में बढ़ाने पर बल दिया गया। उन्हों ने कहा कि चीन अफ्रीका संबंधों का विकास करने का उद्देश्य चीन अफ्रीका की जनता के लिए है और सहयोग की उपलब्धियों का लाभ जनता को पहुंचाया जाना चाहिए । चीन अफ्रीकी देशों के साथ संस्कृति, शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल और पर्यटन के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने को तैयार है, ताकि चीन अफ्रीका मैत्री लोगों के दिल में गहरी बसे।