2009-01-22 16:24:38

2008 में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत रही

चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने 22 तारीख को ताजा आंकड़ें जारी कर कहा कि 2008 में चीन के सकल घरेलू उत्पादन मूल्य में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वृद्धि की गति 2007 से थोड़ी कम रही, किन्तु समग्र अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत तेज गति से विकसित हो गयी है । संबंधित अधिकारियों और विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि चीन के सामने बहुत सी कठिनाइयां मौजूद हैं ,फिर भी उन्हें चीन के चालू साल के आर्थिक विकास पर बड़ा विश्वास है।

चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के प्रधान श्री मा च्यानथांग ने उसी दिन पेइचिंग में आर्थिक आंकड़े जारी किए, जिस से जाहिर है कि 2008 में चीन का सकल घरेलू उत्पादन मूल्य पहली बार 300खरब य्वान को पार कर गया है, वार्षिक वृद्धि दर 9 प्रतिशत तक पहुंची। श्री मा च्यानथांग ने कहा कि यह वृद्धि दर 2007 से घट गयी है ,पर 2008 में चीन के आर्थिक विकास में तेज वृद्धि की स्थिति बनी रही है।

9 प्रतिशत की वृद्धि दर एक काफी ऊंची दर है । अन्तरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के ताजा अनुमान के अनुसार 2008 में विश्व आर्थिक वृद्धि की दर औसतन् 3.7 फीसदी है। किसी के हिसाब के मुताबिक 2008 में चीन की 9 प्रतिशत वृद्धि दर ने विश्व की औसत आर्थिक वृद्धि में 20 प्रतिशत का योगदान दिया है।

2008 में चीन में कई गंभीर प्राकृतिक विपत्तियां हुई थीं और विश्व वित्तीय संकट से भी प्रभावित हुआ । गंभीर व जटिल स्थिति के सामने चीन सरकार ने समय रहते ही समग्र नियंत्रण नीति में समायोजन किया और सक्रिय वित्तीय नीति और उदार मुद्रा नीति लागू करने के साथ साथ आंतरिक मांगों का विस्तार करने तथा पूंजी के निवेश को बढाने के कदम उठाए।

इन कदमों से चीन की तेज आर्थिक वृद्धि बनी रही और महंगाई को नियंत्रित किया गया और चीनी नागरिक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक गत फरवरी की 8.7 प्रतिशत की ऊंचाई से नीचे आकर दिसम्बर में 1.2 प्रतिशत रह गयी । इस का मतलब है कि जनता का वास्तविक जीवन स्तर ऊंचा हो गया है । इस के अलावा चीन के औद्योगिक ढांचे में बदलाव, ऊर्जा की किफायत व प्रदूषण निकासी की कटौती और जन जीवन के विकास में भी प्रगति हुई।

श्री मा ने कहा कि विश्व वित्तीय संकट से प्रभावित होकर पिछले साल की चौथी तिमाही में चीन के आर्थिक विकास को बड़ी चुनौति का सामना करना पड़ा और जी डी पी की वृद्धि दर तीसरी तिमाही की 9 प्रतिशत से घट कर 6.8 हो गयी । फिर भी उन्हें इस साल के आर्थिक विकास पर पूरा विश्वास हुआ है। उन्हों ने कहाः

हम इसलिए आश्वस्त हैं ,क्योंकि चीन के तेज व स्थिर आर्थिक विकास की आम स्थिति नहीं बदली । चीन के आर्थिक विकास की बुनियादी प्रेरणा शक्ति विज्ञान तकनीक है। आर्थिक वृद्धि धीमी होने के दौर में सृजन उत्पन्न होता है। चीन के निरंतर आर्थिक विकास को गतिशील करने का गर्भित कारक नहीं बदला है। शहरीकरण और औद्योगिकीकरण से भारी आवश्यकता पैदा हुई, जो चीन के भावी आर्थिक विकास को बढ़ावा दे सकेगी। व्यापक मांग और प्रबल सप्लाई के कारण चीन में आर्थिक वृद्धि बरकरार रहेगी।

सुप्रसिद्ध अर्थशास्त्री प्रोफेसर युन कांगमिंग ने भी भावी आर्थिक विकास पर विश्वास व्यक्त कियाः

चीन की वर्तमान तमाम नीतियों का लक्ष्य आर्थिक वृद्धि को ऊंचा करना है । ऐसी दिशा होने के चलते चीन का अर्थतंत्र स्वाभाविक रूप से इसी दिशा में बढ़ेगा। इस साल की पहले दो तिमाहियों में चीन की आर्थिक वृद्धि दर धीमी हो सकेगी, किन्तु बाद की दो तिमाहियों में वृद्धि दर ऊंची होगी और 2010 तक आर्थिक पुनरूत्थान युक्तिसंगत होगा ।

आंकड़ों से जाहिर है कि गत दिसम्बर में चीन के कुछ आर्थिक विकास आंकड़ों में सकारात्मक परिवर्तन आया , मुद्रा सप्लाई और कर्जों की कुल रकम प्रबल रूप से वापस बढ़ गयी और सामाजिक उपभोक्ता की फुटकर बिक्री दर में तेज इजाफा हुआ, औद्योगिक उत्पादों की बिक्री में वृद्धि हुआ और प्रमुख तिजारती चीजों के दामों में गिरावट आयी। इसलिए श्री मा च्यानथांग ने कहा कि हालांकि अभी यह निश्चित नहीं है कि ये सकारात्मक परिवर्तन आम रूझान का है या नहीं, परन्तु यह निश्चित है कि जाड़े में बहार आएगा।

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