2009-02-16 10:56:11

दादा दाओ की कहानी

कुछ समय से पहले हमारे संवाददाताओं ने चीन व वियतनाम के सीमांत क्षेत्र में स्थित तैई जाति के एक गांव मैनफड़ं गांव का दौरा किया और दादा दाओचाचीन की कहानी सुनी।

मैनफडं गांव युन्नान प्रांत के दक्षिण में स्थित चिन फींग काउंटी में स्थित है,जो चीन व वियतनाम के सीमांत क्षेत्र की चिन श्वेई ह पोर्ट से केवल 8 किलोमीटर दूर है। चिन श्वेई ह पोर्ट वियतनाम के मित्रों के लिए, खासकर वियतनाम के लेईच्यो प्रांत के मित्रों के लिए परिचित है। चिन श्वेई ह ---मा लू थांग चीन व वियतनाम मैत्री पुल ने दोनों देशों के सीमांत व्यापार व मैत्री के विकास को प्रतिबिंबित किया है।

मैन फडं गांव पहाड़ों व नदियों के पास स्थित है। एक समतल सड़क गांव के बीच में से गुजर कर गांव को दो भागों में विभाजित करती है।नदियों व सड़कों के आसपास और पहाड़ों में केले व रबर के जंगल हैं।

सुबह जब हमारे संवाददाता गांव पहुंचे, तो हमें महसूस हुआ कि यहां की हवा बहुत ताज़ा है और वातावरण में केले व रबर की सुगंध फैली हुई है।

हम ने सड़कों के पास हरे-हरे केले के पेड़ देखे। हमें बताया गया कि ये केले पेइचिंग, शांगहाई और अन्य बड़े शहरों में बेचे जाते हैं ।

बातचीत करते समय हम सड़क के पास एक दो मंजिला इमारत के सामने पहुंचे।इस इमारत में चांदी के रंग वाली दीवार, हरे रंग की बाहरी सजावट और चाप वाली खिड़कियां हैं। यह इमारत परम्परागत जातीय विशेषता वाली इमारत है, जिस के नीचे एक छोटा भंडार है। एक वृद्ध द्वार पर बैठे हुए बांस की बेंच की बुनाई कर रहे हैं। वृद्ध के आसपास कई बनायी गयी रंगीन बेंचे रखी हुई हैं। इस वृद्ध का नाम है दाओचाचीन, जो इस वर्ष 55 साल के हो गए हैं। वे इस इमारत के मेजबान हैं, उन के परिवार में कुल मिलाकर 6 लोग हैं, सब लोग एक साथ खुशी से रहते हैं।

वृद्ध से बातचीत करने से हमें पता लगा कि इस इमारत की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी, लगभग 3 लाख चीनी य्वान के खर्च से इस इमारत का निर्माण किया गया था। एक सामान्य किसान परिवार के लिए यह आसान बात नहीं है। लेकिन, हम ने कल्पना नहीं की कि इस इमारत को दादा दाओ और उन के बेटे ने खुद डिजाईन किया था। दादा दाओ ने खुशी से कहा,उसी वर्ष हमने फू च्यो व श्या मन का दौरा किया और गूलांगय्वू में अनेक विदेशी शैली वाली इमारतों को देखा। इसलिए, हमने तैई जाति की इमारत की शैली और युरोपियन शैली को मिला कर इस इमारत का निर्माण किया।

दादा दाओ ने मुस्कराते हुए बताया कि पहले तैई जाति के मकान की निचली मंजिल में लोग मुख्यतः मुर्गियां व सुअर पालते थे, जबकि आज उन के मकान के नीचे गाड़ी के लिए पार्किंग की जगह बन चुकी है।

बातचीत करते समय द्वार के बाहर मोटर गाड़ी की आवाज़ सुनायी पड़ी और द्वार के बाहर से एक युवा दंपत्ति अंदर आए। दादा दाओ ने परिचय देते हुए बताया कि ये उन के बेटे व बहू हैं। जब बेटे को पता चला कि हम पेइचिंग से आये हुए संवाददाता हैं, तो उस ने मुस्कुराते हुए हमें बताया,

मैं केले के बाग में गया था। वहां मैं मजदूरों के लिए काम का प्रबंध करके वापस लौटा हूं।

इस लेख का दूसरा भाग अगली बार प्रस्तुत होगा, कृप्या इसे पढ़े।(श्याओयांग)