2009-01-13 11:13:25

भारत के साथ द्विपक्षीय सहयोग सुदृढ़ करने का अफगानिस्तान का संकल्प

दोस्तो , भारत यात्रा पर गये अफगान राष्ट्रपति करजाई ने 12 जनवरी को नयी दिल्ली में कहा कि आफगानिस्तान भारत के साथ एकजुट होकर आतंकवाद पर रोक लगाने को संकल्पबद्ध है । लोकमत का मानना है कि गत 26 नवम्बर को मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों के बाद श्री करजाई का मौजूदा भारत यात्रा का उद्देश्य है कि अफगानिस्तान व भारत दोनों देशों के बीच आतंकवाद विरोधी सहयोग को सुदृढ़ बनाया जाये और द्विपक्षीय संबंधों को और वढावा दिया जाये ।

श्री करजाई 11 दिसम्बर को भारत पहुंचकर दो दिवसीय यात्रा शुरू की । गत वर्ष के जुलाई में अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास पर हुए आतंकवादी हमले में सौ से अधिक लोग हताहत हुए थे , तब से लेकर आज तक के कई माहों के भीतर यह करजाई की दूसरी भारत यात्रा ही है । दोनों पक्षों ने जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा कि गत 26 नवम्बर को मुंबई में आतंकवादी हमलों के बाद श्री करजाई का मौजूदा भारत यात्रा का मुख्य उद्देश्य है कि अफगान सरकार व जनता का भारत सरकार व जनता के साथ एक सूत्र में बांधकर आतंकवाद पर रोक लगाने और क्षेत्रीय शांति व स्थिरता को बनाये रखने का संकल्प जाहिर किया जाये ।

दो दिवसीय यात्रा के दौरान श्री करजाई ने आतंक विरोधी मामले को केंद्रीय विषय बनाकर क्रमशः भारतीय प्रधान मंत्री श्री मन मोहन सिंह और विदेश मंत्री श्री मुखर्जी के साथ वार्ता की और वर्तमान दक्षिण एशियाई परिस्थिति के विकासक्रम और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्यवाही करने जैसे सवालों पर विचार विमर्श किया । वार्ता में श्री करजाई ने गत जुलाई में अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास पर हुए हमले से जुड़ी जांच पड़ताल के बारे में सूचित किया , जबकि श्री मनमोहन सिंह ने श्री करजाई को मुंबई हमलों के बारे में नवीनतम जांच पड़ताल से अवगत कराया ।

12 जनवरी को जारी संयुक्त वक्तव्य में दोनों पक्षों ने संबंधित देशों से अपना यह दायित्व निभाने के लिये अपील की है कि वे किसी भी आतंकवादी तत्वों को दूसरे देशों पर प्रहार करने में अपनी प्रादेशिक भूमि का प्रयोग करने न दें । वक्तव्य में हालांकि स्पष्टत रूप से अमुक देश का नाम नहीं बताया गया , पर विश्लेषकों ने फिर भी यह मान लिया है कि दोनों देशों ने स्पष्टतः पड़ोसी देश पाकिस्तान का संकेत दिया है । लम्बे अर्से से भारत व अफगानिस्तान ने आतंक विरोधी मामले पर कुछ न कुछ मतैक्य प्राप्त किये हैं । भारत ने बराबर पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां चलाने के लिये आतंकवादी तत्वों का समर्थन करने का आरोप लगाया है , जबकि श्री करजाई ने अनेक बार इस बात के लिये पाकिस्तान की निन्दा की है कि अफगान तालिबान की बची खुची शक्तियों ने उत्तरी पाकिस्तान के कबिलाई क्षेत्र के जरिये आतंकवादी गतिविधियां चलायीं । गत जुलाई में अफगानिस्तान स्थित भारतीय दूतावास और गत नवम्बर में मुंबई पर हमलों के बाद भारत ने पाकिस्तान के भीतर चरमपंथी संगठनों को अपना निशान बना दिया । इसी बीच पाकिस्तान ने भारत के आरोप को ठुकरा दिया और भारत से अकाट्य सबूत पेश करने को कहा , साथ ही यह आशा जतायी कि भारत इस मामले से निपटने में दक्षिण एशिय़ाई शांति व स्थिरता को बनाये रखने पर सोच विचार करेगा ।

इस के अतिरिक्त उसी दिन की वार्ता में भारत व अफगानिस्तान के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के विकास और दोनों देशों के रणनीतिक साझेदार संबंधों को मजबूत बनाने पर गहन रूप से विचार विमर्श किया । दोनों पक्षों के वक्तव्य के अनुसार भारत शीघ्र ही अफगानिस्तान को पुल कुमरी से राजधानी काबुल तक की बिजली सप्लाई लाइन और उत्तर अफगानिस्तान में स्थित चिताला की बिजली घर परियोजना को सौंप देगा । इतना ही नहीं , भारत निकट भविष्य में अफगानिस्तान को 2 लाख 50 हजार टन गैहू भी मुफ्त में प्रदान कर देगा , ताकि अफगान जनता अनाज के अभाव संकट को दूर कर सके। इधर सालों में भारत अफगान संबंध काफी सुचारु रुप से विकसित होता जारहा है ।भारत ने अफगानिस्तान के युद्धरत सामाजिक व आर्थिक निर्माण में भाग लिया है और एक अरब 20 करोड़ अमरीकी डालर मूल्य वाली सहायता परियोजना करने का वचन भी दिया है । दोनों पक्ष वर्तमान द्विपक्षीय संबंधों के विकास व पुनर्निर्माण सहयोग पर संतुष्ट हैं । श्री मनमोहन सिंह ने जोर देते हुए कहा कि भारत अफगानिस्तान को युद्धरत पुनर्निर्माण के लिये पूरी सहायता देगा ।

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