2009-01-09 17:33:49

चीन ने प्रतिभाशाली विज्ञानियों को सर्वोच्च पुरूस्कार प्रदत्त किया

श्रोताओ, 2008 का चीन का सर्वोच्च विज्ञान तकनीक पुरूस्कार 9 तारीख को पेइचिंग में प्रदत्त किया गया, इन में चीन के तंत्रिका विज्ञानी, चीन के इंजीनीयरिग अकादमी के अकादमिशन वांग चुंग छन और धरती दुर्लभ धातु के विभाजन क्षेत्र में अपना अभूतपूर्व योगदान करने वाले चीनी विज्ञान अकादमी के अकादमिशन श्वी क्वांग श्येन हैं। चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने इसी दिन आयोजित चीनी राष्ट्रीय सर्वोच्च विज्ञान तकनीक पुरूस्कार सभा में कहा कि विश्व वित्तीय संकट का सामना करने के लिए चीन सरकार अधिकाधिक विज्ञान-ज्ञान व तकनीकी शक्ति को महत्व देगी और अर्थतंत्र के सतत तेज विकास को प्रेरित करेगी। लीजिए प्रस्तुत है इस विषय पर एक सामयिक वार्ता।

चीनी राष्ट्राध्यक्ष हू चिन थाओ ने विशेष तौर से इन दो विज्ञानियों को उनकी अभूतपूर्व उपलब्द्धियों पर 50 लाख य्वान का पुरूस्कार प्रदत्त किया। ध्यान देने की बात तो यह है कि दोनों विज्ञानियों का संबंध चीन के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय पेइचिंग विश्वविद्यालय के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़ा हुआ है। श्री वांग चुंग छन पेइचिंग यूनीवर्सिटी के मेडिकल कालेज से स्नातक हुए हैं और श्री श्वी क्वांग श्येन पेइचिंग यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं।

84 वर्षीय तंत्रिका विज्ञान के विशेषज्ञ वांग चुंग छन पिछले 60 साल से चिकित्सक रहे चुके हैं और उन्होने 10 हजार से ज्यादा मस्तिष्क ओपरेशन में सफलताएं प्राप्त की हैं। वह विश्व तंत्रिका विज्ञान संयुक्त संघ के चीन के सर्वोच्च माननीय पुरूस्कार विजेता भी है। उन्होने अपने साथियों के साथ तंत्रिका रोग तकनीक में जो सफलता पायी हैं उसने चीन के विश्व की समुन्नत स्तर के अन्तराल को 30 साल कम कर दिया है। उन्होने कहा(आवाज 1) हम विश्व समुन्नत स्तर की स्वंय सृजन उपलब्द्धियों को पूर्ण रूप से आगे बढ़ाएगें, ताकि चीन के तंत्रिका रोग विषय के पूर्ण स्तर को उन्नत किया जा सके। हमारा तंत्रिका विज्ञान कमजोर से ताकतवर से गुजर कर आज दुनिया की समुन्नत पंक्ति में गिना जाने लगा है, चीन ने इस क्षेत्र में भारी प्रगति हासिल की है।

श्री वांग चुंग छन हालांकि आपरेशन कार्य से विदा ले चुके हैं, लेकिन वह इस क्षेत्र में अपना योगदान करने पर एक दिन भी नहीं रूके हैं। उन्होने अखिल चीन तंत्रिका विज्ञान संघ की स्थापना कर भारी संख्या में तंत्रिका रोग के सुयोग्य चिकित्सकों को प्रशिक्षण किया , इस के साथ उन्होने वांग चुंग छन सर्वेक्षेष्ठ प्रतिभाशाली पुरूस्कार कोष की भी स्थापना कर दूरगामी क्षेत्रों के तंत्रिका रोग के उपचार के निर्माण में पूंजी सहायता भी प्रदान की हैं।

अन्य पुरूस्कृत विज्ञानी , 89 वर्षीय कैमिस्ट श्वी क्वांग श्येन लम्बे अर्से से भौतिक रसायन-विज्ञान व ओर्गेनिक रसायन विज्ञान की शिक्षा व अनुसंधान में लगे हुए हैं। उन्होने अपने साथियों के साथ धरती दुर्लभ धातु सिद्धांत व अन्य तकनीकी अनुसंधान में नया सुधार लाकर चीन के धरती दुर्लभ धातु भंडारण देश के नाम को रौशन किया है, लेकिन पिछले सालों में पिछड़ी उत्पादन तकनीक की वजह से इस क्षेत्र के उत्पादों को मुख्य तौर से विदेशों से आयात किया जाता रहा है, परिशुद्घ धरती दुर्लभ धातु उत्पादों की खपत में लगातार गिरावट होती रही है। जबकि चीन द्वारा उत्पादित परिशुद्ध धरती दुर्लभ धातु उत्पाद दुनिया की उत्पादन मात्रा का 90 से अधिक प्रतिशत बनता है।

चीनी राष्ट्रीय सर्वोच्च विज्ञान पुरूस्कार हर साल केवल दो विज्ञानियों को प्रदत्त किया जाता है, इस में प्रमुखता आधुनिक विज्ञान तकनीक के अग्रिम मोर्चे में हासिल अभूतपूर्व उपलब्द्धियां प्राप्त या अपने अविष्कार से चीन को भारी आर्थिक लाभ दिलाने वाले असाधारण विज्ञानियों को इस सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया जाता है। अब तक चीन ने 14 विज्ञानियों को चीन के राष्ट्रीय सर्वोच्च विज्ञान पुरूस्कार से सम्मानित किया है।

चीनी प्रधान मंत्री वन च्या पाओ ने इसी दिन आयोजित चीनी राष्ट्रीय विज्ञान पुरूस्कार प्रदत्त सभा में बोलते हुए कहा कि चीन को विज्ञान तकनीक को भविष्य के विकास व नेतृत्व की दिशा का स्तंभ बनाना चाहिए। मौजूदा वित्तीय संकट में चीन सरकार अधिकाधिक विज्ञान शक्ति व विज्ञान ज्ञान को भारी महत्व देगी और अर्थतंत्र के सतत तेज विकास को प्रेरित करेगी। उन्होने कहा (आवाज 2) राष्ट्रीय के दीर्घकालीन व मध्यकालीन विज्ञान तकनीक विकास कार्यक्रम को ,विशेषकर वर्तमान घरेलु जरूरत व अर्थतंत्र की वृद्धि को कायम करने के लिए पेशकश की गयी 16 मुददों के साथ ताल मेल बिठाने की कोशिशों को बखूबी अंजाम देना चाहिए, ताकि अर्थतंत्र व सामाजिक विकास की कुंजीभूत तकनीक की परिसीमन शक्ति को दूर किया जा सके और विकास तरीके में परिवर्तन लाकर उद्योगों के ढांचेगत के स्तर को उन्नत किया जा सके।

इसी दिन अन्य 340 से अधिक विज्ञान तकनीक उपलब्द्धियों से संबंधित अनेक विज्ञानियों को प्राकृतिक विज्ञान पुरूस्कार, राष्ट्रीय तकनीक अविष्कार पुरूस्कार व राष्ट्रीय विज्ञान तकनीक प्रगति पुरूस्कार से सम्मानित किया गया। अमरीका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी से आए तीन विज्ञानियों को चीनी अन्तरराष्ट्रीय विज्ञान तकनीक सहयोग पुरूस्कार से भी सम्मानित किया गया।