2009-01-22 19:06:30

चीन की आशा है कि फ़्रांस चीन-फ़्रांस संबंध के पुनः स्वस्थ विकास के लिए सक्रिय प्रयास कर सकेगा

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता सुश्री जांग यू ने 22 तारीख को पेइचिंग में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन की आशा है कि फ़्रांस वास्तविक कदम उठाकर कुप्रभाव का खात्मा कर सकेगा और चीन-फ़्रांस के पुनः स्वस्थ विकास के लिए सक्रिय प्रयास कर सकेगा।

गत साल के 6 दिसम्बर को फ़्रांसीसी राष्ट्रपति एवं यूरोपीय संघ के तत्कालीन अध्यक्ष सार्कोज़ी ने चीन की नाराज़गी को नज़रदांज कर पोलैंड में दलाई लामा से भेंट की थी। तिब्बत सवाल चीन की राजकीय प्रभुसत्ता व प्रादेशिक अखंडता से जुड़ा हुआ है, चीन सरकार और चीनी जनता किसी भी विदेशी नेता का दलाई लामा के साथ किसी भी प्रकार का संपर्क करने का दृढ़ विरोध करती है। सार्कोज़ी की कार्यवाही ने चीन-फ़्रांस द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर हानि पहुंचायी है।

इस साल चीन-फ़्रांस राजनयिक संबंधों की स्थापना की 45वीं वर्षगांठ है। सुश्री जांग यू ने संवाददाता के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि इस साल चीनी पक्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना की 45वीं वर्षगांठ की फोटो प्रदर्शनी व संगोष्ठी आयोजित करेगा। ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो 45 साल पहले चीन और फ़्रांस के नेताओं द्वारा लिया गया निर्णय एक रणनीतिक निर्णय था, इस निर्णय ने चीन-फ़्रांस संबंध का नव दौर शुरू किया और विश्र की स्थिति पर भी प्रभाव डाला। चीन-फ़्रांस का स्थिर व स्वस्थ संबंध बनाए रखना सिर्फ़ दोनों देशों व दोनों देशों की जनता की हितों से ही मेल नहीं खाता है बल्कि क्षेत्र व विश्व की शांति व स्थिरता के लिए भी लाभदायक है। वर्तमान में चीन-फ़्रांस संबंध में कठिनाई पैदा हुई है और यह चीन की इच्छा से नहीं हुआ है। चीन की आशा है कि फ्रांस चीनी पक्ष के केन्द्रीय हितों का पूरा समादर कर सकेगा और चीन-फ़्रांस संबंध के पुनः स्वस्थ विकास के लिए सक्रिय प्रयास कर सकेगा।