चीनी राष्ट्रीय सांख्यकि ब्यूरो के हाल ही में जारी एक आंकड़ो से पता चला है कि जटिल व गंभीर देश विदेश के अर्थतंत्र की परिस्थिति में गत वर्ष चीन ने अर्थतंत्र वृद्धि को सतत व तेज विकास पर कायम रखा, अर्थतंत्र वृद्धि दर 9 प्रतिशत रही। चीन के कुछ अर्थतंत्र शास्त्रियों का मानना है कि विश्व मुख्य अर्थतंत्र समुदाय के ह्रास उत्पन्न होने के कुप्रभाव में, 2009 में चीन की अर्थतंत्र स्थिति बेहद गंभीर है, लेकिन फिर भी अर्थतंत्र की वृद्धि को 8 प्रतिशत तक कायम रखने के लक्ष्य को साकार किया जा सकता है।
विश्लेषकों ने कहा कि 2009 में अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के निरंतर सार्थक अर्थतंत्र पर फैलने की हालात में विश्व अर्थतंत्र की गति धीमी होगी। विश्व अर्थतंत्र के फिसलने के कुप्रभाव में चीन का अर्थतंत्र इस साल भी गंभीर चुनौतियों का सामना करेगा। लेकिन चीन सरकार के गत वर्ष घरेलु मांग से संबंधित एक मुश्त नीतियों को मूर्त रूप देने की बदौलत से चीन का अर्थतंत्र इस साल दलदल से निकल आएगा। चीनी सामाजिक विज्ञान अकादमी के अर्थतंत्र भविष्यवाणी विशेषज्ञ वांग थुंग सान ने कहा मेरे ख्याल में चाहे कैसी भी स्थिति क्यों न उभरे, यदि हम संजीदगी से केन्द्रीय सरकार द्वारा पेशकश विभिन्न नीतियों को बखूबी अंजाम देगें , तो 8 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि हासिल करने की गुंजाईश 90 प्रतिशत होगी , 8 प्रतिशत से उपर यानी 9 प्रतिशत तक हासिल करने की गुंजाईश भी की जा सकती है, इस की संभावना 60 से 70 प्रतिशत है।
गत वर्ष के उत्तरार्द्ध की जटिल व परिवर्तित देश विदेश की अर्थतंत्र स्थिति के आगे, चीन सरकार ने समय पर समग्र नियंत्रण नीति का समायोजन किया, और सक्रिय वित्तीय नीति अपनाने के साथ मुद्रा नीति में उचित ढील भी दी , इस के साथ अनेक घरेलु मांग को विस्तार करने , पूंजी निवेश को बढ़ाने व वृद्धि को कायम रखने की नीतियां लागू भी की। इन एक एक नीतियों को बखूबी अंजाम देने के चलते, गत वर्ष की दिसम्बर में चीन के कुछ अर्थतंत्र आंकड़ों में सकारत्मक परिवर्तन उभरे हैं, इन में मुद्रा आपूर्ति मात्रा व क्रेडिट की कुल रकम में हमें फिर से प्रफुल्लित संदेश हासिल हुए हैं तथा इन में सामाजिक कुल उपभोक्ता फुटकर बिक्री रकम में वृद्धि के तेज होना और औद्योगिक उत्पादों के उत्पादन व बिक्री के अनुपात में वृद्धि होना आदि कारक भी शामिल हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि इस साल अन्तरराष्ट्रीय अर्थतंत्र पर्यावरण अधिक बिगड़ेगा, तो चीन को सरकार की पूंजी निवेश की शक्ति को अधिक प्रबल करना होगा। इस के साथ, सरकार के पूंजी निवेश पर निर्भर रहकर पूरे समाज के पूंजी निवेश को प्रफुल्लित किया जाना भी अत्यन्त जरूरी है। चीन के छिंगहवा यूनिवर्सिटी के चीन और विश्व अर्थतंत्र अनुसंधान केन्द्र के प्रोफेसर येन कांग मिन ने कहा कि 2009 