फिरोजाबाद उत्तर प्रदेश के भाई प्रभाकर शाक्य का पत्र जो अब आप के सामने है , उस में उन्हों ने यह लिखा है कि आप के द्वारा भेजा गया बेहद प्यारा पत्र मुझे मिला है , जिस में प्यारी पत्रिका श्रोता वाटिका मिली , सचमुच मन खुशी से झूम उठा , पत्रिका के इस अंक में चंद्रिमा जी के भारत प्रवास के विषय में पढ़ कर बहुत रोचक लग रहा है , मुझे भी अपने देश में बेहद प्यार है , सचमुच चंद्रिमा जी की भारत की यादें बहुत मधुर है , उन्हों ने चार बौद्ध धर्म के पवित्र स्थलों की यात्राके विषय में लिखा लेख मुझे पढ़ कर बहुत अच्छा लगा । मेरा परिवार भगवान बुद्ध की पूजा करता है । मैं ने भी भारत के बुद्ध के पवित्र स्थलों की यात्राएं की हैं । चंद्रिमा जी से कहूंगा कि वे मेरा पत्र अवश्य पढ़े । मैं सी. आर .आई के कार्यक्रम सुनता रहता हूं , कार्यक्रम बहुत पसंद आ रहे हैं । मैं गांव में रहता हूं , हमारा गांव बहुत अच्छा है ,यहां बिजली , पानी , टेलीफोन , स्कूल , सड़क और डिस्पेन्सरीकी सुविधाएं उपलब्ध हैं , गांव का प्राकृतिक सौंदर्य देखते बनता है , मैं एम ए इंगलिश से करने के बाद अब यु पी एस सी की तैयारी कर रहा हूं ।
यह जान कर हमें बड़ी खुशी हुई है कि हमारे श्रोता भाई प्रभाकर शाक्य को चंद्रिका की भारत प्रवास की यादों का अंक बेहद पसंद आयी है और भगवान बुद्ध की उन का परिवार पूजा भी करता है और खुद ही उन्हों ने बौद्ध धर्म के पवित्र स्थलों का दौरा किया । बौद्ध धर्म शांति , अहिंसा , दया और सहिष्णुता का समर्थन करता है , जिस की शिक्षा से दुनिया में मित्रता और अमनचैन उपलब्ध होता है । भारत में बौद्ध धर्म के पवित्र स्थलों की यात्रा से न सिर्फ वहां के ऐतिहासिक अनुभवों का लाभ और वहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखने को मिलेगा और मानव के स्नेहपूर्ण विकास की शिक्षा मिल सकती है । हमारी कामना है कि प्रभाकर शाक्य की जन्म भूमि और सुन्दर तथा समृद्ध हो तथा वे शिक्षा में लगातार प्रगति पाने जाएंगे ।
बस्ती उत्तर प्रदेश के श्री कृष्ण कुमार जायसवाल ने अपने पत्र में लिखा कि साप्ताहिक कार्यक्रम सांस्कृतिक जीवन के अन्तर्गत आधुनिक काल में चीनी ड्रामा की स्थिति के बारे में जानकारी बहुत महत्वपूर्ण लगी । यह जान कर खुशी हुई है कि चीन में सरकारी थिएटर सेन्ट्र 2600 तथा गैर सरकारी 3000 के करीब थिएटर केन्द्र है , लेकिन इस आधुनिक युग में टी वी , विसीडी आदि के चलते ड्रामा का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है , यही स्थिति भारत की ड्रामा आदि की भी है । भारत की लोक कला तथा ड्रामा आदि भी खतरे में है । दिनोंदिन इस का नामोनिशान मिटता जा रहा है , इसलिए सरकार को भरपूर योगदना देना चाहिए , नहीं तो , आने वाली पीढ़ी इस के बारे में नहीं जान पाऐगी।
चीनी चित्र कला के विकास के बारे में दी गई जानकारी महत्वपूर्ण लगी । सफल कार्यक्रम प्रस्तुत करने के लिए हार्दिक धन्यावाद । चीन सरकार ड्रामा थिएटर के विकास पर विशेष ध्यान देना होगा और इस सांस्कृतिक विरासत को सहेजना होगा और इस परम्परा की रक्षा करनी होगी ।
साप्ताहिक कार्यक्रम चीन की अल्पसंख्यक जाति के अन्तर्गत सिन्चांग के तासी गांव के किसानों की सामाजिक वृद्धि के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी सुनी , यह गांव पहले एकदम गरीब था , वहां का विकास शून्य था । लेकिन मोहम्मद साद्दर ने गांव के मुखिया बन कर ताली गांव का अपनी मेहनत व सूझबूझ से चतुर्मुखी विकास कर दिया और गांव का कायापलट कर दिया , अब तासी गांव में कोई निरक्षर नहीं है और सब्जी क्यारी सेंटर बनाया गया । सचमुच मोहम्मद भाई ने तासी गांव के लिए बहुत ही परिश्रम किया , उन के बेहतरीन कार्य के लिए चीन सरकार ने उन्हें पुरस्कारसे नवाजा। प्रोग्राम प्रेरणादायक और ज्ञानवर्द्धक लगा औस सफल प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यावाद ।
मऊ उत्तर प्रदेश के आमिर कमल ने हमें लिखे पत्र में कहा कि मैं बचपन से ही चाइना रेडियो इंटरनेशनल का बहुत बड़ा प्रशंस्क और श्रोता हूं । मुझे आप के द्वारा प्रसारित कार्यक्रम बहुत अच्छे एवं ज्ञान वर्धक लगते हैं । तथा हमारे घर के सभी लोग व मित्र बड़े चाव से आप का प्रोग्राम सुनते हैं । मुझे चीन तथा चीन की सभ्यता एवं संस्कृति से बेहद लगाव है और मैं हमेशा वहां की नयी नयी चीजों के बारे में जानकारी इक्ट्ठा किया करता हूं । चीन की महान दीवार के बारे में हम बचपन से ही सुनते आये हैं । मैं वहां के शहरों ,नगरों एवं वहां के महत्वपूर्ण स्थलों की विस्तृत जानकारी प्राप्त करना चाहता हूं ।
मैं बहुत दिनों से इस कोशिश में था कि किसी तरह आप के प्रोग्राम का एक रेगुयुलर सदस्य बन जाऊं , जिस से मैं इस संस्था के संपर्क में हूं । कृपया मुझे भी श्रोता वाटिका कार्यक्रम में शामिल करने का कष्ट करें । धन्यावाद ।
आमिर कमल जी , हम आप का अपने श्रोता के रूप में हार्दिक स्वागत करते हैं और आप का नाम पता भी हमारे श्रोता लिस्ट में शामिल करेंगे । अब आप हमारा नियमित श्रोता हैं , आशा है कि आप नियमित रूप से हमारा कार्यक्रम सुनते रहेंगे और समय समय लिख कर हमारे हिन्दी कार्यक्रमों के बारे में अपनी राय व सुझाव भेजते रहेंगे । हम आप को जवाबी लिफाफा भेजते हैं , जिस से आप पर डाक खर्च का बोझ नहीं पड़ सकेगा । श्रोता वाटिका में शामिल होने के लिए आप को इस के लिए अच्छे विषय का लगु आलेख या कविता या क्लब सदस्यों का ऐसा फोटो भेजना होगा , जो पत्रिका में छपने के लिए उचित हो । हम आप की ऐसी सामग्री का इंतजार कर रहे हैं ।