2009-01-29 16:23:33

चीनी प्रधान मंत्री ने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आत्मविश्वास को प्रगाढ़ कर विश्व अर्थतंत्र के एक नए दौर की वृद्धि को आगे बढ़ाने की अपील की

चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने स्थानीय समयानुसार 28 तारीख को स्वीजरलैंड के दावोस में आयोजित विश्व अर्थतंत्र मंच की 2009 वार्षिक बैठक में भाग लिया और मौके पर विश्वास को प्रबल व सहयोग को सुदृढ़ कर विश्व अर्थतंत्र के एक नये दौर की वृद्धि को आगे बढ़ाने के शीर्षक से एक विशेष व्याख्यान दिया। उन्होने चीन के अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट का निपटारा करने के सिलसिलेवार नीतियों व कार्यवाहियों की जानकारी देते हुए कहा कि चीन को पूरा विश्वास व उसके पास पूरी क्षमता है कि वह विश्व अर्थंतंत्र विकास के लिए निरंतर योगदान करता रहेगा और अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से आत्मविश्वास पर निर्भर रहकर सहयोग व जिम्मेदारी को सुदृढ़ करते हुए मूल रूप से वित्तीय संकट का समाधान कर, वर्तमान संकट पर विजय हासिल करने की भी अपील की।

अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के फैलने की पृष्ठभूमि में इस बार के विश्व अर्थतंत्र मंच में 96 देशों के 2500 से अधिक गणमानीय मेहमानों ने इस वार्षिक बैठक में भाग लिया। इन में चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ समेत रूस के प्रधान मंत्री पूतिन, आस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री रूड आदि 40 से अधिक सरकारी शीर्ष नेताओं व 30 से अधिक अन्तरराष्ट्रीय संगठनों के प्रभारियों व करीब 40 देशों के केन्द्रीय बैंक के गवर्नरों व वित्त मंत्रियों ने इस मंच में भाग लिया। प्रधान मंत्री का पद संभालने के बाद श्री वन च्या पाओ पहली बार इस वार्षिक बैठक में भाग ले रहे हैं।

वार्षिक बैठक में श्री वन च्या पाओ ने विश्व मंच के अध्यक्ष शवाब के निमंत्रण पर विशेष व्याख्यान पेश की। श्री वन च्या पाओ ने प्रत्यक्ष रूप से अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के उत्पन्न होने के अनेक पहलुओं का विश्लेषण किया और माना कि सही तौर से बचत व उपभोक्ता, वित्तीय सृजन व वित्तीय निगरानी, धूमिल आर्थिक व सार्थक अर्थतंत्र आदि पहलुओं के बीच के संबंध का हल किया जाना बहुत जरूरी है , ताकि मूल रूप से संकट के समाधान का उपाय ढूंढ निकाला जा सके।

श्री वन च्या पाओ ने बहुमत गणना व ठोस तथ्य मिसालों से चीन द्वारा वित्तीय संकट के समाधान की नीतियां व कार्यवाहियों पर प्रकाश डाला। वास्तव में इस संकट का सामना करने के लिए, चीन ने घरेलु मांग को अर्थतंत्र वृद्धि का एक बुनियादी पहलु तय किया और वर्तमान कठिनाईयों के समाधान को दीर्घकालिन विकास के साथ उम्दा तौर से ताल मेल बिठाया है , समय पर समग्र नीति में समायोजन कर बिना हिचकिचाहट से सक्रिय वित्तीय नीति व मुद्रा नीति में उचित ढील लाने के कदम अपनाए हैं और शीघ्रता से घरेलु मांग का विस्तार करने की दस कार्यवाहियां निर्धारित कर कुल 40 खरब य्वान धनराशि की दो साल योजना तैयार की है, जिस से पूर्ण अर्थतंत्र को प्रेरित करने की एक सुव्यवस्थित मुश्त योजना तैयार कर ली गयी है। अन्तरराष्ट्रीय लोकमतों के चीन के अर्थतंत्र स्थिति पर संदेहजनक प्रश्नों को लेकर श्री वन च्या पाओ ने स्पष्ट उत्तर देते हुए कहा चीन अपने अर्थतंत्र के सतत विकास को बरकरार रख सकता है कि नहीं, कुछ लोगों को इस पर अशंका है, मैं आप को एक पक्का जवाब दे सकता हूं – हमें इस पर पूरा विश्वास है। हमें पूरा आत्मविश्वास है और हम अपनी मौजूदा स्थिति व अपनी क्षमता के आधार पर लगातार अर्थतंत्र के सतत विकास को बरकरार रखने के काबिल है और हम निरतंर विश्व अर्थतंत्र के विकास के लिए सक्रिय योगदान जारी रखेगें ।

विश्व का सबसे बड़ा विकासशील देश होने के नाते श्री वन च्या पाओ ने कहा कि इस संकट पर विजय पाने के लिए अवश्य आत्मविश्वास, सहयोग व जिम्मेदाराना रूख पर निर्भर रहना बहुत जरूरी है। उन्होने बलपूर्वक कहा कि वित्तीय संकट अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के बीच के सहयोग व सदिच्छा के स्तर को परख रही है और हमारी बुद्धि की परीक्षा ले रही है। उन्होने कहा कि वर्तमान हमें 20 देश समूह के नेताओं के वित्तीय बाजार व विश्व अर्थतंत्र शिखर सम्मेलन के बाद संपन्न मतैक्य को बखूबी अंजाम देना चाहिए, न केवल अधिक कारगर कार्यवाहियों से वर्तमान की संकट से मुकाबला करना चाहिए बल्कि न्यायोचित, युक्तिसंगत , स्वस्थय व सतत विश्व अर्थतंत्र की नवीन व्यवस्था की स्थापना करने के लिए नया कदम उठाना चाहिए। उन्होने इस पर अपने चार सुझाव पेश करते हुए कहा पहले ,अन्तरराष्ट्रीय अर्थंतंत्र-व्यापार सहयोग को गहन कर बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था के स्वस्थय विकास को आगे बढ़ाया जाए। दूसरा, अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के सुधार को आगे बढ़ाकर अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय नवीन व्यवस्था के निर्माण को गति दी जाए। तीसरा, अन्तरराष्ट्रीय वित्तीय निगरानी सहयोग को सुदृढ़ कर वित्तीय सुनामी के उत्पन्न व फैलने की जोखिमता से बचा जाए। चौथा, विकासशील देशों के हितों को व्यवहारिक सुरक्षा प्रदान कर विश्व अर्थतंत्र के समान विकास को प्ररित किया जाए। पांचवा, विश्वव्यापी चुनौतियों का निपटारा करने की आपसी सहायता पर निर्भर रह कर मानव के समान सुन्दर उद्यान का निर्माण किया जाए।

श्री वन च्या पाओ की व्याख्यान के बाद श्री शवाब ने कहा कि प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने विश्व अर्थतंत्र मंच की वार्षिक बैठक को आत्मविश्वास व उम्मीदें दिलायी है। विश्व बैक के उच्च स्तरीय उप महा प्रबंधक, प्रमुख अर्थतंत्र शास्त्री लिंग इ फू का मानना है कि प्रधान मंत्री वन च्या पाओ का व्याख्यान बहुत ही व्यवहारिक है, चीन के संकट का निपटारा करने के अनुभव सीखने लायक है, चीन के अर्थतंत्र की सतत वृद्धि दुनिया के अर्थतंत्र को बहुमत लाभ लेकर आएगी।