2009-01-06 10:39:25

भारत ने पाक को मुंबई आतंकी हमले के बारे में सबूत प्रदान किए

भारत के विदेश मंत्री मुखर्जी ने 5 तारीख को नई दिल्ली में घोषित किया कि भारत ने उसी दिन पाकिस्तान को मुंबई आतंकी हमले के पीछे पाक के अन्दर सक्रिय सशस्त्र शक्तियों का हाथ होने के सबूत प्रदान किए। लोकमतों का कहना है कि इस से मुंबई आतंकी हमले के कारण दोनों देशों के बीच उत्पन्न तनाव में शैथिल्य आने की आशा प्रकट हुई है।

रिपोर्टों के मुताबिक, भारतीय विदेश सचिव मेनोन ने उसी दिन भारत स्थित पाक उच्चायुक्त मालिक को भारत द्वारा प्राप्त सबूत मुहैये किए, जिस में आतंकी हमले के मौके पर पकड़े गए आतंकी मोहम्मेद अजमाल कसाब की पुलिस को दी गयी बयान, आतंकी हमले के दौरान हमलावरों और पाक में रह रहे लोगों के साथ तेलीफोन रिकार्ड, आतंकी हमले के दौरान बरामद किए गए हथियार और हमलावरों के पास से बरामद किए गए सैलफोन, जीपीएस सिस्टम के संबंधित डेटा शामिल हैं। भारतीय अधिकारी के अनुसार इन सबूतों से पूरी तरह साबित हुआ है कि मुंबई आतंकी हमला रचने वाले पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन के सदस्य हैं । भारतीय विदेश मंत्री मुखर्जी ने कहा कि भारत की आशा है कि पाक सरकार शीघ्र ही आगे जांच करेगी और भारत को जांच के परिणाम का उपभोग करने देगी, ताकि यथाशीघ्र आतंकी हमले के पीछे छिपे सूत्रधारों को कानून के अनुसार सजा दी जाए।

पिछले साल की 26 नवम्बर को मुंबई आतंकी हमले के बाद भारत ने माना कि इस हमले के पीछे पाक से आए आतंकवादी संगठन का हाथ है। इस से भारत में पाक विरोधी आवाज बुलंद हो गयी। इस के बाद दोनों देशों ने सीमा पर भारी बल-शक्ति का जमावट किया और प्रमाणु शस्त्रों से लैस दोनों देशों के बीच तनाव अचानक बढ़ गया । लेकिन पाकिस्तान पर हमला करने या नहीं करने के सवाल पर भारत दुविधा में पड़ गया। यदि भारत सरकार देश के लोकमत में मुंबई घटने को अपना बड़ा अपमान समझने की हालत में भी प्रबल प्रतिक्रिया नहीं करेगी ,तो सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी को विरोधी पार्टियों की कड़ी निन्दा का सामना करना पड़ेगा। इस से गंभीर बात यह है कि आगामी मार्च में होने वाले आम चुनाव में कांग्रेस पार्टी को हार की खानी पड़ेगी। यदि पाकिस्तान के जबरदस्त विरोध की हालत में भारत पाक के भीतर सशस्त्र शक्तियों के शिविरों पर हवाई हमले बोले, तो भी भारत के लिए एक बड़ा जोखिम साबित हो सकेगा। क्योंकि पाक के पास भी नाभिकीय हथियार और बेशुमार समुन्नत नियमित शस्त्र हैं। दोनों देशों के बीच अतीत में तीन बार युद्ध हुए थे, यदि चौथी बार युद्ध छिड़ा, तो पाक के छोटा देश होने के बावजूद भारत सच्चे माइने का पराजित देश बनेगा। क्योंकि युद्ध के जरिए भारत को कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं हो सकेगा, उल्टे तेज आर्थिक विकास के मौके से हाथ धो जाएगा। जैसाकि एक भारतीय राजनीतिज्ञ ने कहा है कि यदि भारत पाक युद्ध हुआ, तो भारत का अर्थतंत्र पीछे 20 साल हट जाएगा। युद्ध के नदीजे में दोनों देश बाजी से हार होंगे।

मुंबई आतंकी हमले के बाद आरंभिक दिनों में युद्ध का ललकार होने के बाद भारतीय राजनीतिज्ञों की आवाज भी अब धीमी पड़ गयी। भारतीय नेताओं ने इन दिनों इस पर ज्यादा बल दिया है कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों पर प्रहार करने के लिए सक्रिय कदम उठाना चाहिए और भारत को मुंबई आतंकी हमले की जांच करने में मदद देना चाहिए। इस बीच, अमरीका, ब्रिटेन, रूस और चीन आदि बड़े देशों ने भी भारत और पाक में बीचबचाव करने की कोशिश की और प्रतिरोध की जगह सहयोग करने की अपील की। चीन सरकार के विशेष दूत, उप विदेश मंत्री ह याफी ने 5 जनवरी को नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री मुखर्जी से मुलाकात के समय कहा कि भारत और पाक दोनों चीन के अच्छे पड़ोसी हैं, चीन की आशा है कि दक्षिण एशिया में शांति व स्थिरता बनी रहेगी और दोनों पक्ष दोनों देशों के शांति व विकास की समग्र स्थिति और अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद विरोध के समान लक्ष्य से प्रस्थान होकर वार्ता व सलाह के माध्यम उचित रूप से दोनों के बीच संबंधित समस्याओं को हल करेंगे।

विभिन्न पहलुओं की स्थिति के मुताबिक, भारत एक नया भारत पाक युद्ध नहीं चाहता है, क्योंकि जब एक बार युद्ध हुआ, तो इस का नदीजा अनुमान और नियंत्रण से बाहर हो सकेगा। इसलिए भारत की कांग्रेस सरकार ने बल-प्रयोग के बजाए अन्य तरीके से वर्तमान राजनीतिक गतिरोध दूर करने का निश्चय किया । 5 जनवरी को भारत द्वारा पाक को संबंधित सबूत प्रदान किए जाने से व्यक्त हुआ है कि भारत और पाक की सरकारी मीडिया संस्था कुछ दिन पहले के एक दूसरे पर प्रहार छोड़ कर वार्ता व सहयोग के लिए तैयार हो गयी।

इधर दिनों, पाक नेताओं ने कहा था कि मुंबई आतंकी हमला घटना गैर राजकीय हरकत है। पाकिस्तान भारत को जांच करने में सहयोग देगा। इस से जाहिर है कि पाक मानता है कि हमलावर पाक से आए थे, लेकिन नहीं मानता कि आतंकी संगठन सरकार से नियंत्रित है। और पाक सरकार इस घटने की जांच पड़ताल में भारत के साथ सहयोग चाहता है,जो मुंबई आतंकी हमले की जांच और दोनों देशों के बीच तनाव में शैथिल्य के लिए लाभदायक है।