2009-01-30 16:46:33

चीन व जर्मनी के आर्थिक सहयोग की मजबूती पर दो देशों के प्रधान मंत्रियों का समान विचार

पांचवां चीन जर्मनी आर्थिक व तकनीकी सहयोग मंच 29 तारीख को बर्लिन में उद्घाटित हुआ । दोनों देशों के प्रधान मंत्रियों ,सरकारी अधिकारियों ,उद्यमियों व विशेषज्ञों समेत लगभग 400 लोग उद्घाटन समारोह में उपस्थित हुए ।चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने अपने भाषण में कहा कि चीन और जर्मनी वर्तमान वित्तीय संकट के निपटारे में आर्थिक व तकनीकी सहयोग मजबूत करेगें ताकि दोनों देशों के आर्थिक विकास को बढावा दिया जाए ।जर्मन की प्रधान मंत्री मर्कैल ने कहा कि जर्मनी को चीन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखना चाहिए ।

सहयोग मंच पर दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने सूचना उद्योग ,जैविक विज्ञान व चिकित्सा ,पर्यावरण संरक्षा ,ढांचागत संस्थापनों व ऊर्जा आदि उच्च व नवीन तकनीक जैसे विभिन्न मु्द्दों पर गहन व ज्वलंत विचार विमर्श किया। चीनी प्रधान मंत्री वन चा पाओ ने अपने भाषण में वित्तीय संकट के मुकाबले में चीन व जर्मनी के सहयोग पर विश्वास प्रकट किया ।उन्होंने कहा ,घनिष्ठ आर्थिक संबंध हमेशा चीन जर्मनी संबंधों का एक मुख्य स्तंभ रहा है ।हम ने खुशी से देखा है कि इधर के कुछ सालों में चीन और जर्मनी के आर्थिक व तकनीकी सहयोग ने नयी छलांग लगायी गयी है ।हमें विश्व संकट को पराजित करने का संकल्पबद्ध दिखाना चाहिए और बाजार को सकारात्मक संकेत पहुंचाना चाहिए ताकि उत्पादकों ,निवेशकों व उपभोक्ताओं का विश्वास बढता रहे ।दोनों देश संकट के निपटारे के अंतरराष्ट्रीय सहयोग में समंवय करने के साथ द्विपक्षीय आर्थिक व तकनीकी सहयोग को मजबूत कर सकेंगे ताकि दो देशों के आर्थिक विकास को बढावा मिल सके ।

ध्यान रहे पिछले वर्ष अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के बावजूद, चीन जर्मनी व्यापार एक खरब अमरीकी डालर से अधिक रहा ।अब तक जर्मन उद्यमों ने चीन में कुल 15 अरब अमरीकी डालर की पूंजी लगायी है ।इस के अलावा चीन को तकनीक निर्यातित करने की दृष्टि में जर्मनी अग्रसर रहा है ।

चीन जर्मनी आर्थिक व व्यापिरक सहयोग की चर्चा करते हुए वन चा पाओ ने कहा कि चीन महज व्यापार लाभ नहीं ढूंढता ।चीन सरकार निकट भविष्य में जर्मनी को एक खरीदारी मंडल भेजेगा और जर्मनी से अधिक माल ,तकनीक व उपकरण का आयात करेगा । वन चा पाओ ने दो देशों के आर्थिक विकास को बढाने के लिए पांच सुझाव भी पेश किये ,जिन में व्यापार व निवेश बढाने ,उच्च तकनीक क्षेत्र के सहयोग को मजबूत बनाने ,पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र का सहयोग गहराने व अंतरराष्ट्रीय मामलों में समन्वय बढाने जैसे विषय शामिल हैं ।उन्होंने कहा ,यूरोपीय उद्यम अपनी श्रेष्ठता का लाभ उठाते हुए चीन को ज्यादा प्रगतिशील तकनीक व सामानों का निर्यात कर सकेंगे ।इस तरह वे न सिर्फ अपनी कठिनाइयों को दूर करेंगे ,बल्कि चीनी बाजार की मांग को भी पूरा कर सकेगें ।चीन सरकार बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण को राष्ट्रीय रणनीतिक की संज्ञा देती है ।हमें आशा है कि यूरोपीय संघ यथाशीघ्र ही चीन के खिलाफ उच्च तकनीक वाले मालों के निर्यात का प्रतिबंध उठाएगा ।इस से उच्च तकनीक क्षेत्र में दो देशों के पूरे सहयोग के लिए रास्ता साफ किया जा सकेगा ।हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से जलवायु परिवर्तन से जुडे तकनीक विकास व तकनीक हस्तांतरण को मजबूत करने की अपील करते हैं ताकि विकासशील देश ग्रीन हाउस गैस निकामी को घटाने के कार्य में प्रगतिशील तकनीक हासिल कर सके ।

अपने भाषण में वन चा पाओ ने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के मुकाबले के लिए घरेलू मांग के विस्तार की चीन की नीतियों का परिचय दिया ।उन्होंने बल देकर कहा कि इन कदमों से विदेशी उद्यमों को चीन में पूंजी निवेश के अधिक मौके व बाजार प्राप्त होगें ।

जर्मन की प्रधान मंत्री मर्केल ने अपने भाषण में कहा कि जर्मनी और चीन की आर्थिक निर्भरता बढ रही है ।चीन के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखना जर्मनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट विश्वव्यापी चुनौती है ।इस के मुकाबले के लिए विभिन्न देशों की संयुक्त कारर्वाइयों की जरूरत है ।चीन के विकास पर उन्होंने कहा ,हमारे लिए चीन का तेज ,स्थिर व सामंजस्यपूर्ण विकास बहुत महत्वपूर्ण है ।हमारा अनुमान है कि इस साल जर्मनी का आर्थिक विकास 2.25 प्रतिशत से कम होगा, जबकि चीन को आर्थिक विकास में 8 प्रतिशत का लक्ष्य हासिल करने की क्षमता है ।यह एक असाधारण बात है ,जो जर्मनी के लिए अच्छा मौका होगा ।हालांकि हमारी अर्थव्यवस्था मंदी में है ,पर हम चीन में निर्यात कर सकते हैं ।हमारी आशा है कि हम साथ साथ सफलता से विकसित होंगे ।

चीन जर्मनी आर्थिक व तकनीक मंच में कुल 15 बडे सहयोगी मुद्दों पर हस्ताक्षर किये गये ।