2009-02-17 10:31:17

दादा दाओ की मुस्कराहट

पिछले लेख में हमने दादा दाओ के बारे में परिचय दिया है। इस लेख में हम उन की कहानी आगे सुनाऐंगे।

दाओचाचीन ने परिचय देते हुए बताया कि अब उन के घर में प्रमुख आर्थिक आमदनी केले व रबर से होती है। उन के पास 10 हजार से ज्यादा केले के पेड़ और 300 से ज्यादा रबर के पेड़ हैं।गत वर्ष इन पेड़ों से उन्हें 2 लाख से ज्यादा चीनी य्वान की आमदनी हुई थी।इस के अलावा, आसपास के गांव में दादा दाओचाचीन ने भी 3000 से ज्यादा रबर के पेड़ उगाए हैं। अनुमान है कि अगले वर्ष इन पेड़ों से भी उन्हें कमाई होगी। दाओचाचीन ने आशा जताई कि विश्व में वित्तीय संकट जल्दी ही समाप्त होगा, चूंकि इस वर्ष के अंत में कच्चे रबर के दाम में भारी कटौती हुई है। सीमांत तैई जाति के छोटे से गांव में वित्तीय संकट शब्द को सुनकर हमें भी बहुत आश्चर्य हुआ।

एक ही वर्ष में 20 लाख से ज्यादा की आमदनी किसानों के लिए बहुत है। क्या दादा दाओचाचीन इस गांव में सब से समृद्ध हैं ? जब हमने यह सवाल पूछा, तो दादा दाओचाचीन ने मुस्कराते हुए कहा कि गांव में उन से भी समृद्ध अनेक लोग हैं। अपने जीवन में समृ्द्धि आने की वजह बताते हुए दादा दाओ ने कहा,सरकार की नीति सब से महत्वपूर्ण है। आदमी का जीवन सीमित है, इसलिए, हमें समय को मूल्यवान समझना चाहिए। मुझे लगा कि पिछले 30 वर्षों में मैंने अच्छी तरह अपना जीवन बिताया है। हालांकि मैं व्यापारी नहीं हूं, फिर भी मैं कृषि से समृद्ध बना हूं, जिस के प्रति मुझे गौरव है।

हम सब जानते हैं कि एक सफल पुरुष के पीछे अवश्य ही एक महान महिला है। दादा दाओ की पत्नी लू शू फांग ही वह महिला है।उन्हें वर्ष 1995 में काऊंटी में मशहूर महिला का पुरस्कार प्रदान किया गया।तैई जाति के गांववासियों ने सब कहा कि वह तैई जाति के लिए गौरव की बात है।

लू शू फांग ने हमें दादा दाओ की सफलता की कहानी सुनायी। वर्ष 1984 में दादा दाओ ने सर्वप्रथम गांव में केले व रबर के पेड़ उगाना शुरु किया। उस समय 100 केले के पेड़ों से लगभग 5000 चीनी य्वान की आमदनी हुई थी।वर्ष 1994 में दादा दाओ ने विदेश जाकर पढ़ाई की और विदेशी बाजारों का निरीक्षण दौरा भी किया।स्वदेश वापस लौटने के बाद, उन्होंने सब्जी उगाना शुरु किया। चूंकि सर्दियों के मौसम में स्थानीय तापमान ऊंचा रहता है, इसलिए, सर्दियों के मौसम में उन के द्वारा उगायी गयी सब्जियां उत्तर चीन में बहुत प्रचलित हैं।एक ही वर्ष में सब्जी उगाने से उन्हें लगभग 20 हजार चीनी य्वान की कमाई हो सकती है। दादा दाओ ने हमें बताया,उस वक्त, मेरे पास ज्यादा पैसे नहीं थे, इसलिए, मुझे रिश्तेदारों व मित्रों से पैसे उधार लेने पड़े। इस के अलावा, मैंने सरकारी बैंक से भी कर्ज लिया।उन्होंने एक बार 2 लाख 20 हजार चीनी य्वान की पूंजी डाली और भारी लाभ हासिल किया।वर्ष 1996 में उन की पारिवारिक आमदनी 1 लाख को पार कर गई थी।इस के बाद दादा दाओ ने केले व रबर के पेड़ उगाने शुरु किए। उस समय से, उन की आय साल दर साल बढ़ती रही। दादा दाओ ने हमें बताया कि आज उन का जीवन बहुत अच्छा है। उन्होंने हमें बताया कि गत वर्ष उन्होंने वियतनाम की राजधानी हनोई का पर्यटन किया था और इस वर्ष मलेशिया व थाईलैंड की यात्रा की है। उन्होंने आशा जताई कि उन के पोता भी विदेश में पढ़ सकेगा।

दादा दाओ के अनेक शौक हैं।वे अनेक किस्मों के संगीत यंत्र बजा सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में दादा दाओ ने हमें बांसुरी बजा कर तैई जाति का एक परम्परागत संगीत सुनाया।

दादा दाओ ने हमें बताया कि अगले वर्ष वे राजधानी पेइचिंग का दौरा करेंगे। आशा है कि दादा दाओ हमेशा स्वस्थ रहें और खुश रहें।(श्याओयांग)