2009-01-15 15:17:14

गाजा संकट में अरब देशों की सकारात्मक मध्यस्थता

फिलिस्तीनी हमास के अधिकृत गाजा क्षेत्र पर इजराइल द्वारा किये हुए सघर्ष को आधा महीना हो चुका है , जिस से भारी हताहत हुए हैं , अरब क्षेत्रीय संगठन व संबंधित देश इस संकट की रोकथाम के लिये बहुपक्षीय मध्यस्ता में सलग्न हैं । गत 27 दिसम्बर को जब इजराइल ने गाजा पर हवाई हमला बोला , तो अरब देशों ने तुरंत ही इसी संदर्भ में मध्यस्थता शुरु की । गत 31 दिसम्बर को अरब लीग ने गाजा सवाल को लेकर आपातकालीन विदेश मंत्री सम्मेलन भी बुलाया । इसी बीच कटार ने गाजा सवाल का अध्ययन करने के लिये अपनी राजधानी दोहा में अरब देशों का शिखर सम्मेलन करने का सुझाव दिया , लेकिन इस सुझाव पर अधिकतर अरब देशों की ओर से सहमति नहीं मिल पायी । कुछ देशों का मानना है कि कटार का शिखर सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य अपने अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव को उन्नत करना है । अन्य कुछ देशों का विचार है कि शिखर सम्मेलन आयोजित करने का कोई मतलब नहीं है , उन्हों ने सुरक्षा परिषद के जरिये गाजा सवाल के समाधान के सऊदी अरब के प्रस्ताव का समर्थन किया । कटार के अमीर हमाद ने अल जजीरा टी वी पर जारी बयान में जोर देते हुए कहा कि अरब देशों को गाजा पर इजराइली हमलों के सामने हाथ पर हाथ धरे बैठे नहीं रहना चाहिये ।

इस के अलावा इस माह की 19 तारीख को अरब लीग कुवैत में अरब आर्थिक शिखर सम्मेलन बुलायेगा , इसलिये कुवैत समेत कुछ अरब देशों का विचार है कि इस सम्मेलन में गाजा सवाल पर विचार विमर्श किजा जा सकेगा , किसी दूसरे शिखर सम्मेलन के आयोजन की कोई जरुरत नहीं है । मिश्र , सऊदी अरब और अरब लीग के महा सचिव मूस्सा ने कुवैत आदि देशों के इस दृष्टिकोण का समर्थन भी किया । लेकिन कटार और लेबनान आदि देशों ने अपनी आपत्ति जतायी और कहा कि आर्थिक शिखर सम्मेलन में गाजा संकट , तेल दामों और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संकट जैसे सवालों पर विचार विमर्श के लिये समय पर्याप्त नहीं है ।

14 जनवरी तक इसी मामले में बदलाव आ गया । अरब देशों का आपातकालीन शिखर सम्मेलन का आयोजन करने पर कटार को फिर संयुक्त अरब अमिराट और इराक आदि देशों से समर्थन प्राप्त हो गया , इस से आपातकालीन सम्मेलन के आयोजन पर सहमत देशों की संख्या 15 तक हो गयी है , जिस से 16 जनवरी को अरब देशों के आपातकालीन सम्मेलन आयोजित होने की संभावना बढ़ गयी है । ठीक ही कटार द्वारा 14 जनवरी को दो दिन बाद अरब देशों के शिखर सम्मेलन के आयोजन की घोषणा किये जाने के कई घंटे बाद सऊदी अरब के शाह अब्दुल्लाह ने यह भी घोषित किया है कि खाड़ी अरब देशों की सहयोग कमेटी के सदस्य देशों के नेताओं को 15 जनवरी को रियाद में होने वाले शिखर सम्मेलन में हिस्सेदारी पर आमंत्रित किया गया है , ताकि गाजा परिस्थिति पर आपात सलाह मशविरा किया जा सके । सऊदी अरब की कार्यवाही से अरब दुनिया में अपना महत्वपूर्ण स्थान और गाजा संकट में मध्यस्थता करने का अपना संकल्प जाहिर हो गया है ।

अरब दुनिया की दूसरी अहम शक्ति की हैसियत से मिश्र भी गाजा संकट की मध्यस्थता में अपरिहार्य भूमिका निभाता है । क्योंकि मिश्र इरजाइल के साथ राजनयिक संबंध रखने वाले कुछेक अरब देशों में से एक तो है और हमास के गाजा क्षेत्र के सीमांत पोर्ट से सटा देश भी है , कहा जा सकता है कि गाजा और इजराइल से उस का प्रत्यक्ष वास्ता है । मिश्र ने बराबर गाजी मुठभेड़ से जुड़े दोनों पक्षों के बीच युद्ध विराम पर सलाह मशविरा किया । इसी दृष्टि से देखा जाये , तो मिश्र गाजा मुठभेंड के समाधान के लिये और अधिक महत्वपूर्ण है । और तो और वर्तमान परिस्थिति का नवीनतम विकासक्रम मिश्र के लिये लाभदायक है । 14 जनवरी की रात को हमास ने मिश्र द्वारा प्रस्तुत युद्ध विराम समझौते को स्वीकार कर लिया और एक तफसील प्रस्ताव भी पेश किया । इजराइली राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारी 15 जनवरी को गाजा पट्टी में फायरिंग मामले पर विचार विमर्श के लिये मिश्र जा रहे हैं । दूसरे अरब देशों की तुलना में मिश्र् ने गाजा सवाल के समाधान में और उल्लेखनीय प्रगति प्राप्त कर ली है ।