वर्ष 1981 में श्वुआन खह ने कुछ बूढ़े नाशी जातीय संगीतकारों को इक्ट्ठा किया और चीनी हान जातीय क्षेत्र में लुप्त अनेक मशहूर प्राचीन संगीत धुनों का अभ्यास करने लगे । वर्ष 1984 में उन्होंने नाशी प्राचीन संगीत संघ की स्थापना की । वर्ष 1988 में उन्होंने दस से अधिक बूढ़े नाशी संगीतकारों, दस से ज्यादा दुर्लभ वाद्य यंत्रों से गठित दायान नाशी प्राचीन संगीत दल की स्थापना की । इन के अलावा उन्होंने 23 संगीत धुनों का संग्रह किया, नए संगीतकारों का प्रशिक्षण किया और संगीत दल स्थापित कर ली च्यांग के प्राचीन शहर में हर रात को नाशी प्राचीन संगीत प्रदर्शित करना शुरु किया ।
नाशी प्राचीन संगीत के प्रदर्शन के वक्त श्वुआन खह विस्तृत रूप से हर धुन की शैली व स्रोत का परिचय देते हैं । वे आम तौर पर चीनी हान भाषा, अंग्रेज़ी और नाशी जातीय भाषा का प्रयोग कर बहुभाषीय व्याख्या करते हैं । प्राचीन संगीत, प्राचीन वाद्ययंत्र और जातीय पोशाक नाशी प्राचीन संगीत दल की प्रस्तुति में दर्शकों के सामने आते हैं । इस तरह नाशी जातीय प्राचीन संगीत ली च्यांग संस्कृति का एक मशहूर ब्रांड बन गया है । अब ली च्यांग आकर नाशी प्राचीन संगीत सुनना बहुत लोकप्रिय हो रहा है ।
ली च्यांग शहर का मौसम बहुत सुहावना है, सांस्कृतिक व कलात्मक वातावरण खुला हुआ है । इस तरह देश के यहां तक कि विश्व के विभिन्न स्थलों से आए लोग इस शहर में प्रवेश करते हैं । बड़ी संख्या में बाहरी संस्कृति के प्रवेश से प्राचीन ली च्यांग शहर पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं ?इस की चर्चा में श्वुआन खह ने कहा कि विभिन्न संस्कृतियां इस प्राचीन शहर में सामंजस्यपूर्ण रूप से रहेंगी । उन का कहना है:"वास्तव में छह सौ वर्ष पूर्व से हमारे यहां विभिन्न संस्कृतियां मिश्रित होने लगीं थीं। हान जाति की संस्कृति और स्थानीय अल्पसंख्यक जातियों की संस्कृतियों के बीच मेल होता रहा है। अब ली च्यांग शहर में पचास या साठ विदेशी परिवार रहते हैं । विभिन्न प्रकार की संस्कृतियां इसी शहर में मिलती-जुलती हैं । हमें इस की चिंता नहीं है, सवाल के समाधान का उपाय है विभिन्न संस्कृतियों को एक साथ मिलाना ।"