2009-01-09 18:50:41

गाज़ा क्षेत्र के युद्ध विराम को आगे बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का प्रयास जारी

आठ तारीख को, गाज़ा में युद्ध विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का प्रयास जारी रहा। इस के साथ-साथ, इज़राइल व फिलिस्तीनी इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास के बीच गाज़ा पट्टी में हुई लड़ाई भी स्थिर बनी रही। हालांकि इज़राइली प्रधान मंत्री ओल्मर्ट ने यह दोहराया कि इज़राइल ने कार्यवाई के लक्ष्य को साकार नहीं किया है, फिर भी अब लोगों का ध्यान युद्ध विराम की शर्तों पर केंद्रित हो गया है।

इज़राइली सेना ने कहा कि पिछले कई दिनों में इज़राइली वायु सेना ने निरंतर हमास के हथियार भंडार, चौकी स्टेशनों और दक्षिण गाज़ा के राफा सीमांत के तस्करी रास्तों आदि निशानों पर हमला किया है, लेकिन, इज़राइल व हमास के बीच आमने सामने फायरिंग स्पष्ट रुप से कम हो गयी है। हमास द्वारा हाल के दो दिनों में इज़राइल पर छोड़े गये रॉकेट की संख्या भी पहले के रोज औसत 40 से 50 से अब 20 तक कम हो गयी है। हालांकि मध्यम दूरी तक मार करने वाले रॉकेटों की संख्या में अपेक्षाकृत वृद्धि हुई है, फिर भी हला पहले की ही तरह भीषण नहीं रहा है।

आठ तारीख को इज़राइली रक्षा मंत्रालय के सुरक्षा व राजनीतिक मामलात ब्यूरो के प्रधान श्री अमोस जिलाद और प्रधान मंत्री के वरिष्ठ परामर्श शालोम टुर्टेमन मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचे और मिस्र के साथ मिस्र-फ्रांस युद्ध विराम प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया। इस प्रस्ताव का मुख्य विषय है फिलिस्तीनी सशस्त्र शक्ति और इज़राइल गाज़ा पट्टी में कुछ समय का युद्ध विराम पाना, मुठभेड़ को तीव्र होने से बचाने के लिए मुठभेड़ के दोनों पक्षों के बीच आपात बैठक बुलाना,सीमांत सुरक्षा को सुनिश्चित करना, गाज़ा पोर्ट को पुनः खोलना, गाज़ा पट्टी से प्रतिबंध हटाना और फिलिस्तीन के सभी दलों में मिस्र की मध्यस्थता में जातीय सुलह पाना। इज़राइल ने कहा कि वह दो सवालों पर ध्यान देता है, यानी मिस्र व गाज़ा पट्टी के बीच हथियारों की तस्करी बंद हो, इज़राइल के खिलाफ फिलिस्तीनी सशस्त्र शक्तियों के सभी तरीकों की हमले की कार्यवाइयां समाप्त हों।

फिलिस्तीनी हमास और जिहाद समेत आठ दलों ने उसी दिन सीरिया की राजधानी दमश्क में बैठक बुलाकर मिस्र-फ्रांस प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया। सम्मेलन के बाद जारी एक वक्तव्य में कहा गया है कि इस प्रस्ताव ने फिलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध कार्य को धमकी दी है और यह समस्या का समाधान करने के लिए मददगार नहीं होगा। वक्तव्य में अंतरराष्ट्रीय सेना और पर्यवेक्षकों की गाज़ा में तैनाती का विरोध भी किया और कहा कि यह कार्यवाई कब्जावरों की सुरक्षा की रक्षा के लिए और फिलिस्तीनी प्रतिरोध पर पाबंदी लगाने को मजबूत करने की हरकत है। वक्तव्य में इज़राइल से आक्रमण को बंद करने, सेना को तुरंत हटाने, प्रतिबंध को उठाने और पोर्ट को पुनः खोलने की अपील की गई। विश्लेषकों का मानना है कि देखने में फिलिस्तीनी सशस्त्र शक्तियों और इज़राइल के बीच भारी मतभेद मौजूद हैं, फिर भी युद्ध विराम पहले की दलील की तुलना में इतना कठिन नहीं रहा है।

अमरीका आदि देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा गाज़ा में युद्ध विराम को तुरंत साकार करने के प्रस्ताव का विरोध किया था, अब वे लोग मुठभेड़ के दोनों पक्षों के तुरंत युद्ध विराम के लिए प्रयास को आगे बढ़ाने का समर्थन कर रहे हैं। मिस्र और फ्रांस द्वारा संयुक्त रुप से प्रस्तुत युद्ध विराम सुझाव के प्रति अमरीकी विदेश मंत्री सुश्री राईस ने इस से पहले इस का स्वागत किया था। आठ तारीख को ब्रिटिश विदेश मंत्री श्री डेविड मिलिबैंड के साथ सलाह मश्विरा करने के बाद सुश्री राईस सुरक्षा परिषद में चिरस्थायी युद्ध विराम की मांग से मेल खाने वाले और एक चतुर्मुखी प्र्सताव को पारित करने का समर्थन करेगी।इस के बाद इस प्रस्ताव मसौदे को ब्रिटेन द्वारा गाज़ा समस्या पर संयुक्त राष्ट्र संघ के अरब देशों के प्रतिनिधि मंडल को अध्ययन के लिए दिया गया ।

विचार विमर्श के बाद अरब देशों के प्रतिनिधियों और प्रमुख पश्चिमी देशों के बड़े देशों ने आखिरकार संबंधित मसौदे के विषयों पर सहमति प्राप्त की है। अरब देशों को रियायत देने के लिए मसौदे में गाज़ा में तुरंत, अनवरत व चतुर्मुखी युद्ध विराम को साकार करने और इज़राइल से तुरंत गाज़ा से सेना हटाने पर जोर दिया गया है। इस के अलावा, मसौदे में सभी तरीकों की शत्रुतापूर्ण कार्यवाइयों और आम नागरिकों के खिलाफ आतंकवादी कार्यवाइयों की निंदा भी की गयी और गाज़ा से इज़राइल के प्रतिबंध को उठाने की मांग भी पेश की गयी। ब्रिटिश विदेश मंत्री श्री मिलिबैंड ने आठ तारीख को घोषणा की कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद उसी रात को इस मसौदे पर मतदान करेगी।

इज़राइली राष्ट्रीय सुरक्षा अनुसंधान अकादमी के प्रधान श्री ओदेद एरन ने अनुमान लगाया कि हालांकि मसौदे से प्रस्ताव तक बदलने पर एक ठोस युद्ध विराम कार्यकारिणी प्रस्ताव में परिवर्तित करने के लिए एक प्रक्रिया की ज़रुरत है।जबकि इज़राइल व हमास सशस्त्र शक्तियों के बीच युद्ध विराम की ठोस स्थिति और ब्यूरों पर विचार-विमर्श में भी लेनदेन होगा। यदि संबंधित विभिन्न पक्षों के बीच संपर्क सुभीतापूर्ण हो, तो हालिया गाज़ा संकट अमरीकी निर्वाचित राष्ट्रपति ओबामा के पद ग्रहण से पहले दूर किया जा सकेगा।(श्याओयांग)