चीनी समाचार पत्र जन-दैनिक के समुद्रपार संस्करण की रिपोर्ट के अनुसार तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की जन प्रतिनिधि सभा ने हाल ही में 50 वर्ष पहले तिब्बत में हुए जनवादी सुधार की स्मृति के लिये हर साल के मार्च की 28 तारीख को तिब्बती दस लाख भूदासों का मुक्ति दिवस मनाने का फैसला किया है। तिब्बत की विभिन्न जातियों व विभिन्न जगतों के व्यक्तियों ने क्रमशः इस के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया है।
ल्हासा शहर की दाग्ज़े काऊंटी के दारगये गांव की 86 वर्षिय एज़ी दादी अपनी दस उम्र से ही उपहार के रुप में शिकाजे से दागज़े के एक कुलीन परिवार को बेच कर भूदास बन गयी। वे मुक्ति दिवस की स्थापना का समर्थन करती हैं। उन्हें आशा है कि युवा पीढ़ी अतीत का इतिहास न भूलेगी।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की स्थायी सदस्य सुश्री रामबा यांगिन ड्रोल्कर के ख्याल से मुक्ति दिवस की स्थापना बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा कि जनवादी सुधार के 50 वर्षों में तिब्बत के अर्थतंत्र व समाज में बड़ा परिवर्तन हुआ है। पुराने तिब्बत में शिक्षा, स्वास्थ्य व यातायात आदि बहुत पिछड़े थे।(चंद्रिमा)