वर्ष 2002 में देश द्वारा प्रदत्त पूंजी से तिब्बत के पोटाला महल, नोर्बोलिंग्का और सागा मठ इन तीन महत्वपूर्ण सांस्कृतिक अवशेषों की मरम्मत औपचारिक रुप से शुरू हुई, यह तिब्बती परम्परागत संस्कृति के संरक्षण व विकास के लिए केंद्र सरकार द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है । अब तक उक्त तीनों अवशेषों की मरम्मत केलिए तीस करोड़ य्वान लगाए गए हैं , जो कुल पूंजी का अस्सी प्रतिशत भाग बनता है ।
पता चला है कि सातवीं शताब्दी में निर्मित पोटाला महल विश्व सांस्कृतिक धरोहरों की नामसूचि में शामिल है, जबकि नोर्बोलिंग्का का निर्माण 1751 में हुआ, यह विश्व में सब से ऊंचे स्थान पर निर्मित सब से विसाल और अच्छी तरह संरक्षित उद्यान ही है । सागा मठ तिब्बती लामा बौद्ध धर्म की सागा शाखा की प्रमुख मठ है, जिस में विविधतापूर्ण सूत्र और मूल्यवान सांस्कृतिक अवशेष सुरक्षित हैं । (श्याओ थांग)