2009-02-11 17:01:13

जाम्बिया चीन आर्थिक व्यापार सहयोग उद्यान में नया सहयोग फार्मूला

यह चाइना रेडियो इंटरनेशनल है , श्रोता दोस्तो , चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री हू चिन थाओ दस फरवरी को सऊदी अरब और चार अफ्रीकी देशों की मैत्रीपूर्ण यात्रा के लिये रवाना हुए , यह 2009 में उन की प्रथम विदेश यात्रा ही है । इस से जाहिर है कि चीन विभिन्न अफ्रीकी देशों के साथ संबंधों को बढाने पर जोर देता है । वास्तव में नवम्बर 2006 में चीन अफ्रीका सहयोग मंच का पेइचिंग शिखर सम्मेलन आयोजित होने के बाद चीन व अफ्रीका द्वारा रचित पारस्परिक लाभ वाली समान जीत तथा समान विकास के सहयोग फार्मूले से व्यापक अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित हुआ है । 

जाम्बिया चीन आर्थिक व्यापार उद्यान अफ्रीका में चीन द्वारा स्थापित प्रथम आर्थिक सहयोग क्षेत्र है । इस सहयोग क्षेत्र के उप जनरल मेनेजर श्री क्वे पाओ सन ने इस सहयोग क्षेत्र में प्राप्त उपलब्धियों की चर्चा में कहा  गत वर्ष के अंत तक इस सहयोग उद्यान में उपक्रमों की संख्या दस हो गयी है। इस के अतिरिक्त हम ने गत नौ सितम्बर को चीन के शा मन शहर में 12 वां चीनी अंतर्राष्ट्रीय पूंजी निवेश व व्यापार मेला लगाया , मौके पर चीनी अलौह धातु खान ग्रुप ने जाम्बिया सरकार के साथ जाम्बिया चीन आर्थिक व्यापार सहयोग उद्यान में पूंजी निवेश संवर्द्धन व संरक्षण के बारे में समझौता संपन्न किया । यह देश के बाहर चीन के दसेक सहयोग उद्यानों में से प्रथम है , जिस ने स्थानीय मेजबान देश के साथ पूंजी निवेश संवर्द्धन व संरक्षण के समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं । गत वर्ष समूचे उद्यान के उपक्रमों की विक्रय आय 19 करोड़ अमरीकी डालर है और कुल करीब 50 करोड़ अमरीकी डालर की पूंजी लगायी गयी है और प्रस्तावित पूंजी रकम 70 करोड़ अमरीकी डालर तक भी पहुच गयी है , जिस से तीन हजार पांच सौ रोजगार मौके पैदा किये गये हैं ।

चालू वर्ष 15 जनवरी को जाम्बिया चीन आर्थिक व्यापार सहयोग उद्यान की लुसाका शाखा विधिवत रुप से उद्घाटित हुई । जाम्बिया के राष्ट्रपति बांदा और चीनी वाणिज्य मंत्री छन तेह मिंग इस उद्घाटन रस्म में शरीक हुए । लेकिन बहुत से लोगों को मालूम नहीं है कि आज यह फलता फूलता आर्थिक व्यापार सहयोग उद्यान वास्तव में 1999में चीनी अलौह धातु खान ग्रुप ने ठेके पर प्राप्त एक फालतू तांबे खान कुए के आधार पर निर्मित किया है । 

उप जनरल मेनेजर क्वे पाओ सन ने कहा कि चीन व जाम्बिया के बीच मैत्री व आर्थिक व व्यापारिक आवाजाही और सहयोग को बढाने के लिये मात्र खान में पूंजी लगाने से एक औद्योगिक अड्डे की स्थापना अधिक बेहतर है । और तो और अलौह धातु उद्योग की दीर्घकालिक पूंजी से प्राप्त मुनाफे के मद्देनजर हम ने स्वाभाविक रुप से उद्योग उद्यान की धारणा पेश की है ।

पिछले दस सालों के कठोर परिश्रम के जरिये आज जाम्बिया चीन आर्थिक व्यापार सहयोग उद्यान अफ्रीका में चीनी पूंजी निवेश की एक सफल आदर्श मिसाल बन गया है । जाम्बिया के राष्ट्रपति बांदा का मानना है कि यह आर्थिक व्यापार उद्यान तत्कालीन जाम्बियाई रेल लाइन की तरह नये काल की चीन अफ्रीका मैत्री का प्रतीकात्मक स्मारक है । जाम्बिया स्थित चीनी आर्थिक वाणिज्य कांसुलर वांग य्यो ने कहा कि जाम्बिया चीन आर्थिक व्यापार सहयोग उद्यान ने निम्न तीन क्षेत्रों से पारस्परिक लाभ वाली समान जीत व समान विकास बढाने की चीन की नयी धारणा की अभिव्यक्ति की है ।

सर्वप्रथम अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विवादों का समाधान किया गया है । इधर सालों में चीन के विदेशी व्यापार का अनुकूल संतुलन काफी बड़ा है , जिस से विभिन्न देशों के साथ व्यापार टक्करें व विवाद उत्तरोत्तर अधिक से अधिक प्रकाश में आये हैं , देश के बाहर आर्थिक व्यापार सहयोग उद्यान की स्थापना से चीनी विदेशी मुद्रा के भंडारण को कम किया जा सकता है और चीनी अंतर्राष्ट्रीय आयव्यय के संतुलन को बनाये रखने में बड़ा योगदान भी किया जाता है।

दूसरे , चीनी उपक्रमों के लिये अंतर्राष्ट्रीय बाजार के विकास के लिये एक मंच भी स्थापित हो गया है , इस से चीनी कारोबारों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार पर कब्जा करने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है । अंत में मेजबान देशों के आर्थिक विकास , रोजगार मौके पैदा करने और कराधान बढाने के लिये लाभदायक भी है ।

अफ्रीका में स्थापित चीनी कारोबारों को अंतर्राष्ट्रीय वातावरण परिवर्तन से उत्पन्न नयी चुनौतियों का सामना करना भी पड़ेगा । पर चीनी कारोबार जाम्बिया सरकार के साथ वर्तमान कठिन स्थिति को दूर करने पर आश्वस्त हैं ।