चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने 16 तारीख को दारेस्सालामू में तान्जानीया के विभिन्न जगतों द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में भाग लिया। समारोह में श्री हू चिन थाओ ने चीन और अफ्रीका संबंध पर अपने व्याख्यान में बलपूर्वक कहा कि चाहे बीते दिन में हो या आज या आने वाले दिनों में ,चीनी जनता अफ्रीकी जनता के साथ की मित्रता को बहुत मूल्यावान समझती है और हमेशा से अफ्रीकी जनता को हर मौसम में खरा उतरने वाला पूर्ण विश्वासनीय व निर्भरता वाला मित्र मानता है, हम अफ्रीकी जनता के अच्छे भाई और अच्छे साथी रहेगें।
श्री हू चिन थाओ ने एक साथ मिलकर लिखे चीन-अफ्रीका मैत्री का नया पन्ना के शीर्षक वाले अपने व्याख्यान में सबसे पहले भाव विभोर होकर चीन और अफ्रीका की आधी सदी की परम्परागत मैत्री का सिंहावलोकन किया। उन्होने कहा कि मिलती जुलती एतिहासिक घटनाए, समान लक्ष्य व मंजिल ने चीन और अफ्रीकी जनता की किस्मत को घनिष्ठता से जोड़ रखा है, जिस से चीन और अफ्रीका संबंध समय व अन्तरराष्ट्रीय की बदलते मौसम में हमेशा खरा उतरा है। 2006 में चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के पेइचिंग शिखर सम्मेलन में चीन और अफ्रीकी नेताओं ने एक साथ मिलकर राजनीतिक समानता व विश्वास के विकास को निर्धारित किया और चीन-अफ्रीका संबंध इतिहास में एक नया अध्याय खोला है। शिखर सम्मेलन के बाद चीन सरकार ने अफ्रीकी देशों के साथ व्यवहारिक सहयोग को मजबूत किया है और अफ्रीकी देशों के विकास के लिए निर्धारित 8 कार्यवाहियों को मूर्त रूप देने में समर्थन प्रदान किया है, इन कार्यवाहियों ने अफ्रीकी देशों को व्यवहारिक व सार्थक लाभ पहुंचाया है और चीन-अफ्रीका सहयोग के लिए अधिक उज्जवल भविष्य पेश किया है।
श्री हू चिन थाओ ने कहा कि वर्तमान दुनिया में शान्ति बरकरार रखना, विकास को बढ़ाना ,सहयोग को प्रेरित करना युग की धारा है, अन्तरराष्ट्रीय स्थिति पूर्ण रूप से स्थिरता कायम रखे हुई है। लेकिन इस के साथ विश्व राजनीतिक व अर्थतंत्र आदि क्षेत्रों में अनिश्चित व अस्थिर कारकों में वृद्धि हो रही है। वर्तमान अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट में विकासशील देशों की हालत कहीं ज्यादा बुरी है, कठिनता की घड़ी जितनी अधिक हो, चीन और अफ्रीका को उतना ही आपस में समर्थन देते हुए सहयोग को सुदृढ़ कर समान रूप से इस कठिन समय का सामना करना चाहिए।
श्री हू चिनथाओ ने कहा कि चीन अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर छह पहलुओं में सहयोग को सुदृढ़ करना चाहता है, पहला, एकता व आपसी मदद से अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट की चुनौतियों का सामना करें। उन्होने कहा कि चीन संजीदगी से चीन-अफ्रीका सहयोग मंच की पेइचिंग शिखर सम्मेलन में निर्धारित अनेक अफ्रीकी देशों को सहायता देने की कार्यवाहियों को बखूबी अंजाम देगा, हर संभव कोशिशों से अफ्रीका के कर्जों को कम या माफ करने के साथ व्यापार व पूंजी निवेश का विस्तार करेगा। दूसरा, आपसी राजनीतिक विश्वास को बढ़ाकर चीन और अफ्रीका की परम्परागत मैत्री की राजनीतिक नींव को प्रगाढ़ करेगा और उच्च स्तरीय आवाजाही को आगे बढ़ाएगा। तीसरा, चीन निरंतर अफ्रीका के अर्थतंत्र-व्यापार व व्यवहारिक सहयोग के स्तर को उन्नत करता रहेगा। चौथा ,आदान प्रदान का विस्तार कर चीन और अफ्रीका के बीच मानव संस्कृति सहयोग को गहन करेगा। पांचवा, घनिष्ठ संपर्क बरकरार रखते हुए अन्तरराष्ट्रीय मामलों में अफ्रीका के साथ समन्वय को अधिक प्रगाढ़ करेगा। छठा, सहयोग को प्रबल कर चीन और अफ्रीका सहयोग मंच के निर्माण को आगे बढ़ाएगा, ताकि यह मंच चीन और अफ्रीका के संबंध की राजनीतिक निर्देशन की भूमिका निभा सके।
श्री हू चिन थाओ ने विशेष रूप से कहा कि चीन और अफ्रीका की मैत्री का आज, चीन और अफ्रीका के अनेक पीढ़ियों की समान प्रयासों का सुफल है, चीन और अफ्रीका की मित्रता के कल का अविष्कार हमारी नयी पीढ़ी करेगी। उन्होने कहा कि चीन सरकार ने 50 तान्जानीयाई युवा छात्रों को इस साल चीन में आदान प्रदान यात्रा करने का फैसला लिया है। भविष्य में चीन अफ्रीकी देशों के साथ चीन और अफ्रीकी युवाओं के बीच के आदान प्रदान व सहयोग को निरंतर आगे बढ़ाती रहेगी।
तान्जानीया के राष्ट्रपति किकवेती समेत अनेक सरकार अधिकारियों, 1200 से अधिक तान्जानीया के विभिन्न जगतों के लोगों ने श्री हू चिन थाओ का व्याख्यान सुना। अपने व्याख्यान के बाद श्री हू चिन थाओ ने भाव विभोर होकर स्वागत समारोह में शरीक तान्जानीया के विभिन्न जगतों के लोगों से कहा कि चीन और अफ्रीका की मित्रता को सुदृढ़ करना, चीन-अफ्रीका सहयोग को प्रबल करना ,इतिहास ने हमें दिया एक मिशन है, चीन अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर चीन और अफ्रीका के नये रणनीतिक साझेदार संबंध को आगे बढ़ाने की अथक कोशिशें करता रहेगा और एक साथ मिलकर चीन-अफ्रीका मैत्री का एक और नया पन्ना लिखेगा।
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