2009-01-20 16:34:36

चीन ने राष्ट्रीय रक्षा श्वेत पत्र जारी किया


दोस्तो , चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय ने 20 जनवरी को 2008 वर्ष की चीनी राष्ट्रीय रक्षा नामक श्वेत पत्र जारी कर नये काल में सकारात्मक प्रतिरक्षा के फौजी रणनीतिक सिद्धांत पर ठोस रुप से प्रकास डाला । श्वेत पत्र में कहा गया है कि उक्त सिद्धांत का जोर रणनीतिक तौर पर प्रतिरक्षा , आत्मरक्षा और सूचनाकरण की स्थित में आंशिक युद्ध को जीतने पर कायम रहकर नाना प्रकार के सुरक्षा के खतरों का मुकाबला करने और विविधतापूर्ण फौजी कार्यों को पूरा करने की क्षमता उन्नत होनी है ।


यह श्वेत पत्र 1998 के बाद छठी बार जारी किया गया है । श्वेत पत्र के पूरे मजमून में लगभग तीस हजार अक्षर हैं और कुल 14 खंड बटे हुए हैं । श्वेत पत्र में वर्तमान सुरक्षा परिस्थिति , चीनी राष्ट्रीय रक्षा नीति , थल , नौ और वायु तीनों सेनाओं और रणनीतिक मिसाइल टुकड़ियों जैसी सशस्त्र शक्तियों , राष्ट्रीय रक्षा विज्ञान व तकनीक उद्योग तथा फौजी खर्च समेत विषयों का उल्लेख किया गया है ।

श्वेत पत्र में कहा गया है कि क्योंकि सिलसिलेवार अंदरुनी व बाहरी सुरक्षा वातावरण में अस्थिर व अनिश्चित तत्व मौजूद हैं , इसलिये चीन दीर्घकालिक , जटिल और पहुपक्षीय सुरक्षा खतरों व चुनौतियों का सामना कर रहा है । अंतर्राष्ट्रीय रणनीतिक परिस्थिति और राष्ट्रीय सुरक्षा वातावरण में परिवर्तनों से मेल खाने के लिये चीन ने नये काल में सकारात्मक प्रतिरक्षा फौजी रणनीतिक सिद्धांत निर्धारित कर लिया है ।

20 जनवरी को चीनी राज्य परिषद के सूचना कार्यालय में हुई न्यूज ब्रीफिंग में चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता , राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के सूचना मामलात ब्यूरो के प्रधान सीनियर कर्नल हू छांग मिंग ने इस सिद्धांत का परिचय देते हुए कहा रणनीतिक तौर पर प्रतिरक्षा व आत्मरक्षा के सिद्धांत पर कामय रहकर सूचनाकरण की स्थिति में आंशिक युद्ध जीतने , संकट व युद्ध पर रोक लगाने , नाना प्रकार वाले सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने और विविधापूर्ण फौजी कार्यों को पूरा करने में सेना की क्षमता उन्नत करने और जन युद्ध का डटकर विकास करने की रणनीतिक विचारधारा पर जोर दिया गया है ।

इसी रणनीतिक सिद्धांत को लेकर श्वेत पत्र में कहा गया है कि चीन राष्ट्रीय रक्षा व सेनाओं में गहन रूप से सुधार लायेगा , विभिन्न प्रकार वाली टुकड़ियों की सूचनाकरण लड़ाई क्षमता करने , राष्ट्रीय रक्षा विज्ञान व तकनीक उद्योग और नये हाई टेक शस्त्र साज सामानों का विकास करने में जोर लगा देगा ।

सीनियर कर्नल हू छांग मिंग ने न्यूज ब्रीफिंग में जोर देकर कहा है कि चीन प्रतिरक्षात्मक राष्ट्रीय रक्षा नीति व फौजी रणनीतिक सिद्धांत पर अविचल रूप से कायम रहा है और इस बात का पक्ष लेता है कि शांति व वार्ता जैसे शांतिपूर्ण माध्यमों के जरिये देशों के बीच विविदों व अंतरविरोधों का समाधान किया जायेगा ।

चीन अमरीका फौजी संबंध की चर्चा में चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल हू छांग मिंग ने कहा कि चीन व अमरीका की सेनाओं के संबंध का विकास दोनों पक्षों के समान हितों से मेल खाता है , इसी संदर्भ में दोनों देशों के समान प्रयासों की जरूरत है। उन का कहना है कि एक दूसरे के केंद्रीय हितों का सम्मान करने से ही दोनों देशों के फौजी संबंध का राजनीतिक आधार टिकाऊ हो पाएगा । वर्तमान स्थिति में , जबकि चीन व अमरीका का फौजी संबंध कठिन दौर में है , हम ने अमरीकी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय से यह अनुरोध किया है कि वह दोनों सेनाओं के संबंध के स्वस्थ विकास के लिये बाधाओं को दूर कर ठोस कदम उठाये ।

थाईवान सवाल का उल्लेख करते हुए सीनियर कर्नल हू छांग मिंग ने कहा कि मातृभूमि के पूर्ण पुनरेकीकरण को साकार करना , राजकीय प्रभुसत्ता , सुरक्षा और प्रादेशिक अखंडला की रक्षा करना चीनी सेना का पवित्र दायित्व है और संविधान द्वारा सेना को सौपा गया महत्वपूर्ण कर्तव्य भी है ।

हम ने जो सीमित फौजी विन्यास किया है , वह पूर्ण रूप से देश के सुरक्षा हितों को ध्यान में रखकर राष्ट्र के मूल हितों और राज्य के केंद्रीय हितों की रक्षा की जरूरत है , विन्यास में कब फेर बदल होगा , वह भी परिस्थिति के विकासक्रम पर निर्भर रहता है ।

फौजी खर्च के बारे में श्वेत पत्र में कहा गया है कि 2007 में चीनी वार्षिक राष्ट्रीय रक्षा खर्च लगभग तीन खरब 55 अरब 40 करोड़ य्वान ऱहा , जो अमरीका के 7.51 प्रतिशत के बराबर है । 2008 वार्षिक फौजी बजट करीब चार खरब 17 अरब 70 करोड़ य्वान है ।

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