2009-02-09 10:23:44

विश्व वित्तीय संकट के बीच चीन का संकेत

फिलहाल चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने चार यूरोपीय देशों और यूरोपीय संघ के मुख्यालय की सफल यात्रा की ।8 फरवरी को चीनी उपराष्ट्राध्यक्ष शी चिन पिंग ने पांच लातिन अमरीकी देशों व मल्टा की राजकीय यात्रा शुरू की ।दस तारीख को चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ एशिया व अफ्रीका के पांच देशों की यात्रा करने वाले हैं । इन यात्राओं से चीन विश्व के विभिन्न देशों के साथ मैत्रीपूर्ण सहयोग चलाने की इच्छा व्यक्त करना और विश्व वित्तीय संकट के बीच विश्व के भविष्य पर चीन का विश्वास जताना चाहते हैं ।

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ 10 से 17 फरवरी तक साउदि अरब ,माली ,सिनेगोर ,टानजानिया और मोलिशस की यात्रा करेंगे ।मध्यपूर्व व अफ्रीकी मीडिया का व्यापक विचार है कि अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के फैलाव के वक्त राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ की यात्रा से चीन और उपरोक्त एशियाई व अफ्रीकी देशों की मैत्री को मजबूती मिलेगी ,चीन व खाडी सहयोग परिषद के सामूहिक सहयोग को बढावा मिलेगा और चीन अफ्रीका सहयोग मंच के पेइचिंग शिखर सम्मेलन में प्राप्त हुई उपलब्धियों के कार्यावयन को प्रेरणा मिलेगा ।इस से चीन मध्यपूर्व और अफ्रीकी देशों के साथ मिलकर विश्व आर्थिक मंदी का मुकाबला करेगा ।

सादि अरब के लोकमत के विचार में हू चिन ताओ की आसन्न यात्रा चीन साउदि अरब रणनीतिक मैत्री संबंध और चीन व खाडी सहयोग परिषद के सामूहिक सहयोग को बढावा देगी ।माली राष्ट्रपति अमादो टौमानी टोर ने कहा कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष की माली यात्रा का ऐतिहासिक महत्व है ,जिस से चीन और माली के बीच मजबूत व घनिष्ठ संबंध जाहिर है ।सिनेगोर के राष्ट्रपति भवन के महासचिव अब्दोलाय बाल्दे ने कहा कि हू चिन ताओ माली की यात्रा करने वाले पहले चीनी राज्याध्यक्ष होंगे ।उन की यात्रा से दो देशों की रणनीतिक साझेदारी के विकास को बढावा मिलेगा । तानजानिया व मोलिशस की सरकारों व जनता चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ की यात्रा की प्रतीक्षा में भी है ।

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन ताओ का साउदि अरब व चार अफ्रीकी देशों की यात्रा करने से पहले चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने अभी अभी यूरोप की सफल यात्रा संपन्न की । न्यूयार्क टाइम्स व फाइनांशल टाइम्स जैसी अखबारों ने वन चा पाओ की यात्रा को यूरोप की सर्दी में एकमात्र फ्लैशन पाइंट बताया ।उन के विचार में चीनी प्रधान मंत्री की यात्रा से एक तरफ अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मिलकर कठिन समय बिताने के लिए प्रेरणा मिला ,तो दूसरी तरफ यूरोप व विश्व को चीन के सुधार व खुलेपन के संकल्प और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के निपटारे की क्षमता पर पक्का विश्वास हुआ ।

चीनी प्रधान मंत्री ने यूरोप में कहा कि विश्वास संकट पराजित करने की शक्ति का स्रोत है ।व्यावहारिक सहयोग संकट पराजित करने का प्रभावित तरीका है ।जिम्मेदारी उठाना संकट पराजित करने का महत्वपूर्ण आधार है ।विश्व वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए चीन ने अपना सुझाव पेश किया यानी विश्वास ,सहयोग व जिम्मेदारी ।

विश्व को विश्वास दिलाने के अलावा चीन ने चीन यूरोप आर्थिक व व्यापारिक सहयोग बढाने के लिए व्यावहारिक कदम भी उठाया ।यूरोप यात्रा के दौरान चीन ने यूरोपीय संघ ,स्वेजरलैंड ,जर्मनी ,स्पेन व ब्रिटेन के साथ 38 समझौतों पर हस्ताक्षर किये ,जिन की कुल राशि 15 अरब से अधिक य्वान है ।

8 फरवरी को चीनी उपराष्ट्राध्यक्ष शी चिन पिंग ने मैक्सिको ,जमेका ,कोलोंबिया ,वेनेज्युला ,ब्राजील व मल्टा की औपचारिक यात्रा के लिए पेइचिंग रवाना हुए ।इधर कुछ सालों में चीन और लाटिन अमरीकी देशों के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही बनी रहा और आपसी राजनीतिक विश्वास बढता रहा । द्विपक्षीय संबंध तेज विकास की पटरी पर चल रहे हैं । गंभीर वित्तीय व आर्थिक स्थिति के बीच लाटिन अमरीकी देश चीन के साथ सहयोग बढाकर पारस्परिक लाभ के आधार पर वित्तीय संकट का मुकाबला करना चाहते हैं ।लाटिन अमरीकी देशों के विभिन्न जगतों के विचार में चीनी उपराष्ट्राध्यक्ष शी चिन पिंग की मौजूदा यात्रा चीन और लाटिन अमरीका के बीच आवा जाही व सहयोग आगे बढाने का सुअवसर साबित होगी ।

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