चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सुश्री च्यांगय्वू ने 10 तारीख को पेइचिंग में कहा कि तिब्बत से जुड़ा सवाल चीन की राजकीय प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता से संबंधित है । आशा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसे पूर्ण रूप से समझ सकेगा और राजकीय प्रभुसत्ता, विभिन्न जातियों के हितों तथा सामाजिक स्थिरता को बनाए रखने के लिए चीन सरकार द्वारा उठाए गए कई कदमों का समादर व समर्थन कर सकेगा ।
रिपोर्ट के अनुसार नौ तारीख को इटली के कुछ सांसदों ने दलाई लामा से मुलाकात की । चीन ने इस को ले कर गंभीर रूप से मामला उठाया , लेकिन रोम शहर ने इस की अनदेखी कर दलाई को मानसेवी शहर वासी की उपाधि भी प्रदान किया । सुश्री च्यांगय्वू ने कहा कि इटली की इन गतिविधियों ने चीनी जनता की भावना को भारी क्षति पहुंचाई है । चीन ने इस के प्रति तीव्र असंतोष दृढ़ विरोध व्यक्त किया है ।
सुश्री च्यांगय्वू ने कहा कि तिब्बत चीनी प्रादेशिक भूमि का एक अभिन्न अंग है । तिब्बत सवाल चीन का अंदरूनी मामला है । चीन किसी भी देश, संगठन व व्यक्ति का दलाई सवाल को लेकर चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप करने पर डटकर विरोध करता है । दलाई एक शुद्ध धार्मिक व्यक्ति नहीं है । वह लम्बे समय से धर्म की आड़ में मातृभूमि को अलग करने वाला राजनातिक निष्कासित व्यक्ति है । आशा है कि इटली चीन की चिंता पर ध्यान देकर इस से पैदा कुप्रभाव को दूर करने के लिए कदम उठाएगा, ताकि द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ व स्थिर विकास को बनाए रखा जा सके ।(श्याओ थांग)