2009-01-22 10:44:11

चीनी परंपरागत त्योहार वसंत त्योहार पर भारतीय दोस्तों की बधाई

अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर चीन का प्रभाव बढने के साथ साथ अधिकाधिक विदोशी दोस्तों को चीन के सब से बडे परंपरागत त्योहार वसंत त्योहार पर रूचि आयी ।चालू साल के वसंत त्योहार आने के पूर्वबेला में नई दिल्ली स्थित बहुत भारतीय दोस्तों व प्रवासी चीनियों ने चाइना रोडियो इंटरनेशनल के जरिय चीनी जनता को अपनी बधाई दी ।

मीडिया की रिपोर्टों से इधर कुछ साल बडी संख्या वाले भारतियों को चीन के वसंत त्योहार के बारे में जानकारी मिली ।श्रीमती करुणा मदन उन में से एक है ।नई दिल्ली स्थित हमारे संवाददाता के साथ हुई एक बातचीत में मदन ने सब से पहले चीनी दोस्तों व श्रोताओं को बधाई दी ।उन्होंने कहा ,मेरा नाम करुणा मदन हूं ।अब भारतीय मीडिया में काम करती हूं ।मैं चाइना रेडियो इंटरनेशनल के जरिये सभी श्रोताओं को शुभकामना देती हूं ।आशा है कि नये साल में भारत व चीन के सभी लोग खुश ,सकुशल व सुचारू हों ।

मडन लंबे समय तक मीडिया में कार्यरत हैं ।इसी कारण उन को चीन के बारे में बहुत जानकारियां हैं ।बातचीत में उन्होंने कहा कि इधर कुछ सालों में चीन का विकास उल्लेखनीय है ।चीन और भारत की बीच आर्थिक आवा जाही बढने के साथ अब चीन भारत का बडा व्यापार साझेदार बन गया है ।बहुत चीनी कंपनियां भारत आयी हैं ।दिल्ली के बाजारों में चीनी माल इधर उधर दिखाये देते हैं ।मदन ने बताया कि भारत और चीन दोनों विकासशील देश हैं ।पर चीन का आर्थिक पैमाना अब भारत से तीन गुणा से बडा है और कुछ क्षेत्रों में चीन की तकनीक भारत से बढिया है ।लेकिन चीन के साथ हो रही आर्थिक प्रतिस्पर्द्धा में भारत को लाभ भी मिला ।कहा जा सकता है कि चीन के सुधार व खुलेपन के बिना भारत का आर्थिक सुधार इतनी तेजी से लागू नहीं हो सका ।क्योंकि चीन के सुधार व खुलेपन की भारी उपलब्धियों को देखने के बाद ही भारत ने वर्ष 1991 में आर्थिक सुधार शुरू किया ।

मदन ने कहा कि वे हमेशा चीन की स्थिति पर कडी नजर रखती हैं ।क्योंकि चीन विश्व में सबे से तेज गति से बढने वाला देश हैं ।मदन ने हमारे संवाददाता को बताया कि वे चीन में कई साल तक काम करना चाहती हैं ।क्योंकि चीन में काम करने का अनुभव मूल्यवान होगा ,जो उन के भावी व्यक्तिगत विकास के लिए लाभदायक होगा ।

मदन जैसे चीन के बारे में बडी रूचि रखने वाले भारतीय युवाओं की संख्या कम नहीं है ।वे असली चीन को देखना चाहते हैं और चीन के बारे में ज्यादा जानकारी पाना चाहते हैं ।लेकिन चीन को गहरे रूप से समझने के लिए चीनी भाषा सीखना बहुत महत्वपर्ण है ।कुशल किशल ज्वाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीनी भाषा विभाग के विद्यार्थी हैं ।उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया , चीनी भाषा सीखने वाले विद्यार्थियों के लिए चीनी भाषा सीखना वास्तव में चीनी संस्कृति सीखने की प्रक्रिया भी है ।हम जानते हैं कि भाषा व संस्कृति किसी देश को चौतरफा तौर पर समझने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ।

किशल अब चीनी भाषा विभाग की चौथी कक्षा में पढते हैं ।स्नातक होने के बाद क्या करेंगे ,इस के बारे में किशल ने अंतिम फैसला नहीं किया । उन्होंने हमारे संवाददाता को बताया कि उन के सामने मौके बहुत है ,पर स्पर्द्धा तीव्र है ।चीन के तेज आर्थिक विकास और चीन भारत व्यापार के विस्तार से भारत में चीनी भाषा जानने वाले व्यक्तियों की बडी मांग है ।लेकिन आजकल भारत में चीनी भाषा सीखने वाले व्यक्तियों की संख्या बडे हद तक बढी है ।कुछ लोग अच्छी तरह चीनी भाषा बोल सकते हैं और उन के पास पेशेवर जानकारी भी है ।इसलिए रोजगार बाजार पर किशल जैसे चीनी भाषा विभाग के विद्यार्थियों की स्पष्ट बढत मौजूद नहीं है ।किशन ने बताया कि स्नातक होने के बाद वे शायद चीन जाकर मौका ढूंढेंगे ।वे चीनी भाषा का स्तर और उन्नत करना चाहते हैं ।बातचीत के अंत में किशल ने चाइना रेडियो इंटरनेशनल के जरिये श्रोता दोस्तों को अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की ।

कुमार सिंह किशल के अच्छा दोस्त हैं ।वे ज्वाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के चीनी भाषा विभाग की पहली कक्षा में पढते हैं ।उन का चीनी भाषा का स्तर अब ऊंचा नहीं है ।पर चीनी परंपरागत नये साल के उपलक्ष्य उन्होंने चीनी भाषा में चीनी जनता को अपनी बधाई दी ।

भारत में हजारों चीनी मूल वाले भारतीय रहते हैं ।कलकत्ता में अब 4 हजार से ज्यादा चीनी मूल वाले भारतीय हैं ।नई दिल्ली में एक सौ से ज्यादा चीनी मूल वाले भारतीय हैं ।वे लोग भारत में जीवन बिताते हैं ,पर उन को अपना इतिहास व परंपरा नहीं भूला ।जब वसंत त्योहार आता है ,वे जरूर इकट्ठे होकर खुशियां मनाते हैं ।19 वर्षीय चन वांग उन में से एक है ।उन के माता पिता नई दिल्ली में एक रेस्तरां का संचालन करते हैं ।वे दिल्ली विश्वविद्यालय में पढते हैं ।उन को चीनी भाषा नहीं आती । वसंत त्योहार के उपलक्ष्य में उन्होंने हिंदी में सभी चीनी दोस्तों व श्रोताओं को अपनी बधाई दी ।