में चीन सरकार को व्यापक गैर सरकारी उद्योगों के पूंजी एकत्र करने व ऋण हासिल करने में अधिक ढील देने के साथ इन उद्योगों के पूंजी निवेश को समर्थन भी देना चाहिए। उन्होने कहा अर्थतंत्र को वास्तविक रूप से खींचने के लिए सामाजिक पूंजी निवेश का सहारा अनिवार्य है, विशेषकर गैर सरकारी उद्योगों के पूंजी निवेश, क्योंकि गैर सरकारी अर्थतंत्र के पूरे अर्थतंत्र का अनुपात फिलहाल राष्ट्रीय अर्थतंत्र अनुपात को पार कर गया है। हमें ऋण प्रदत्त में ढील लाने के तरीके से व्यापक सामाजिक पूंजी निवेश को समर्थन देना चाहिए। इस लिए अर्थतंत्र को फिर से प्रफुल्लित किया जा सकता है या नहीं, यह देखना बहुत जरूरी है कि व्यापक सामाजिक उद्योगों के पूर्ण ऋण प्रदत्त कार्यवाही को मूर्त दिया जा रहा है कि नहीं।
चीनी राज्य परिषद ने हाल ही में चिकित्सा स्वास्थ्य व्यवस्था सुधार का एक नया प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव के अनुसार, चीन सरकार तीन सालों के भीतर 8 खरब 50 अरब य्वान की पूंजी लगाएगी, जिन्हे मुख्य तौर से किसानों व शहरों के आम निवासियों की चिकित्सा जरूरी स्थिति पर डाली जाएगी और उल्लेखनीय रूप से उनके चिकित्सा खर्चों को कम करेगी। अर्थशास्त्री वांग थुंग सान ने कहा कि इस प्रस्ताव ने व्यापक नागरिकों की चिकित्सा जरूरत को सुनिश्चित किया है और बड़ी अच्छी तरह नागरिकों के भारी खर्चे को कम कर उनकी चिन्ता को दूर किया है। उनका मानना है कि इस साल चीन सरकार उपभोक्ता के विस्तार में प्राथमिक रूप से नागरिकों के भारी खर्चे के भुगतने की चिन्ता को दूर करना है। उन्होने कहा उपभोक्ता के विस्तार की जरूरत के समय, एक महत्वपूर्ण सवाल यह है कि नागरिकों के भारी खर्चे की चिन्ता को दूर किया जाए , हमें नागरिकों से संबंधित अनेक जीवन परियोजना निर्माण को सुदृढ़ करना चाहिए, मिसाल के लिए, स्कूली शिक्षा पहलु में पूंजी निवेश व चिकित्सा स्वास्थ्य में पूंजी निवेश को पूरी तरह सुदढ़ करना । इस के अलावा, सरकार को विशाल आधारभूत संस्थापनों का निर्माण करने के साथ कारगर रूप से बेरोजगारों को रोजगार दिलाने पर भी कड़ा ध्यान देना चाहिए, लोगों को अधिक रोजगार देने के जरिए नागरिकों की आय में बढ़ोतरी होगी और उपभोक्ता की मांग में थोड़ी बहुत बढ़ोतरी भी होती रहेगी।
अनेक लक्षणों से साबित होता है कि वित्तीय संकट के कुप्रभाव से वर्तमान विकसित देशों को चीन के विशाल वस्तुओं का आयात +करने की क्षमता नहीं रह गयी है, चीन को बाहरी मांग पर निर्भर रहकर अर्थतंत्र वृद्धि को खींचने के तरीके से अपना अनवरत विकास बरकरार रखना मुश्किल होता जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान में अर्थतंत्र वृद्धि को बरकरार रखने के साथ अर्थतंत्र ढांचेगत में समायोजन करने पर भी भारी ध्यान देना बहुत जरूरी है।
![]() |
![]() |
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040 |