इस साल चीन और अमरीका के बीच राजनयिक संबंध की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ है । 12 जनवरी को दोनों देशों के राजनीतिज्ञों, राजनयिकों और विद्वानों समेत 250 से अधिक लोगों ने पेइचिंग में दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित कर 30 वीं वर्षगांठ मनायी। उन्हों ने संगोष्ठी में चीन अमरीका के राजनयिक संबंध की स्थापना के बारे में अनुभवों का आदान प्रदान किया और इस के महत्व की चर्चा की और दोनों देशों के भावी संबंधों के विकास पर अपना अपना दृष्टिकोण बताया ।
अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर चीन अमरीका के राजनयिक संबंध की स्थापना के काम में कुंजीभूत व्यक्ति हैं, पहली जनवरी 1979को उन के कार्यकाल में चीन और अमरीका के संबंधों का सामान्यीकरण हुआ । उस समय उन्हों ने डायरी में लिखा था कि मेरे और तङ शाओफिंग के कलम से चीन अमरीका संबंध एक बिलकुल नए युग में दाखिल हो गया है। 30 साल बाद उन्हें अपने इस असाधारण योगदान पर बड़ी खुशी हुई और 12 तारीख की संगोष्ठी में उन्हों ने कहाः
यह एक अहम मोड़ है, न केवल मेरे लिए, बल्कि चीनी व अमरीकी जनता के लिए भी अहम है । तब से चीन और अमरीका दोनों महान देशों के संबंध समानता, आपसी सम्मान और समझ के आधार पर विकसित होने लगे।
पिछले तीस सालों में चीन और अमरीका के नेताओं और जनता के समान प्रयासों से दोनों देशों के संबंध टेढ़मेढे रास्ते से होकर निरंतर आगे बढ़ते गए और अन्तरराष्ट्रीय परिस्थिति के बदलने तथा द्विपक्षीय अन्तरविरोध होने के बावजूद चीन अमरीका संबंध परिपक्व होता जा रहा है। इस के अनुभवों पर चीनी स्टेट कौंसुलर व विदेश मंत्री रह चुके थांग चा श्यान ने बैठक में कहाः
पिछले 30 सालों के इतिहास का सिन्हावलोकन करते हुए हम बहुत से अच्छे अनुभव और गहरे सबक सीख सकते हैं । दोनों देशों के संबंधों के निरंतर विकास के लिए पहले समग्र स्थिति पर महत्व देते हुए दीर्घकालीन दृष्टिकोण रखना चाहिए। दूसरे, उच्च स्तरीय आवाजाही बढाकर रणनीतिक विश्वास गहरा करना चाहिए। तीसरे, साझे हितों का विस्तार कर आपसी लाभ वाले सहयोग बढाना चाहिए। चोथे, आपसी चिंता को तरजीह देते हुए मतभेदों का निपटारा करना चाहिए और पांचवें, गैरसरकारी आवाजाही बढाकर सामाजिक आधार मजबूत करना चाहिए।
कार्टर के समय के अमरीकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री ब्रजेजिनस्की ने कहा कि अब चीन अमरीका संबंध विश्व के सब से अहम द्विपक्षीय संबंधों में से एक बन गया है और दोनों के परस्पर आश्रित होने से पूरे विश्व को लाभ मिलेगा। उन्हों ने कहाः
चीन अमरीका संबंध एक दूसरे पर निर्भर जटिल संबंध है। हमें व्यवहारिक और नर्म दृष्टि से एक दूसरे को समझना चाहिए और अन्तरराष्ट्रीय संबंधों के ढांचे में प्रतिस्पर्धा व सलाह मशविरा करना चाहिए। अमरीका का राजनय जगत चीन द्वारा प्रस्तुत शांतिपूर्ण पुनरूत्थानव सामंजस्यपूर्ण विश्व की अवधारणा का उच्च मूल्यांकन करता है और उसे स्वीकार कर लेता है। हम दोनों उचित रूप से मतभेदों का समाधान करेंगे, तो विश्व और चीन अमरीका को लाभ मिलेगा।
अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री किसिंगर ने उस समय चीन की गुप्त यात्रा की और दोनों देशों के संबंधों के सामान्यीकरण में असाधारण योगदान किया था। उन्हों ने कहाः
चीन अमरीका संबंध अब एक नये काल में दाखिल हुआ है। नये काल में दोनों का घनिष्ठ सहयोग अत्याधिक महत्वपूर्ण है । हमें प्रशांत सागर पार संबंध कायम करना चाहिए । यदि ऐसा संबंध कायम हुआ, तो भावी 30 सालों में नाटकीय महत्व का परिवर्तन होगा।
वर्तमान विश्व में दोनों देशों को समान रूप से वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा है । इस पर चीनी उप विदेश मंत्री श्री ह याफी ने संगोष्ठी में कहा कि अमरीका और चीन के सामने और अधिक चुनौतियां और समान मौके आएंगे। इसलिए दोनों देशों के लिए हाथ में हाथ मिलाकर सहयोग करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।
उन्हों ने कहा कि चीन के विकास ने अमरीका और विश्व को बहुत से मौके लाए हैं । हमें खुशी है कि अमरीका के बहुत से विवेक व्यक्तियों ने यह समझ ली है कि चीन अमरीका प्रतिद्वंद्वी नहीं है, बल्कि सहयोग के साथी हैं। हमें आपसी सम्मान, समानता व आपसी लाभ तथा साझी विजय के सिद्धांत पर दोनों देशों के रचनात्मक संबंधों के स्वस्थ विकास को बढ़ाना चाहिए।