14वें दलाई लामा ने खुद कार्यभार संभालने के बाद केन्द्रीय जन सरकार के अध्यक्ष माओ त्सेतुंग के नाम तार भेजकर स्पष्ट शब्दों में केन्द्रीय जन सरकार और अध्यक्ष माओ त्सेतुंग के नेतृत्व का समर्थन करने की बात कही । दलाई लामा ने न्गोपोई न्गोवांग जिगमे के नेतृत्व वाला प्रतिनिधि मंडल पेइचिंग भेजा । सन्1951 केन्द्रीय जन सरकार ने तिब्बती स्थानीय सरकार के प्रतिनिधि मंडल के साथ केन्द्रीय जन सरकार और तिब्बती स्थानीय सरकार के बीच तिब्बत की शांतिपूर्ण मुक्ति के तरीके के बारे में समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिस की कुल 17 धाराएं हैं।
समझौते की पहली धारा में यह स्पष्ट रूप से निर्धारित किया गया है कि तिब्बती जनता एकजुट होकर सम्राज्यवादी शक्तिओं को तिब्बत से बाहर भगा देगी और तिब्बती जनता चीन लोक गणराज्य मातृभूमि के महापरिवार में लौट आएगी। इस धारा ने स्पष्ट कर दिया है कि तिब्बत चीन लोक गणराज्य का एक अभिन्न भाग है। उस समय, तिब्बत देश के भीतरी इलाके के अन्य जातीय बहुल क्षेत्रों से बहुत पहलुओं में भिन्न था । तिब्बती स्थानीय सत्ता राजनीतिक व धार्मिक मिश्रित सामंती भूदास मालिक की तानाशाही संस्था थी, वह एक पिछड़ी हुई व्यवस्था थी जिसे बदला जाना चाहिए । लेकिन इस बदलाव के लिए एक लम्बे समय की जरूरत थी। समझौते की चौथी धारा और 11 वीं धारा ने यह निर्धारित किया है कि तिब्बत की वर्तमान राजनीतिक प्रणाली को केन्द्र सरकार नहीं बदलेगी और उस के विभिन्न स्तरों के अधिकारी अपने अपने पद पर कायम रहेंगे। तिब्बत के विभिन्न सुधार कार्यों को केन्द्र सरकार जबरन नहीं करेगी, तिब्बती स्थानीय सरकार को अपनी पहल के साथ सुधार करना चाहिए। जब जनता सुधार की मांग करती है, तो केन्द्र सरकार तिब्बत के नेताओं के साथ सलाह मशविरे के जरिए उसे हल करेगी । समझौते के मुताबिक स्थिति परिपक्व पड़ने पर तिब्बत में एकीकृत क्षेत्रीय स्वशासन लागू की जाएगी।
1954 के शरद काल में दलाई लामा और पंच लामा पेइचिंग में प्रथम राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के अधिवेशन में भाग लेने आए, इस के दौरान अध्यक्ष माओ त्सेतुंग ने दोनों के साथ तिब्बत के क्षेत्रीय स्वशासन के सवाल पर विचार विमर्श किया । दलाई लामा और पंचन लामा दोनों ने यह आशा प्रकट की कि अभी अभी पारित चीन लोक गणराज्य के संविधान की भावना के अनुसार यथाशीघ्र ही तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी गठित की जाएगी। यह तिब्बत के क्षेत्रीय स्वशासन की दिशा में बढाया गया एक अहम कदम है ।
मार्च 1955 में चीनी राज्य परिषद ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी की स्थापना के बारे में निर्णय पारित किया, जिस में स्पष्ट किया गया है कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना की तैयारी करने के जिम्मेवार सत्ताधारी संस्था है, जो चीनी राज्य परिषद का नेतृत्व स्वीकार करती है। तैयारी कमेटी का मुख्य कार्य चीनी संविधान और तिब्बत की शांतिपूर्ण मक्ति के तरीके के बारे में समझौते और तिब्बत की वास्तविक स्थिकि के मुताबिक तिब्बत में क्षेत्रीय स्वशासन लागू करने के लिए तैयारी करना है ।
विभिन्न पक्षों के बीच सलाह मशविरे के बाद राज्य परिषद ने तिब्बत के विभिन्न स्थानों के प्रतिनिधियों, प्रमुख धार्मिक संप्रदायों, मठ-मंदिरों तथा जन समुदाय के प्रतिनिधियों से गठित 51 सदस्यी कमेटी कायम की । राज्य परिषद के निर्णय पर दलाई लामा तैयारी कमेटी के अध्यक्ष और पंचन लामा कमेटी के प्रथम उपाध्यक्ष बने ।
केन्द्र तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी पर अत्यन्त बड़ा ध्यान देता था । केन्द्रीय नेता माओ त्सेतुंग, ल्यू शोची और चो एनलाई ने अलग अलग तौर पर तार भेज कर बधाई दी और उप प्रधान मंत्री छनई के नेतृत्व में केन्द्र का प्रतिनिधि मंडल बधाई देने के लिए तिब्बत भेजा। अप्रैल 1956 में केन्द्रीय प्रतिनिधि मंडल ल्हासा पहुंचा, दलाई लामा और पंचन लामा खुद शहर से बाहर पांच किलोमीटर दूर जाकर प्रतिनिधि मंडल का स्वागत किया ।
22 अप्रैल 1956 को तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी की स्थापना का समारोह ल्हासा के बृहद भवन में उद्घाटित हुआ, 14वें दलाई लामा ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की और भाषण दिया। उन्हों ने अपने भाषण में कहा कि तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी की स्थापना इस का प्रतीक है कि तिब्बत क्षेत्र के कार्य एक नए दौर में दाखिल हो गये हैं। हमारा कार्य है कि तिब्बत के तमाम भिक्षुओं और जनता को एकजुट कर चीनी कम्युनिस्ट पार्टी व केन्द्रीय जन सरकार के नेतृत्व में तिब्ब के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक कार्यों को कदम ब कदम विकसित करने, मातृभूमि की रक्षा को मजबूत करने तथा राजनीति में प्रगतिशील और समृद्ध व सुखमय नए तिब्बत का निर्माण करने के लिए प्रयास करें। हम तहेदिल से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और केन्द्रीय जन सरकार द्वारा जातीय क्षेत्रीय स्वशासन, जातीय समानता ,एकता व धार्मिक विश्वास की स्वतंत्रता की रक्षा की नीति का समर्थन करते हैं।
केन्द्रीय प्रतिनिधि मंडल के नेता, राज्य परिषद के उप प्रधान मंत्री छन ई ने समारोह में राज्य परिषद का आदेश पढ़ कर सुनाया और राज्य परिषद की ओर से दलाई लामा को अधिकार मुहर मुहैया किया। समारोह दस दिल चलने के बाद संपन्न हुआ और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी के प्रथम उपाध्यक्ष पंचन लामा ने समापन सम्मेलन की अध्यक्षता की और भाषण दिया।
स्वायत्त प्रदेश की स्थापना तैयारी कमेटी की स्थापना से तिब्बत में जातीय क्षेत्रीय स्वशासन लागू होने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया गया, वह तिब्बत के प्रगति के रास्ते में मील का एक पत्थर है।