2009-01-19 14:47:52

तिब्बती दरबारी नृत्य

तिब्बती नृत्य में नांगमा नृत्य एक किस्म वाला दरबारी नृत्य है । ल्हासा और शिकाज़े क्षेत्रों में नांगमा नृत्य लोकप्रिय है । नाचने के पूर्व आम तौर पर एकल गान व सामूहिक गान हो जाता है । उस की धुन धीमी गति से तेज़ गति में परिवर्तित होती है । धीमी गति वाली धुन बजने के समय सिर्फ़ गाना जाता है और नहीं नाचता । तेज़ गति वाली धुन के वक्त केवल नाचता है और नहीं गाता । नृत्य का वातावरण बहुत जोशपूर्ण है । नांगमा नृत्य प्रदर्शित करने वालों की संख्या अनिश्चित है । सब से कम संख्या सिर्फ़ एक है, ज्यादा संख्या तो सात आठ तक है । नृतक आम तौर पर महीला है । नांगमा नृत्य की धुन सात वाद्ययंत्रों से बजती है, गाने के बोल में कुछ धर्म से संबंधित हैं और अधिकांश भाग जन्मभूमि, सच्चे प्यार की गुणगान और सामाजिक विषय का वर्णन है । छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो ने अनेक प्रेम कविताएं लिखी थीं, जो नांगमा गाना के बोल का प्रमुख भाग है ।

नांगमा नृत्य के विकास के दौरान एक कहानी भी प्रचलित है । कहा जाता है कि वर्ष 1790 के आसपास, तिब्बती स्थानीय सरकार का एक मंत्री दोरिंग तेंजिन्पालजोर पर शत्रु के साथ मिलने की आशंका लगी, उसे गिरफतार किए जाने के बाद पूछताछ के लिए चीन के भीतरी इलाके में पहुंचाया गया । बाद में साबित किया गया कि वह बेगुनाह है । इस के बाद दोरिंग भीतरी इलाके में कई माहों तक ठहरे और उन्होंने विस्तृत रूप से चीनी परम्परागत वाद्ययंत्र यांगछिन सीखा । इस के बाद वे यांगछिन और तिब्बती वाद्य यंत्र के साथ जोड़ कर धुन बजाते थे । बाद में नांगमा गाना पैदा हुआ । दोरिंग तेंजिन्पोल्जोर ने नांगमा गाना में पेइचिंग ऑपेरा की धुन भी मिश्रित की, नृत्य में हान जाति के प्राचीन नृत्य की शैली भी शामिल की । ऐसा कहा जा सकता है कि दोरिंग तेंजिन्पोल्जोर की भीतरी इलाके की यात्रा से नांगमा नृत्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई ।

विद्वानों का विचार है कि शुरू में नांगमा नृत्य की उत्पत्ति लोक नृत्य से हुई थी, लेकिन बाद में राजमहल में ले कर उच्च स्तरीय समाज का लोकप्रिय मनोरंजन बन गया । इधर के वर्षों में नांगमा नृत्य तिब्बत की राजधानी ल्हासा में बहुत लोकप्रिय है । अनेक मनोरंजन केंद्रों में विशेष तौर पर नांगमा नृत्य व गाना प्रदर्शित किये जाते हैं । अवकाश के समय तिब्बती लोग वहां जाकर नांगमा नृत्य व गान का मज़ा लेते हैं ।

तिब्बती ऑपेरा नृत्य

तिब्बती ऑपेरा नृत्य तिब्बती नृत्य की एक महत्वपूर्ण निधि है । तिब्बती ऑपेरा नृत्य का अन्य किस्म वाले लोक नृत्यों से घनिष्ठ संबंध होता है । लेकिन दोनों के बीच फर्क भी होता है । तिब्बती लोक नृत्य को तिब्बती लोग मनोरंजन के लिए खुद नाचते हैं, जबकि तिब्बती ऑपेरा नृत्य दूसरे लोगों को मनोरंजन मुहैया करता है, उस के अपने कड़े नियम और सुनिश्चित एक्शन होते है और ऑपेरा में पात्र के अनुसार नृत्य का डिज़ाइन किया जाता है ।

तिब्बती ऑपेरा नृत्य की गति कभी धीरमी है, कभी तेज़, कभी शक्तिशाली है, कभी हल्की उत्साहपूर्ण है । इन में पात्रों के नृत्य एक्शन से व्यक्ति के अच्छे चरित्र या बुरे चरित्र दर्शाये जाते हैं । तिब्बती ऑपेरा नृत्य में अनेक एक्शन आम लोगों के श्रमिक जीवन से चुने गए हैं । मसलन शिकार करने के वक्त तीर चलाने का एक्शन, ऊनी कपड़े बनाने का एक्शन, नाव खेने का एक्शन आदि । नृत्य से दर्शक जीवन का गाढ़ा वातावरण ही नहीं, सुन्दर कलात्मक एहसास भी महसूस कर सकते हैं ।

तिब्बती ऑपेरा नृत्य के बारे में एक लोक कथा भी प्रचलित है । कहते हैं कि एक बार तिब्बत का एक राजा भीतरी इलाके के सम्राट से मुलाकात के लिए भीतरी इलाके गया । सम्राट ने राजा से पूछा कि तिब्बती लोग कैसा जीवन बिताते हैं?तिब्बती राजा ने सीधे तौर पर सवाल का जवाब नहीं दिया, बल्कि उसने तिब्बती ऑपेरा में धनुष खींचने और ऊनी कपड़े बनाने के दो एक्शन कर दिखाए । यह देखने के बाद सम्राट समझ गया कि तिब्बती लोग आखेट और बुनाई का काम करते हैं।

तिब्बती ऑपेरा सफेद मुखौटे वाले ऑपेरा और नीले मुखौटे वाले ऑपेरा में बंटा है । सफेद मुखौटे वाले तिब्बती ऑपेरा की गति उत्साहपूर्ण और तेज़ है, जो आम तौर पर त्योहार मनाने के वक्त प्रदर्शित किया जाता है । जबकि नीले मुखौटे वाले तिब्बती ऑपेरा की गति धीमी है, जो भव्य व गंभीरता वाले मौके पर प्रदर्शित किया जाता है । तिब्बती ऑपेरा प्रस्तुत करने के दौरान अभिनेता आम तौर पर मुखौटा पहनते हैं । मुखौटे पहने वाले पात्र सिर को दाईं ओर से बाईं ओर तक हिलाने से अपनी प्रतिष्ठा और पराक्रम दिखाता है । पात्र के सिर झूका कर अपने हाथ को छाती पर रखने से अभिवादन करने का अर्थ निकलता है । तिब्बती ऑपेरा के प्रदर्शन के दौरान अभिनेता व अभिनेत्री इस प्रकार विभिन्न भंगामा दिखा कर अभिनय करते हैं । ऐसा कहा जा सकता है कि तिब्बती ऑपेरा को मुखौटे वाला नृत्य भी कहा जा सकता है ।