2009-01-27 18:29:53

संयुक्त राष्ट्र खाद्यान्न सुरक्षा उच्च स्तरीय सम्मेलन मड्रिड में उद्घाटित हुआ

दो दिवसीय संयुक्त राष्ट्र खाद्यान्न सुरक्षा उच्च स्तरीय सम्मेलन 26 तारीख को स्पेन की राजधानी मड़्रिड में उद्घाटित हुआ ।इस सम्मेलन में खाद्यान्न सुरक्षा व भूखमरी उम्मूलन पर विचार विमर्श किया जाएगा ।

विश्व के 100 से ज्यादा देशों व अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं । वे खाद्यान्न सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाला रोड मैप बनाएंगे ताकि कारगर रूप से भूखमरी समस्या का समाधान किया जाए और पिछले साल की जून में रोम में आयोजित हुए खाद्यान्न सुरक्षा सम्मेलन के लक्ष्य व वायदे को पूरा किया जाए ।

संयुक्त राष्ट्र खाद्यान्न व कृषि संगठन के महानिदेशक डिओफ और स्पेन के कूटनीति व सहयोग मंत्री मोरेटिनोस ने उद्धाटन समारोह की अध्यक्षता की ।उद्घाटन समारोह पर डिओफ ने भाषण देकर अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत कर भूखमरी समस्या पर मतैक्य प्राप्त करने और अनाज की सप्लाई सुरक्षा सवाल का मिलकर समाधान करने की अपील की ।उन्होंने कहा कि वर्तमान में अनाज के दामों में गिरावट आयी है ,पर अनाज संकट का अंत नहीं हुआ है , स्थिति के बिगडने की संभावना अब भी मौजूद है ।मोराटिनोस ने कहा कि विश्व में लगभग एक अरब लोग भूखमरी से जूझ रहे हैं ।उन्होंने बल देकर कहा कि अनाज की प्राप्ति और भूखमरी से बचना बुनियादी मानवाधिकार है । इस मानवाधिकार की रक्षा करना विभिन्न देशों का कर्तव्य है ।

26 तारीख को संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून और स्पेन के प्रधान मंत्री जापाटरो ने अमरीकी अखबार इंटरनेशनल हेराल्ड ट्रब्यून में संयुक्त रूप से लेख जारी कर आशा जतायी कि मड्रिड सम्मेलन विश्व अनाज सुरक्षा स्थिति को सुधारने के लिए मददगार होगा ।लेख में कहा गया कि आर्थिक सवालों पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है ,जबकि भूखमरी उन्मूलन संयुक्त राष्ट्र सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्यों में प्रथम स्थान पर है ।विश्वव्यापी खाद्यान्न सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चिरस्थाई वित्तीय व पूंजी व्यवस्था स्थापित की जाने की जरूरत है ।

नाइजीरिया से आये विश्व बैंक की स्थाई उपाध्यक्ष इवेला ने सम्मेलन पर भाषण देते हुए काह कि अफ्रीका में कृषि उत्पादन एक बडी समस्या है ।कृषि के ढांचागत संस्थापनों के निर्माण में ज्यादा पूंजी लगायी जानी चाहिए ।उन्होंने मड्रिड सम्मेलन से पहले जारी एक ब्यान में कहा कि वर्ष 2009 में अनाज दामों के निरंतर बढने की संभावना है ।अनाज दामों के उतार चढाव और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के प्रभाव के तहत विकासशील देशों को अनाज सुरक्षा की चुनौती का सामना करना पडेगा ।इस के प्रति अमरीकी मशहूर अर्थशास्त्री जफ्फरे साच्स ने सुझाव दिया कि विश्व बैंक को अफ्रीका के गरीब किसानों के लिए एक समंवित कोष की स्थापना करनी चाहिए ताकि किसानों की उत्पादन क्षमता उन्नत हो सके ।

मड़्रिड सम्मेलन के दौरान चार गोल मेज बैठकें आयोजित होंगी ,जो अलग अलग तौर पर विश्व अनाज सुरक्षा की अल्पकालिक ,मध्यकालिक व दीर्घकालिक योजनाओं के कार्यावयन ,विभिन्न देशों के बीच सरकारी सहयोग की मजबूती ,भूखी आवादी को घटाने के लिए कृषि व अनाज नीतियों के समायोजन ,कृषि तकनीक अनुसंधान व कृषि सुरक्षा के बीच ताल मेल बिठाने और निजी इकाइयों व अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सहयोग जैसे सवालों पर विचार विमर्श करेंगी ।सम्मेलन के अंत में भुखमरी समस्या पर मड्रिड घोषणा पत्र जारी किया जाएगा ।

ध्यान रहे अनाज दामों में निरंतर वृद्धि होने के कारण गतवर्ष विश्व में भूखमरी का सामने करने वाले लोगों की संख्या 96 करोड 30 लाख जा पहुंची हैं ,जो वर्ष 2007 के 4 करोड से अधिक है ।अधिकांश भूखे लोग विकासशील देशों में बसे हैं ।गतवर्ष हाएती समेत दसेक विकासशील देशों में अनाज दामों के बढने से सामाजिक व राजनीतिक संकट पैदा हुआ ,जिस से अनाज सुरक्षा का महत्व जाहिर होता है ।स्थानीय विश्लेषकों के विचार में अंतरराष्ट्रीय अनाज बाजारों पर अनाज के दामों में थोडी गिरावट आयी है ,पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट के प्रभाव से नया खाद्यान्न संकट पैदा होने की संभावना है ,इसलिए विभिन्न देशों खासकर विकासशील देशों को कृषि उत्पादन विकास को महत्व देकर इस में ज्यादा पूंजी लगानी चाहिए ।