12 से 14 जनवरी तक चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय अनुशासन जांत कमेटी का वार्षिक सम्मेलन हुआ। सम्मेलन में यह बताया गया है कि उच्च स्तरीय अधिकारियों पर निगरानी बढ़ाना और खाद्यान्न व दवा की सुरक्षा और सुरक्षित उत्पादन के क्षेत्रों में भ्रष्टाचार मामलों का निपटारा करना इस साल के भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष का मुख्य मुद्दा है। चीनी भ्रष्टाचार विरोधी विशेषज्ञों का कहना है कि नए साल में भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष के निशाना साफ पेश कर उस में उपलब्धि प्राप्त की कोशिश की जाएगी, जिस से भ्रष्टाचार के खिलाफ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का संकल्प प्रकट हुआ है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महा सचिव, राष्ट्राध्यक्ष हु चिनथाओ ने सम्मेलन में भाषण देते हुए बीती एक अवधि में भ्रष्टाचार विरोधी कार्य में प्राप्त उपलब्धियों की पुष्टि की और बताया कि वर्तमान में कुछ क्षेत्रों में भ्रष्टाचार की समस्या काफी गंभीर है। उन्हों ने कहाः
मोटे तौर पर पार्टी में स्वच्छ प्रशासन के निर्माण और भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष की दिशा साफ है और संबंधित विचारधारा भी स्पष्ट है। नकारात्मक भावना और भ्रष्टाचार के मामलों पर अधिक अंकुश लगायी गयी है और जन समुदाय में इस मसले पर संतोष भी बढ़ गया है। लेकिन हमें साफ साफ देखना चाहिए कि वर्तमान में चीन में भ्रष्टाचार कुछ विभागों और क्षेत्रों में बहुत ज्यादा उत्पन्न होता है और नयी नयी समस्याएं उभर कर सामने आती हैं।
श्री हु चिनथाओ ने बलपूर्वक कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष की दीर्घकालिकता, जटिलता और कठोरता को पूरी तरह समझ लेना चाहिए और संघर्ष पर अडिग रहना चाहिए और भ्रष्टाचार विरोधी काम में नयी नयी कामयाबियां हासिल करके जन समुदाय का विश्वास जीतना चाहिए , ताकि सुधार व विकास के लिए पुख्ता गारंटी दी जा सके।
मौजूदा वार्षिक सम्मेलन के बाद जारी विज्ञप्ति में 2009 में चीन के भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष के कार्य निश्चित किये गए यानी कड़ाई के साथ पदाधिकारियों और व्यापारियों के बीच सांठगांठ और धन-अधिकार सौदे की जांच की जाएगी, मुख्यतः खाद्य पदार्थ व दवा की सुरक्षा, सुरक्षित उत्पादन, पर्यावरण संरक्षण तथा पूंजी पर निगरानी के क्षेत्रों में जन समुदाय में बहुचिंतित मसलों का निपटारा किया जाएगा और ठोस रूप से नेतृत्वकारी कार्यकर्ताओं, खास कर प्रमुख नेताओं पर निगरानी बढ़ायी जाएगी।
भ्रष्टाचार विरोधी कार्य के बारे में चीनी विशेषज्ञ श्री ह जङखे ने कहा कि इन कदमों से संघर्ष के मुख्य निशाने निश्चित किए गए हैं । 2009 में भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष में नयी प्रगति प्राप्त होने की आशा है। उन्हों ने कहाः
आंतरिक मांगों का विस्तार करने के लिए चीन ने अहम उपभोक्ता प्रेरणा योजना पेश की है, इस की निगरानी मजबूत की जानी चाहिए। क्योंकि जन समुदाय में इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार उत्पन्न होने की आशंका है । सम्मेलन की विज्ञप्ति में इस पर बल दिया गया है कि भ्रष्टाचार के विरोध पर बल देना खुद एक नयी प्रगति है और जन विश्वास बढाया जा सकता है। इन कदमों से राजनीतिक संकल्प और वायदा व्यक्त हुए हैं। हम चाहते हैं कि भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष के जरिए चीन के विभिन्न सुधार कार्यों, खास कर अहम सुधार कामों में नयी प्रगति मिले।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय अनुशासन जांच कमेटी के आंकड़ों के अनुसार नवम्बर 2007 से नवम्बर 2008 तक विभिन्न स्तरीय अनुशासन जांच संस्थाओं ने एक लाख 50 हजार से ज्यादा लोगों के मामलों का निपटारा किया, जिन में से गबन व रिश्वत के अपराध के कारण 2900 से ज्यादा लोगों को पार्टी सदस्यता से खारिज कर दिया गया और न्याय संस्थाओं में मुकदमे के लिए सौंपा गया, इन मामलों में देश के लिए 6 अरब य्वान की आर्थिक क्षति बचायी गयी ।
श्री हे जङखे ने कहा कि इन आंकड़ों से जाहिर है कि चीन में इस समय भ्रष्टाचार के मामले बहुत ज्यादा हुआ करते हैं, साथ ही सरकार भ्रष्टाचार सवाल पर हमेशा कड़ा रूख अपनाती है। उन्हों ने कहा कि वर्तमान में सरकार को हर समय भ्रष्टाचार के नए रूझान पर ध्यान देना चाहिए।
वर्तमान विश्व आर्थिक मंदी के समय चीन आर्थिक वृद्धि प्रेरित करने के लिए सरकारी पूंजी निवेश में भारी वृद्धि करेगा, इस के दौरान सरकारी पूंजी पर अपना कब्जे और दूसरे ध्येय में उपयोग की घोटाला बढ़ जाएगी। अनेक क्षेत्रों में सुधार पूरा नहीं होने के कारण भी भ्रष्टाचार के मौके बढ़ेंगे और हाई टेक के चलते पूंजी को विदेशों में स्थानांतरित करना भी आसान हो गया है। इसलिए भ्रष्टाचार विरोधी संघर्ष भी नयी स्थिति के अनुरूप बनाया जाना चाहिए।
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